मेघालय: बच्चों और माताओं के आहार को बेहतर बनाने के लिए उबला हुआ अंडा दिया जाएगा

सामाजिक कल्याण विभाग की अधिकारी ने बताया कि ये उबले अंडे मेघालय के 46 ब्लॉकों में तीन से छह वर्ष आयु समूह के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को एकीकृत बाल विकास योजना केंद्रों पर उपलब्ध कराए गए गर्म पके भोजन के अलावा हैं.

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सामाजिक कल्याण विभाग की अधिकारी ने बताया कि ये उबले अंडे मेघालय के 46 ब्लॉकों में तीन से छह वर्ष आयु समूह के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को एकीकृत बाल विकास योजना केंद्रों पर उपलब्ध कराए गए गर्म पके भोजन के अलावा हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

शिलॉन्ग: मेघालय में 13,000 से अधिक बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के आहार में पोषक सामग्री को बेहतर करने के लिए पूरक खाद्य सामग्री (Supplementary Food Item) के रूप में उबला हुआ अंडा उपलब्ध कराया जाएगा.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि तीन महीने के लिए पायलट आधार पर सभी जिलों में यह पूरक आहार उपलब्ध कराया जाएगा और इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस पर की गई.

उन्होंने बताया कि यह राज्य के 46 ब्लॉकों में तीन से छह वर्ष आयु समूह के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) केंद्रों पर उपलब्ध कराए गए गर्म पके भोजन के अतिरिक्त है.

सामाजिक कल्याण विभाग की अधिकारी ने कहा, ‘इस योजना से करीब 10,732 बच्चे और 2,924 गर्भवती (महिलाएं) एवं स्तनपान कराने वाली माताएं लाभान्वित होंगी.’

उन्होंने कहा कि अंडे को प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए, डी, ई और के तथा ओमेगा फैट्टी एसिड का एक अच्छा स्रोत माना जाता है.

यह कार्यक्रम मेघालय अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट (ईसीडी) मिशन के तहत सामाजिक कल्याण विभाग और मेघालय स्टेट रूरल लाइवलीहुड सोसाइटी के सहयोग से शुरू किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मेघालय ईसीडी मिशन के तहत एशियाई विकास बैंक खरीद दिशानिर्देशों के अनुरूप विकेंद्रीकृत खरीद प्रक्रिया के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और अछूते गांवों में अंडों की आपूर्ति शुरू की जाएगी.

मेघालय ईसीडी मिशन राज्य में बच्चों के समग्र विकास के लिए प्रमुख क्षेत्रों के रूप में संज्ञानात्मक विकास, सामाजिक-भावनात्मक विकास, स्वास्थ्य और पोषण तथा प्रारंभिक शिक्षा विकास प्रदान करने पर केंद्रित है.

अधिकारी ने कहा कि मिशन के तहत 1500 से अधिक गांव शामिल हैं, जिन्हें एकीकृत बाल विकास योजना के तहत शामिल नहीं किया गया है.