दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, बीते साढ़े छह महीनों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस अवधि में हर दिन बलात्कार के कम से कम छह और छेड़छाड़ के सात मामले दर्ज किए गए हैं.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल के शुरुआती साढ़े छह महीनों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों में यह जानकारी मिली.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस का डेटा बताता है कि इस साल अब तक राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन बलात्कार के कम से कम छह और छेड़छाड़ के सात मामले दर्ज किए गए हैं.
इस अवधि में महिलाओं के खिलाफ हमले की घटनाओं में भी 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पति एवं ससुराल पक्ष द्वारा क्रूरता के मामले भी 29 प्रतिशत बढ़े हैं.
आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में एक जनवरी 2021 से 15 जुलाई 2021 तक महिलाओं के खिलाफ अपराध के 6,747 मामले दर्ज किए गए थे, जिनकी संख्या 2022 में बढ़कर 7,887 हो गई.
इस साल 15 जुलाई तक शहर में बलात्कार के 1,100 मामले दर्ज किए गए. पिछले साल की इसी अवधि में बलात्कार के 1,033 मामले दर्ज किए गए थे.
आंकड़ों के मुताबिक, इस साल बलात्कार के मामलों में 6 फीसदी और महिलाओं से छेड़छाड़ और मारपीट के मामलों में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
जनवरी से 15 जुलाई तक छेड़खानी और मारपीट के 1,480 मामले दर्ज किए गए हैं. पिछले साल की समान अवधि में ऐसे 1,244 मामले दर्ज किए गए थे.
पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि बलात्कार के लगभग 1.22 प्रतिशत मामलों में आरोपी अनजान व्यक्ति था, जो पीड़िता को पहले से नहीं जानता था.
पुलिस के अनुसार, 60 फीसदी से ज्यादा आरोपियों को घटना के 7-8 दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस का यह भी दावा है कि पिछले साल से बलात्कार के 95 फीसदी से ज्यादा मामले चार्जशीट दायर की गई हैं.
आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं गरिमा भंग करने के मामले 2021 के 229 मामलों से घटकर 2022 में 225 हो गए.
डेटा कहता है कि महिलाओं के अपहरण के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. महिलाओं के अपहरण के इस साल 2,197 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल के मामलों से करीब 20% अधिक हैं.
वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि ज्यादातर मामलों में आरोपी पीड़िता को जानते हैं और अपराध उनके घर पर या आसपास हुआ होता है.
महामारी के बाद घरेलू हिंसा में भी वृद्धि देखी गई है. आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 2022 में पति एवं ससुराल वालों द्वारा क्रूरता के कुल 2,704 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 2,096 था.
दहेज हत्या के 69 मामले और दहेज निषेध अधिनियम के तहत सात मामले दर्ज किए गए हैं.
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताया, ‘यौन शोषण/हमले के मामले आपराधिक होने के साथ-साथ एक सामाजिक समस्या भी हैं. हम यह सुनिश्चित करते हैं कि बच्चे और लड़कियां इस बात को जानते हों कि वे पुलिस से संपर्क कर सकते हैं. चूंकि इनमें से अधिकांश अपराध घरों के अंदर होते हैं, पुलिस को उनके बारे में तभी पता चलता है जब उनकी शिकायत की जाती है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आंकड़े बताते हैं कि करीब 99.5 फीसदी मामलों में आरोपी पीड़िता के परिचित होते हैं. बलात्कार के मामलों में वृद्धि इस बात का भी संकेत है कि अब ऐसे अपराधों की शिकायत अधिक दर्ज करवाई जा रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)