बीते आठ सालों में सरकारी नौकरियों के लिए 22 करोड़ आवेदन, 7.22 लाख को नौकरी मिली

केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014-15 से 2021-22 के बीच उसके विभागों को नौकरियों के लिए 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन नौकरी एक फीसदी से भी कम (0.33) उम्मीदवारों को मिली. वहीं, वर्ष 2019-20 को छोड़ दें तो केंद्र द्वारा दी जाने वाली नौकरियों में 2014-15 के बाद से साल दर साल गिरावट देखी गई है.

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Moradabad: Candidates check notice board for their allotted seats before appearing for the NEET UG exam, at an examination centre in Moradabad, Sunday, July 17, 2022. (PTI Photo)(PTI07 17 2022 000107B)

केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014-15 से 2021-22 के बीच उसके विभागों को नौकरियों के लिए 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन नौकरी एक फीसदी से भी कम (0.33) उम्मीदवारों को मिली. वहीं, वर्ष 2019-20 को छोड़ दें तो केंद्र द्वारा दी जाने वाली नौकरियों में 2014-15 के बाद से साल दर साल गिरावट देखी गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: लोकसभा में केंद्र सरकार ने एक लिखित जवाब में बताया है कि बीते आठ सालों में उसके विभिन्न विभागों में नौकरी के 22.05 करोड़ आवेदन आए, जिनमें से केवल 7.22 लाख आवेदकों को ही नौकरी मिल सकी जो कुल आवेदनों का एक फीसदी से भी कम है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में प्रस्तुत सरकारी आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि बीते आठ सालों में केंद्र सरकार के विभागों में दी जाने वाली सरकारी नौकरियों की संख्या में साल दर साल गिरावट आई है.

केंद्र सरकार ने बुधवार, 27 जुलाई को लोकसभा में बताया कि 2014-15 से 2021-22 के बीच प्राप्त हुए 22.05 करोड़ आवेदनों में से केवल 7.22 लाख (0.33 फीसदी) आवेदकों को ही विभिन्न केंद्रीय सरकारी विभागों में नियुक्ति मिली.

एक लिखित जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के राज्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को सूचित किया कि वर्ष 2019-2020 में सर्वाधिक उम्मीदवारों (1.47 लाख) की नियुक्तियां हुईं.

व्यापक तौर पर देखने पर सामने आता है कि केंद्र सरकार की नौकरियों में चयनित उम्मीदवारों की संख्या वर्ष 2014-15 से लगातार गिर रही है, केवल वर्ष 2019-20 ही इस बीच अपवाद रहा है.

वर्ष 2014-15 में कुल 1.30 लाख उम्मीदवारों की नियुक्ति की सिफारिश की गई थी, लेकिन बाद के सालों में यह संख्या लगातार गिरती गई. 2015-16 में 1.11 लाख, 2016-17 में 1.01 लाख, 2017-18 में 76147, 2018-19 में 38100, 2020-21 में 78555 और 2021-22 में 38850 उम्मीदवारों को नौकरी मिली.

(स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस)

एक तरफ जहां पिछले आठ सालों में केवल 7.22 लाख उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई है, तो दूसरी तरफ इसी साल 14 जून को केंद्र सरकार घोषणा करते देखी गई थी कि वह अगले 18 महीनों में 10 लाख लोगों की ‘मिशन मोड’ पर नियुक्ति करेगी.

यह घोषणा प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधनों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद की थी.

सिंह द्वारा प्रदान सूचना यह भी दिखाती है कि 2014 से प्राप्त हुए कुल 22.05 करोड़ आवदेनों में से 2018-19 में सबसे ज्यादा (5.09 करोड़) आवेदन प्राप्त हुए और सबसे कम वर्ष 2020-21 में (1.80 करोड़) प्राप्त हुए.

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि आठ सालों में प्राप्त कुल आवेदनों का वार्षिक औसत 2.75 करोड़ आवेदन प्रतिवर्ष निकलता है, वहीं इस दौरान चयनित हुए कुल उम्मीदवारों का वार्षिक औसत 90,288 उम्मीदवार प्रतिवर्ष है.

इन आठ सालों के दौरान प्राप्त हुए आवेदनों में हर साल प्राप्त हुए कुल आवेदनों पर मिलने वाली कुल नौकरियों का अनुपात निकालें तो वह 0.7 फीसदी से 0.82 फीसदी के बीच रहा.

वर्ष 2018-19 में कुल आवदेन 5,09,36,479 प्राप्त हुए लेकिन नौकरी केवल 0.07 फीसदी (38,100) उम्मीदवारों को ही मिली. वहीं, 2019-20 में सबसे कम 1,78,39,752 आवेदन प्राप्त हुए थे और नौकरी सबसे अधिक (1,47,096) उम्मीदवारों को मिली, जिसका अनुपात 0.82 फीसदी बैठता है.

तेलंगाना के कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी के सवाल के जवाब में नौकरी सृजन संबंधी केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं गिनाते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘रोजगार सृजन के साथ रोजगार क्षमता बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है. उसी के मुताबिक भारत सरकार ने देश में रोजगार पैदा करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं.’