18 अगस्त को अमेरिकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसके पहले पन्ने पर दिल्ली की शिक्षा-व्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे भाजपा नेताओं ने ‘पेड न्यूज़’ बताया था. उनके दावों को ख़ारिज करते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स ने स्पष्ट किया है कि उनकी रिपोर्ट ‘निष्पक्ष और ज़मीनी रिपोर्टिंग’ पर आधारित है.
नई दिल्ली: अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने दिल्ली की शिक्षा-व्यवस्था पर प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट को ‘निष्पक्ष और जमीनी रिपोर्टिंग’ पर आधारित बताते हुए भाजपा द्वारा लगाए गए ‘पेड न्यूज’ के आरोपों को खारिज कर दिया.
ज्ञात हो कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर शुक्रवार को छापेमारी के बाद अखबार के आलेख को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया.
आप नीत सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और इसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने यह कार्रवाई की. सिसोदिया के पास शिक्षा और आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी है .
Delhi has made India proud. Delhi model is on the front page of the biggest newspaper of US. Manish Sisodia is the best education minister of independent India. pic.twitter.com/6erXmLB2be
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 19, 2022
आप ने कहा कि जब ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने शिक्षा के दिल्ली मॉडल पर सकारात्मक खबर छापी तो नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने सीबीआई को सिसोदिया के घर भेज दिया, वहीं भाजपा ने यह कहकर पलटवार किया कि यह एक ‘पेड’ आलेख है.
मामले पर स्पष्टीकरण के अनुरोध पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की बाह्य संचार निदेशक निकोल टायलर ने एक ईमेल में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के प्रयासों के बारे में हमारी रिपोर्ट निष्पक्ष, जमीनी रिपोर्टिंग पर आधारित है.’
उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है जिसे ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ वर्षों से कवर करता रहा है. टायलर ने कहा, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकारिता हमेशा स्वतंत्र होती है, राजनीतिक या विज्ञापनदाता के प्रभाव से मुक्त होती है.’
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की यह रिपोर्ट इसके डिजिटल मंच पर 16 अगस्त को प्रकाशित हुई थी, जिसके बाद 18 अगस्त को इसे अंतरराष्ट्रीय प्रिंट संस्करण के पहले पृष्ठ पर प्रकाशित किया गया.
इसमें आम आदमी पार्टी के शासन के दौरान ‘दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में व्यापक परिवर्तन’ को रेखांकित किया गया है. आलेख के साथ तीन छात्राओं के साथ सिसोदिया की एक तस्वीर भी है. आलेख में कहा गया है, ‘दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों का औचक दौरा कर सुधार की शुरुआत की. अब भारत के अन्य राज्य दिल्ली मॉडल को अपनाने पर जोर दे रहे हैं.’
शुक्रवार को सिसोदिया के घर पर सीबीआई के छापे पर प्रतिक्रिया जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘दिल्ली ने भारत को गौरवान्वित किया है. दिल्ली मॉडल अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के पहले पन्ने पर है. केंद्र ने सीबीआई को मनीष सिसोदिया के घर भेज दिया है.’
दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है।इसे ये रोकना चाहते हैं।इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियो पर रेड और गिरफ़्तारी
75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की,उसे रोका गया।इसीलिए भारत पीछे रह गया
दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 19, 2022
इसके बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए सिसोदिया की तस्वीर के साथ प्रकाशित ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के आलेख को ‘पेड न्यूज’ करार दिया और केजरीवाल नीत सरकार पर इस तरह के प्रचार पर जनता का पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाया.
भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा, ‘ऐसा कैसे हुआ कि ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘खलीज टाइम्स’ दिल्ली के गैर-मौजूद शिक्षा मॉडल पर एक ही आलेख, शब्द दर शब्द, एक ही व्यक्ति द्वारा लिखे गए, वही तस्वीरें (वह भी एक निजी स्कूल की) प्रकाशित करते हैं?’
मालवीय ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल का सबसे अच्छा बचाव पेड प्रमोशन के अलावा और कुछ नहीं है…’
इसके बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी आलेख का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि आप प्रचार पर सरकारी धन बर्बाद कर रही है.
एनडीटीवी के अनुसार, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज टाइम्स की प्रतियां दिखाते हुए सवाल किया कि ऐसे कैसे हो सकता है कि एक ही रिपोर्टर, वही शब्द वही तस्वीरें दोनों अख़बारों में हैं.
इस बारे में टायलर ने स्पष्ट किया है, ‘अन्य समाचार संस्थान नियमित रूप से लाइसेंस लेते रहते हैं और हमारे (समाचार) कवरेज को पुनः प्रकाशित [Republish] करते हैं.’
उधर, भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए आप ने कहा, ‘यह बिल्कुल हास्यास्पद और बेतुका है कि भाजपा ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के आलेख के ‘पेड’ आलेख होने का दावा कर रही है. मीडिया में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति एक लेख को देख सकता है और यह पता लगा सकता है कि यह पेड है या नहीं.’
आप ने कहा कि इस स्टोरी को करने वाले पत्रकार ने इस साल मार्च में औपचारिक रूप से एक साक्षात्कार और तस्वीरों के लिए अनुरोध किया था. पार्टी ने कहा कि ‘लॉन्गफॉर्म प्रिंट’ होने के कारण अखबार ने इस पर एक महीने तक काम किया, जिससे उन्हें एक छात्र प्रदीप पासवान जैसी कहानियों पर कार्य करने में मदद मिली.
पार्टी नेताओं ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘वो नेशनल टेलीविज़न पर झूठ बोल रहे हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट के साथ उनके स्टाफ करणदीप सिंह का नाम लिखा है. खलीज टाइम्स में रिपोर्ट के नीचे ‘साभार: न्यूयॉर्क टाइम्स’ लिखा है.’
भारद्वाज ने आगे कहा कि वे भाजपा को चुनौती देते हैं कि वे जितना पैसा, जितनी ताकत इस्तेमाल करना चाहते हैं कर लें और न्यूयॉर्क टाइम्स में लेख प्रकाशित करवा लें, अगर उन्हें लगता है कि ऐसा करवाना मुमकिन है.
https://twitter.com/ANI/status/1560542907647475712
वहीं, पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने भाजपा के ‘पेड न्यूज़’ दावे को हास्यास्पद बताया. उन्होंने कहा, ‘भाजपा नेताओं की कोई खबर यहां प्रकाशित नहीं हुई. भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताती है, ये सबसे अमीर पार्टी है. अगर कोई न्यूयॉर्क टाइम्स के फ्रंट पेज को खरीद सकता है तो उन्हें वहां छपना चाहिए.’
इस दौरान कई पत्रकारों ने भी भाजपा को लेखों के पुनर्प्रकाशन यानी लेख रिपब्लिश करने के चलन के बारे में बताया.
I am amused that people in India are so naive that they don’t understand news subscriptions.
Many news org including Khaleej Times have taken paid subscription of New York Times; where they can use its text, images
It’s like PTI or ANI news feed being published by Indian media https://t.co/Di6LsL0iC9
— Uzair Rizvi (@RizviUzair) August 19, 2022
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के पत्रकार उज़ैर रिज़वी ने लिखा, ‘मुझे हैरानी है कि भारत में लोग इतने भोले हैं कि उन्हें न्यूज़ सब्सक्रिप्शन के बारे में मालूम नहीं है. खलीज टाइम्स जैसे कई मीडिया संस्थानों ने न्यूयॉर्क टाइम्स का पेड सब्सक्रिप्शन लिया हुआ है, जहां वे इसका टेक्स्ट, तस्वीरें आदि इस्तेमाल कर सकते हैं. यह उसी तरह से है जैसे भारतीय मीडिया पीटीआई या एएनआई की खबरें प्रकाशित करता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)