पुलिस ने बताया कि हादसा सुबह करीब साढ़े चार बजे हुआ. मंदिर के फाटक खुलने पर जैसे ही श्रद्धालुओं ने अंदर जाने की कोशिश की, एक महिला के गिरने के बाद यह दुर्घटना हुई. भगदड़ में 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
सीकर/नई दिल्ली: सीकर जिले के खाटू श्याम मंदिर के बाहर सोमवार तड़के मची भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
दरअसल, सोमवार को ‘ग्यारस’ के अवसर पर मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. ‘ग्यारस’ (एकादशी) की तिथि को हिंदू कैलेंडर के अनुसार बेहद शुभ माना जाता है.
अमर उजाला के मुताबिक, भगदड़ में 12 से अधिक लोग घायल हो गए. जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया. दो लोगों को जयपुर रेफर किया गया है.
Rajasthan | Three people died, several injured at Khatu Shyamji Temple in Sikar where a stampede occurred during a monthly fair, earlier this morning. Two injured people referred to a hospital in Jaipur. Police present at the spot. Further details awaited. pic.twitter.com/bgnL9sRr1j
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 8, 2022
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सीकर के एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि हादसा सुबह करीब साढ़े चार बजे हुआ. जैसे ही मंदिर के द्वार खुले, श्रद्धालुओं ने अंदर जाने की कोशिश की जिससे दुर्घटना हुई. मरने वाली तीनों महिलाएं बुजुर्ग थीं.
उन्होंने कहा कि हिंदी कैलेंडर के अनुसार सप्ताहांत और खासकर हर महीने की 11 और 12 तारीख को मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. सोमवार की सुबह करीब डेढ़ लाख लोग मंदिर के दर्शन करने आए थे.
राष्ट्रदीप ने आगे बताया कि दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज से संकेत मिलता है कि फाटक खुलने पर श्रद्धालुओं ने एक जगह जल्दबाजी की.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, देर रात से ही श्रद्धालु लाइन में लगे हुए थे. जैसे ही सुबह मंदिर के फाटक खुले, भगदड़ मच गई. पुलिस ने बताया कि मंदिर के बाहर भारी भीड़ जमा थी. जैसे ही मंदिर के गेट खुले, लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने लगे.
कुछ लोगों ने बताया कि धक्का-मुक्की में एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी. इसके चलते पीछे आ रहे लोग भी गिरने लगे. भगदड़ की खबर मिलते ही पुलिस टीम मंदिर पहुंची और हालात संभाले. मंदिर में दर्शन दोबारा शुरू हो गए हैं.
इसी बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताया.
सीकर में खाटूश्याम जी के मंदिर में भगदड़ होने से 3 दर्शनार्थी महिलाओं की मृत्यु बेहद दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी गहरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें एवं दिवंगतों की आत्मा को शांति प्रदान करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 8, 2022
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘सीकर के खाटू श्याम जी मंदिर में तीन महिला भक्तों की मौत अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. शोक संतप्त परिजनों के साथ मेरी गहरी संवेदना, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
अशोक गहलोत ने सीकर के खाटू श्यामजी मंदिर में मची भगदड़ में मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 20-20 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की.
Saddened by the loss of lives due to a stampede at the Khatu Shyamji Temple complex in Sikar, Rajasthan. My thoughts are with the bereaved families. I pray that those who are injured recover at the earliest.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 8, 2022
अमर उजाला के मुताबिक, सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने भगदड़ के लिए मंदिर कमेटी और प्रशासन को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि जब लाखों लोग आते हैं तो क्यों तैयारियों के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए. सांसद ने कहा है कि मंदिर में डिप्टी लेवल के अधिकारी की ड्यूटी होनी चाहिए.
वहीं, वसुंधरा राजे ने कहा कि इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे को लेकर खाटू श्याम की थानाधिकारी (एसएचओ) रिया चौधरी को निलंबित कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंदिर में हुई भगदड़ के संभागीय आयुक्त द्वारा जांच के आदेश दिए हैं.
सीकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि कल रविवार और सोमवार को एकादशी होने के कारण मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर श्रद्धालुओं की संख्या एक लाख के करीब थी. रात में मंदिर बंद था इसलिए दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की कतार लगी रही.
उन्होंने बताया कि सुबह करीब चार बजे मंदिर के कपाट खुलने के बाद तेज दबाव के साथ प्रवेश शुरू हुआ और एक लाइन में मौजूद एक महिला गिर गई और इसके तुरंत बाद कुछ और लोग उस पर गिर पड़े.
जिला कलेक्टर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘घटना सुबह करीब 4.15 से 4.30 बजे हुई. मंदिर में प्रवेश को लेकर काफी दबाव था. भारी दबाव के दौरान महिलाएं गिर गईं. प्रथम दृष्टया उनकी मौत दम घुटने से हुई लेकिन मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.’
उन्होंने कहा, ‘घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. लाइन में लगी भीड़ के दबाव में महिलाएं गिर गईं. मंदिर में प्रवेश के लिए कतार अलग-अलग बिंदुओं से शुरू होती हैं और प्रवेश बिंदु पर मिलती है.’
कलेक्टर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दो-तीन लाख श्रद्धालु मंदिर के दर्शन कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में लाखों भक्त मंदिर में आते हैं और भीड़ नियंत्रण के लिए व्यापक व्यवस्था की जाती है. अब हम जांच कर रहे है कि एक दिन (एकादशी) पर अधिक भीड़ को संभालने के लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है.
कलेक्टर ने कहा कि कोविड महामारी के बाद भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई है और फाल्गुन (मार्च) के महीने में 10-15 दिनों में मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या लगभग 40 लाख थी. हर साल फाल्गुन एकादशी पर मेले का आयोजन किया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘इस दौरान 10-15 दिनों के लिए हम आंतरिक सड़कों को अवरूद्ध करते हैं ताकि लंबी कतारों की अच्छी तरह से व्यवस्था की जा सके और दबाव न बढ़े. यह स्थानीय लोगों को प्रभावित करता है लेकिन हम इसे प्रबंधित करते हैं. अब हम एकादशी के दौरान भी भीड़ प्रबंधन के विकल्प तलाश रहे हैं.’
सीकर पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि दरवाजे खुलने के बाद लोग मंदिर में प्रवेश करने के लिए तेजी से दबाव बनाने लगे.
उन्होंने बताया, ‘एक कतार में खड़ी 63 वर्षीय महिला गिर गई, जिसे दिल की बीमारी थी. भीड़ के कारण उनके पीछे दो महिलाएं भी गिर गईं.’ उन्होंने कहा कि उनके गिरने से श्रद्धालुओं के बीच दहशत फैल गई.
उन्होंने बताया कि घटना के बाद खाटूश्याम जी थाने की थानाधिकारी रिया चौधरी को निलंबित कर दिया गया है.
उन्होंने बताया, ‘मंदिर के बाहर भारी भीड़ थी। मंदिर के पट खुलते ही लोगों का दबाव बढ गया जिसके चलते तीन महिलाओं की मौत हो गई। स्थिति को ठीक से संभाल नहीं गया था इसलिए थानाधिकारी रिया चौधरी को निलंबित कर दिया गया.’
हादसे में जान गंवाने वाली महिलाओं की पहचान प्रीतम (हरियाणा) की पत्नी शांति, किशन सिंह (उत्तर प्रदेश) की पत्नी माया देवी और कृपा देवी (जयपुर) के रूप में हुई है.
शांति देवी के भाई मंगत राम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘पूजा-अर्चना के लिए जैसे ही मंदिर खुला, भगदड़ मच गई. किसी तरह हम बचकर भागने में सफल रहे. मेरी बहन बूढ़ी थी, इसलिए वह फंस गई और उसकी मौत हो गई. मेरे परिवार के अन्य लोगों को भी चोट आई है.’
खाटू श्याम जी मंदिर के दर्शन के लिए शांति देवी का परिवार हरियाणा के हिसार से सीकर आया था.
शांति की बेटी पूनम ने बताया कि भगदड़ में परिवार के सदस्यों सहित कुछ अन्य लोग भी गिरे, लेकिन वे किसी तरह से बचकर भागने में सफल रहे.
उन्होंने रोते हुए कहा, ‘हम सब एक साथ कतार में खड़े थे, तभी अचानक पीछे से धक्का लगा और हम सब गिर पड़े. इस हादसे में मेरी मां मुझसे छिन गईं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)