मध्य प्रदेश: जबलपुर के निजी अस्पताल में लगी आग में आठ लोगों की मौत, जांच के आदेश

जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में सोमवार दोपहर लगी भीषण आग में चार मरीज़ों सहित आठ लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य झुलस गए. कलेक्टर ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रियल स्तर की जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही अस्पताल के डायरेक्टर और मैनेजर के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है.

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जबलपुर स्थित अस्पताल में आग लगने से आठ लोगों की मौत हुई. (फोटो: पीटीआई)

जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में सोमवार दोपहर लगी भीषण आग में चार मरीज़ों सहित आठ लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य झुलस गए. कलेक्टर ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रियल स्तर की जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही अस्पताल के डायरेक्टर और मैनेजर के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है.

जबलपुर स्थित अस्पताल में आग लगने से आठ लोगों की मौत हुई. (फोटो: पीटीआई)

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में तीन मंजिला एक निजी अस्पताल में सोमवार दोपहर को भीषण आग लग गई, जिससे चार मरीजों सहित आठ लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य झुलस गए. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है.

जबलपुर के जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया और 30 बिस्तर वाले अस्पताल से सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. उन्होंने कहा कि जब आग लगी थी, उस वक्त अस्पताल के अंदर करीब 20 से 25 लोग मौजूद थे.

उनके अनुसार मृतकों में चार मरीज, अस्पताल के तीन कर्मचारी और एक अन्य व्यक्ति शामिल है, जो मरीज के साथ उसकी देखभाल करने के लिए आया हुआ था.

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिद्धार्थ बहुगुणा ने मीडिया को बताया कि आग गोहलपुर थाना क्षेत्र में दमोह नाका के पास न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में दोपहर करीब ढाई बजे लगी.

उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्ट्या शॉर्ट सर्किट के कारण यह आग लगी. यह आग भूतल से शुरू हुई और देखते-देखते ऊपर की तीनों मंजिलों को इसने अपनी चपेट में ले लिया.

बहुगुणा ने बताया कि आग लगने के कारण अस्पताल के भूतल में स्थित बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में मौजूद लोग बाहर आ गए थे. पहली मंजिल में स्थित आईसीयू वार्ड के लोग बाहर निकल पाते कि इसके पहले ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया.

उन्होंने कहा कि सूचना मिलने पर दमकल व पुलिस विभाग के कर्मी घटनास्थल पहुंचे. उन्होंने आईसीयू से 13 व्यक्तियों को बाहर निकाला, जिनमें से कई आग से झुलस गए और कई धुएं के कारण सांस नहीं लेने के कारण बेहोश हो गए थे. इन सभी को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया, जिनमें से आठ व्यक्तियों की मौत हो गई तथा दो व्यक्तियों की हालत गंभीर है. तीन लोगों की हालत खतरे से बाहर है.

जबलपुर के एक दमकल अधिकारी कुशरगरा ठाकुर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें दोपहर करीब 2:15 बजे एक फोन आया, उसके बाद दमकल की चार गाड़ियां और आ 40 कर्मियों को मौके पर भेजा गया.

उन्होंने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि जब अस्पताल के अधिकारियों ने बिजली बंद होने के बाद जनरेटर चालू किया, तो वोल्टेज में उतार-चढ़ाव आया, जिसके परिणामस्वरूप चिंगारी निकली और आग लग गई.’

ठाकुर ने कहा कि आग ने ऊपरी मंजिलों तक फैलने से पहले भूतल पर स्थित फार्मेसी को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे अस्पताल का प्रवेश और निकास बिंदु अवरुद्ध हो गया.

अधिकारी ने कहा, ‘अस्पताल के अंदर से सात लोगों को बचा लिया गया है, लेकिन सभी को बेहोशी की हालत में बाहर लाया गया था, जिन्हें गंभीर चोटें आई थीं. वे अस्पताल के गलियारों में पाए गए थे.’

जबलपुर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि अस्पताल का जनवरी 2021 में पंजीकृत किया गया था.

अधिकारियों के अनुसार, अस्पताल ने मार्च 2021 में एक अस्थायी एनओसी के लिए आवेदन किया था. लेकिन दिसंबर 2021 तक इसने स्मोक डिटेक्टर, हौज़ पाइप और पानी के टैंक जैसे अग्निशमन इंतजाम नहीं थे, वहां केवल पोर्टेबल अग्निशामक यंत्र थे.

इसके बाद दिसंबर 2021 में अस्पताल के लाइसेंसिंग अथॉरिटी को फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं करने को लेकर नोटिस जारी किया गया था. कलेक्टर ने कहा कि घटना की मजिस्ट्रियल स्तर की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और इसकी अध्यक्षता एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट करेंगे.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं.

मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘जबलपुर में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना हुई है. मैं निरंतर जिला प्रशासन के संपर्क में हूं. आग पर काबू पाया जा चुका है. जो घायल हैं, उनको दूसरे अस्पताल में उपचार के लिए भेजकर बेहतर उपचार की व्यवस्था की जा रही है.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने जबलपुर के आयुक्त को घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं.’

चौहान ने कहा, ‘हम दुर्घटना के कारणों का भी पता करेंगे और दोषियों को दंडित भी करेंगे. फिलहाल हमारी प्राथमिकता है कि जो दुर्घटना में घायल हुए हैं, उनका समुचित उपचार हो जाये. मैं दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा हूं और लगातार राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ले रहा हूं.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जायेगी. घायलों के संपूर्ण इलाज का व्यय भी सरकार वहन करेगी.’’

दैनिक भास्कर के मुताबिक, इसी बीच, अस्पताल के डायरेक्टर्स और मैनेजर के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है.

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. संजय पटेल, डॉ. संतोष सोनी और मैनेजर राम सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और मैनेजर को हिरासत में लिया गया है.

उन्होंने ये भी बताया कि परमिशन देने वाले सरकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है. यदि उनकी भूमिका मिली तो उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा.

पुलिस ने अस्पताल को बैरिकेडिंग कर सील कर दिया है. फॉरेंसिक की टीम भी आग के कारणों की जांच कर रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)