उत्तर प्रदेश में कन्नौज ज़िले के तालग्राम थाना क्षेत्र के गांव रसूलाबाद स्थित शिव मंदिर में बीते 16 जुलाई की सुबह कथित रूप से मांस मिलने के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी चंचल सिंह की थानाध्यक्ष हरिश्याम सिंह से अनबन थी, जिस कारण वह उन्हें हटवाना चाहता था. घटना के बाद ज़िलाधिकारी, एसपी और थानाध्यक्ष का तबादला कर दिया गया था.
कन्नौज: उत्तर प्रदेश में कन्नौज जिले के तालग्राम कस्बे के एक मंदिर में मांस फेंकने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के अनुसार, थानाध्यक्ष को हटवाने के लिए आरोपी ने मंदिर में मांस रखवाकर सांप्रदायिक उपद्रव की साजिश रची थी.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुंवर अनुपम सिंह ने शनिवार को बताया कि मुख्य आरोपी चंचल त्रिपाठी ने पेशेवर कसाई को 10 हजार रुपये का लालच देकर शिव मंदिर में प्रतिबंधित पशु का मांस रखवाया था.
सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी की तत्कालीन थानाध्यक्ष हरिश्याम सिंह से कुछ अनबन थी, जिस कारण वह थानाध्यक्ष को हटवाना चाहता था.
उल्लेखनीय है कि तालग्राम थाना क्षेत्र के गांव रसूलाबाद में एक खेत में बने शिव मंदिर में 16 जुलाई की सुबह कुछ अराजक तत्वों द्वारा कथित रूप से मांस का टुकड़ा फेंके जाने के बाद सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी. उस दिन दोपहर को इस घटना के विरोध में घटनास्थल के कुछ दूरी पर स्थित मांस की तीन दुकानों में आग लगा दी गई थी.
इससे पहले घटना के विरोध में हिंदू संगठनों ने काफी देर तक तालग्राम-इंदरगढ़ मार्ग पर जाम लगाया. एक ही समुदाय के कई लोगों के लकड़ी के खोखे (टंकी) फूंके गए. पुलिस इस घटना में पहले ही 17 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, तीन घंटे तक मार्ग पर जाम जारी रहा, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया. जैसे ही नाकाबंदी हटाई गई, ऐसी सूचना थी कि दो स्थानों पर मूर्तियों को अपवित्र किया गया था.
इसके बाद भीड़ और नाराज हो गई तथा चार दुकानों को जला दिया, साथ ही एक कब्रिस्तान में प्रवेश किया, जहां उन्होंने इसके द्वार को क्षतिग्रस्त कर दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश मिश्रा ने बताया था कि घटना के संबंध में दो एफआईआर दर्ज की गई है.
पुलिस ने बताया कि छिबरामऊ रोड पर स्थित ईदगाह के पास से रसूलाबाद निवासी मंसूर कसाई को शुक्रवार (12 अगस्त) को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि पूछताछ में मंसूर ने पूरी घटना और उसके पीछे की मंशा का खुलासा किया.
उन्होंने बताया कि मंसूर की निशानदेही पर पुलिस ने तीन छुरी, एक गड़ासा, एक कुल्हाड़ी बरामद की है. मंसूर ने पुलिस को बताया कि रनवा गांव निवासी चंचल त्रिपाठी ने उसे 10 हजार रुपये का लालच देकर मांस के टुकड़े मंदिर में रखने को कहा था.
पुलिस के अनुसार, ‘मंसूर ने बताया कि तालग्राम के थानाध्यक्ष हरिश्याम सिंह से चंचल त्रिपाठी की अनबन थी. वह चाहता था कि थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, इसलिए उसने मंदिर में मांस के टुकड़े रखवाकर बवाल कराने की साजिश रची.’
गौरतलब है कि तालग्राम में हुई घटना पर शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा तथा पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश श्रीवास्तव, तालग्राम थानाध्यक्ष हरिश्याम सिंह का स्थानांतरण कर दिया था.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने दोनों (चंचल त्रिपाठी और मंसूर कसाई) को स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन रिमांड पर जेल भेज दिया गया.
तालग्राम थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि चंचल त्रिपाठी ने तत्कालीन थाना प्रभारी हरिश्याम सिंह को हटवाने के लिए सोशल मीडिया पर आत्मदाह की धमकी दी थी और उन पर जातिवादी होने के आरोप भी लगाए थे. उस समय तत्कालीन एसपी प्रशांत वर्मा ने चंचल को चेतावनी देकर छोड़ दिया था.
एसपी के तबादले के बाद थाना प्रभारी को हटवाने के लिए चंचल ने अपने साथियों से मिलकर सांप्रदायिक बवाल कराने की साजिश रची और अंतत: वह थानाध्यक्ष को हटवाने में सफल भी हो गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)