पटना स्थित सुल्तान पैलेस, 1922 में पटना के प्रसिद्ध बैरिस्टर सर सुल्तान अहमद द्वारा बनवाया गया था, जिन्होंने पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में भी काम किया था. वह 1923 से 1930 तक पटना विश्वविद्यालय के पहले भारतीय कुलपति भी रहे थे. बिहार सरकार ने इस ऐतिहासिक इमारत को गिराकर उसके स्थान पर पांच सितारा होटल बनाने का फैसला किया, जिसका लोग विरोध कर रहे हैं.
नई दिल्ली/पटना: बिहार की राजधानी पटना के एक सदी पुराने सुल्तान पैलेस को बचाने के लिए जारी अभियान जोर पकड़ता दिख रहा है. इस ऐतिहासिक इमारत को गिराकर उसके स्थान पर पांच सितारा होटल बनाने के बिहार सरकार के कदम के खिलाफ लोगों ने ऑनलाइन मुहिम भी शुरू की है.
कुछ नागरिकों ने बुधवार शाम को ट्विटर पर इसे बचाने के लिए आह्वान किया था और इसके बाद इस प्रसिद्ध इमारत के संरक्षण के पक्ष में ट्वीट नजर आने लगे. देर रात तक ‘सेव सुल्तान पैलेस’ हैशटैग के साथ इस मुद्दे पर बड़ी संख्या में ट्वीट किए गए.
बिहार के छोटे कस्बों से लेकर दिल्ली व कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी बिहार सरकार के इस कदम के खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई और बहुत से लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए ट्वीट में उनसे इमारत को न गिराने का अनुरोध किया.
Dear CM @NitishKumar Ji
kindly to you historical place they should not be demolished, If you do this then believe that you are the breking integrity, sovereignty of the country. and the way to end bondage working on.
I hope you will close demolitions process.#SaveSultanPalace— Ramurti Holkar (@__Ramholkar) August 3, 2022
राम होल्कर नाम के एक शख्स ने ‘सेव सुल्तान पैलेस’ हैशटैग के साथ ट्वीट किया, ‘प्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, बेहद विनम्रता के साथ, ऐतिहासिक महल ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि आप ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को बंद कर देंगे.’
उन्होंने लोगों से आह्वान किया, ‘ऐतिहासिक इमारतों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाएं.’
पटना में गिने चुने ऐतिहासिक इमारत बच गए हैं. उसमें से एक सुल्तान पैलेस मिश्रित स्थापत्य कला का नायाब नमूना है सरकार ने सुल्तान पैलेस को जमींदोज कर होटल बनाने का फैसला लिया है. सरकार के फैसले पर इतिहासकार और सिविल सोसाइटी कानूनी लड़ाई छेड़ने की तैयारी कर रहे हैं
#SaveSultanPalace— Sahil Razvi (@SahilRazvii) August 3, 2022
एक अन्य ट्विटर उपयोगकर्ता साहिल राजवी ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘पटना में गिनी-चुनी ऐतिहासिक इमारतें बच गई हैं. उनमें से एक सुल्तान पैलेस मिश्रित स्थापत्य कला का नायाब नमूना है. सरकार ने सुल्तान पैलेस को जमींदोज कर पांच सितारा होटल बनाने का फैसला किया है. इस फैसले के खिलाफ इतिहासकार और नागरिक संस्थाओं के सदस्य कानूनी लड़ाई छेड़ने की तैयारी कर रहे हैं.’
इस ऑनलाइन मुहिम में शामिल हुए लोगों ने बड़ी संख्या में सुल्तान पैलेस की तस्वीरें भी पोस्ट की.
हाल ही में देश के इतिहासकारों, संरक्षणवादियों और आम नागरिकों ने इस फैसले का पुरजोर विरोध किया था और सरकार से ‘वास्तुशिल्प के प्रतीक’ व ‘पटना के गौरव’ को संरक्षित करने की अपील की थी.
आर-ब्लॉक क्षेत्र के पास ऐतिहासिक गार्डिनर रोड (अब बीर चंद पटेल रोड) पर स्थित सुल्तान पैलेस 1922 में पटना के प्रसिद्ध बैरिस्टर सर सुल्तान अहमद द्वारा बनवाया गया था, जिन्होंने पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में भी काम किया था. वह 1923 से 1930 तक पटना विश्वविद्यालय के पहले भारतीय कुलपति भी रहे थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ट्विटर, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर मौजूद कई नागरिक नेतृत्व वाले पेज जैसे कि लॉस्ट मुस्लिम हेरिटेज ऑफ बिहार, हेरिटेजटाइम्स, पेडल4प्लैनेट ने भी इसे समर्थन दिया और महल को भावी पीढ़ी के लिए बचाने की अपील की.
कई अन्य यूजर्स ने भी ट्वीट किया, सुल्तान पैलेस को गिराने का फैसला समझ से परे है. उनमें से कुछ ने पटना में राजस्थान की विरासत होटल अवधारणा को दोहराने और महल परिसर में उपलब्ध भूमि का उपयोग होटल बनाने के लिए करने का सुझाव दिया.
एक उपयोगकर्ता (@Athar09323952) ने लिखा, ‘हमारे देश की विरासत को बचाने की अपील है, क्योंकि ये हमारे गौरवशाली अतीत की आंखें हैं.’
जॉन हेनरिक क्लार्क को कोट करते हुए उन्होंने आगे लिखा, ‘लोगों का अपनी विरासत से रिश्ता वैसा ही होता है, जैसा एक बच्चे का अपनी मां से होता है.’
A people's relationship to their heritage is the same as the relationship of a child to its mother. John Henrik Clarke..#SaveSultanPalace @BiharTourisms @JitendraRaiMLA @yadavtejashwi @FahadZirarAhmad @MdUmarAshraf @RJDforIndia @hafizgandhi @SahilRazvii @Arifrizwan1992
— Athar (@athar09323952) August 3, 2022
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘भारत में एक अग्रणी निजी विश्वविद्यालय के तहत आने वाले सेंटर फॉर हिस्टोरिक हाउसेस ने अधिकारियों से बिहार की राजधानी पटना में स्थित 1922 में निर्मित सुल्तान महल को संरक्षित और बहाल करने की अपील की है.’
इस उपयोगकर्ता ने पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आरबीपी सिंह के हवाले से कहा है, ‘कैसे कोई सुल्तान पैलेस जैसे वास्तुकला के शानदार नमूने और ऐतिहासिक इमारत को ध्वस्त करने की सोच सकता है. पिछले एक दशक में पहले ही कई ऐतहासिक इमारतों को ध्वस्त किया जा चुका है.’
एक यूजर (@ZiddiParwez) ने ट्वीट किया, ‘अपनी आवाज उठाएं और #SaveSultanPalace ट्वीट करते रहें. इस अभियान का पुरजोर समर्थन करें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)