अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि सीआईए द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-ज़वाहिरी मारा गया. अमेरिका पर 9/11 को हुए हमलों की साज़िश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी. तालिबान ने ज़वाहिरी की हत्या के लिए चलाए गए अमेरिकी अभियान को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन कहा है.
वाशिंगटन: अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में अल-कायदा का सरगना अयमान अल-ज़वाहिरी मारा गया.
अमेरिका पर 9/11 को हुए हमलों की साजिश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी. ओसामा बिन-लादेन को ‘यूएस नेवी सील्स’ ने दो मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में एक अभियान में मार गिराया था. ज़वाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में ज़वाहिरी मारा गया. ज़वाहिरी काबुल स्थित एक मकान में अपने परिवार के साथ छिपा था.
On Saturday, at my direction, the United States successfully conducted an airstrike in Kabul, Afghanistan that killed the emir of al-Qa’ida: Ayman al-Zawahiri.
Justice has been delivered.
— President Biden (@POTUS) August 1, 2022
राष्ट्रपति ने कहा, ‘इंसाफ हुआ और यह आतंकवादी मारा गया.’
मिस्र के 71 वर्षीय सर्जन जवाहिरी पर 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम था. उसने पहले बिन-लादेन की छत्रछाया में काम किया और बाद में उसके उत्तराधिकारी के तौर पर अल कायदा की बागडोर संभाली. 2011 में लादेन के मारे जाने के करीब 11 साल बाद ज़वाहिरी मारा गया.
बाइडन ने ह्वाइट हाउस में सोमवार की शाम एक संबोधन में कहा, ‘मैंने ही उस हमले की अनुमति दी थी, ताकि उसे हमेशा के लिए खत्म किया जा सके.’
अधिकारियों के अनुसार, ज़वाहिरी एक मकान की बालकनी में था, तभी ड्रोन से उस पर दो मिसाइल दागी गईं. उसके परिवार के बाकी सदस्य भी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्हें कोई चोट नहीं आई है केवल ज़वाहिरी मारा गया है.
बाइडन ने कहा, ‘9/11 हमलों की साजिश रचने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. अमेरिकी सरजमीं पर किए सबसे घातक इस हमले में 2,977 लोग मारे गए थे. दशकों तक उसने अमेरिकियों के खिलाफ कई हमलों की साजिश रची.’
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘अब, न्याय हुआ और यह आतंकवादी सरगना मारा गया है. दुनिया को अब इस दरिंदे हत्यारे से डरने की जरूरत नहीं है.’
‘सीएनएन’ ने बाइडन के हवाले से कहा, ‘अमेरिका उन लोगों से अमेरिकियों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा, जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. हम आज एक बार फिर यह स्पष्ट करते हैं कि भले ही कितना ही समय लग जाए, भले ही तुम कहीं भी छिपे हों, अगर तुम हमारे लोगों के लिए खतरा हो तो अमेरिका तुम्हें ढूंढेगा और तुम्हारा खात्मा करेगा.’
बाइडन ने कहा कि यह हमला अमेरिकी खुफिया समुदाय की ‘असाधारण दृढ़ता और कौशल’ का ही परिणाम है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे खुफिया विभाग को इस साल की शुरुआत में ज़वाहिरी का पता चला था. वह अपने परिवार से मिलने काबुल गया था.’’
बाइडन ने कहा कि 2001 के हमले का शिकार बने लोगों के परिवार वालों को आखिरकार अब सुकून मिला होगा.
I made a promise to the American people that we’d continue to conduct effective counterterrorism operations in Afghanistan and beyond.
We have done that. pic.twitter.com/441YZJARMX
— President Biden (@POTUS) August 2, 2022
उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2000 में अदन में ‘यूएसएस कोल’ पर आत्मघाती बमबारी सहित ज़वाहिरी ने कई अन्य हिंसक घटनाओं की भी साजिश रची थी. ‘यूएसएस कोल’ पर हुए हमले में अमेरिका के 17 नौसैनिक मारे गए थे.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के करीब 11 महीने बाद एक महत्वपूर्ण आतंकवाद रोधी अभियान में अमेरिका ने यह सफलता हासिल की है.
अफगानिस्तान में युद्ध के बाद करीब दो दशक तक अपने सैनिकों को देश में रखने के बाद अमेरिका ने 11 महीने पहले उन्हें वापस बुला लिया था.
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, ज़वाहिरी मिस्र के एक प्रतिष्ठित परिवार से नाता रखता था. उसके दादा रबिया अल-ज़वाहिरी काहिरा के प्रतिष्ठित अल-अजहर विश्वविद्यालय में इमाम थे. उसके एक रिश्तेदार अब्देल रहमान आजम अरब लीग के पहले सचिव थे.
ज़वाहिरी ने 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर हुए हमलों को अंजाम देने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी.
सितंबर 2014 में, ज़वाहिरी ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में पनाहगाहों का फायदा उठाते हुए भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) के गठन की घोषणा की थी.
ज़वाहिरी ने तब कहा था, ‘अल-कायदा की एक नई शाखा भारतीय उपमहाद्वीप में कायदा अल-जिहाद का गठन, जिहाद का झंडा ऊंचा करने और भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लामी शासन वापस लाने के लिए किया गया है.’
तालिबान ने अमेरिकी हमले की निंदा की
इस बीच, तालिबान के एक प्रवक्ता ने ज़वाहिरी की हत्या करने के लिए चलाए गए अमेरिकी अभियान को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया.
‘बीबीसी’ ने प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘इस तरह की कार्रवाइयां पिछले 20 साल के असफल अनुभवों को दोहराती हैं और अमेरिका, अफगानिस्तान तथा क्षेत्र के हितों के खिलाफ हैं.’
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘काबुल शहर के शेरपुर इलाके में एक मकान पर 31 जुलाई को हवाई हमला किया गया.’
Statement of the spokesperson of the Islamic Emirate regarding the drone attack in Kabul cityhttps://t.co/WWQC4iMo4a pic.twitter.com/hobpGFMiRl
— Zabihullah (..ذبـــــیح الله م ) (@Zabehulah_M33) August 2, 2022
उन्होंने कहा, ‘घटना के बारे में पहले स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई थी. बाद में इस्लामिक अमीरात के सुरक्षा एवं खुफिया विभागों ने घटना की जांच की और प्राथमिक जांच में पता चला है कि एक अमेरिकी ड्रोन ने यह हवाई हमला किया.’
ज़वाहिरी की 1997 में मिस्र के शहर लक्सर में विदेशी पर्यटकों पर हुए हमलों में भी संलिप्तता थी, जिसमें 62 लोग मारे गए थे. मिस्र की एक सैन्य अदालत ने 1999 में उसे मौत की सजा सुनाई थी. सुनवाई के दौरान ज़वाहिरी मौजूद नहीं था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)