गुजरात की बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके ‘नारी शक्ति’ बयान का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर पूरा देश देख रहा है.
नई दिल्ली: कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने गुजरात की बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के शासन के तहत नए भारत का यही असली चेहरा है.
विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री को उस वक्त निशाने पर लिया, जब एक दिन पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि भारत की तरक्की के लिए महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है.
उन्होंने ‘नारी शक्ति’ का समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर दिया था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के बिलकिस बानो मामले में बलात्कार एवं हत्या के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर पूरा देश देख रहा है.
5 महीने की गर्भवती महिला से बलात्कार और उनकी 3 साल की बच्ची की हत्या करने वालों को 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' के दौरान रिहा किया गया।
नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं?
प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 17, 2022
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले लोग देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है.’
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को नारी शक्ति के बारे में अच्छी-अच्छी बातें कीं. इसके कुछ घंटों बाद गुजरात सरकार ने ऐसा निर्णय लिया, जो अप्रत्याशित था और जो कभी नहीं हुआ. बलात्कार के अभियुक्तों को रिहा कर दिया गया.’
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या बलात्कार उस श्रेणी का अपराध नहीं है, जिसमें कड़ी से कड़ी सजा मिले? आज फिर यह देखा गया कि इन लोगों को सम्मानित किया जा रहा है. क्या यह है अमृत महोत्सव?’
उन्होंने यह भी पूछा, ‘असली नरेंद्र मोदी कौन हैं, जो लाल किले की प्राचीर से झूठ परोसते हैं या फिर वह जो अपनी गुजरात सरकार से बलात्कार के अभियुक्तों को रिहा करवाते हैं? यह कांग्रेस पार्टी और देश जानना चाहता है.’
खेड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री बताएं कि जो उन्होंने लाल किले की प्राचीर से कहा, वह सही है ? या फिर गुजरात सरकार ने जो किया, वह सही है? या तो प्रधानमंत्री अपनी बात वापस लें या फिर गुजरात सरकार अपना निर्णय वापस ले.’
उन्होंने कहा, ‘आज अटल जी की पुण्यतिथि भी है. आज मोदी जी को हम फिर से राजधर्म का स्मरण दिला रहे हैं.’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने ट्वीट किया, ‘यही नए भारत का असली चेहरा है, जहां हत्या के दोषियों और बलात्कारियों को रिहा कर दिया जाता है और न्याय के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जेल भेज दिया जाता है.’
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने ट्वीट कर कहा, ‘गुजरात सरकार ने जघन्य अपराध के 11 दोषियों को रिहा कर दिया है. जनता और नोएडा से संचालित मीडिया का आक्रोश कहा हैं?’
Let’s face it:
Not a single Noida TV channel or BJP supporter will utter a word of protest or shock only because:
A. her name was Bilkis Bano
B. the year was 2002 &
C. the place was/is Gujarat
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) August 16, 2022
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री ने ‘नारीशक्ति’ का समर्थन करने के बारे में बात की. गुजरात की भाजपा सरकार ने सामूहिक बलात्कार के दोषियों को उसी दिन रिहा कर दिया. संदेश स्पष्ट है.’
बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने प्रधानमंत्री की ‘नारी शक्ति’ से संबंधित टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि इन 11 दोषियों की रिहाई ने कथनी और न्याय की भावना के बीच भारी अंतर को उजागर कर दिया है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘दुनिया देख रही है, लेकिन इस ‘नए भारत’ में किसे परवाह है?’
माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा कि बिलकीस मामले के दोषियों की रिहाई केंद्र के उस दिशानिर्देश का सरेआम उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों को उम्रकैद की सजा से रियायत नहीं मिलेगी.
उनके अनुसार, इसी साल जून में केंद्र सरकार ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर दोषी कैदियों की रिहाई से जुड़ी प्रस्तावित नीति जारी की थी.
माकपा नेता वृंदा करात ने कहा कि गुजरात सरकार का आदेश शर्मनाक और निंदनीय है.
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, ‘राजस्थान में आरएसएस संचालित स्कूल में पानी पीने के लिए एक दलित बच्चे की हत्या कर दी गई और गुजरात में बलात्कार एवं हत्या के 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया. यह बताता है कि आजादी के 75 साल बाद भारत में कुछ न कुछ विकार पैदा हो गया है.’
बिलकीस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को सोमवार को गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था. गुजरात सरकार ने अपनी माफी नीति के तहत इन लोगों की रिहाई की मंजूरी दी थी.
मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के जुर्म में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)