लेखक सलमान रुश्दी पर हमले के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को उनके समर्थन में और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर उनके विचारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए उनके मित्र और साथी लेखक न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी में इकट्ठा हुए और द सैटेनिक वर्सेज़ समेत उनकी रचनाओं को पढ़ा.
नई दिल्ली: बुकर पुरस्कार से सम्मानित सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हमला करने के 24 वर्षीय आरोपी हादी मतार ने उस पर लगे हत्या तथा हमले के आरोपों से इनकार किया है. मतार को चौटाउक्वा काउंटी जेल में रखा गया है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि जेल से मतार ने ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ से हुई एक बातचीत में कहा कि उसे हैरानी है कि इस हमले में सलमान जीवित बच गए.
उसने कहा कि जब उसे एक ट्वीट से पिछली सर्दियों में पता चला कि लेखक चौटाउक्वा इंस्टिट्यूट में आने वाले हैं, तो उसने वहां जाने का फैसला किया. मतार ने कहा, ‘मुझे यह व्यक्ति पसंद नहीं है. मुझे नहीं लगता कि वह बहुत अच्छा व्यक्ति है.’
ज्ञात हो कि मतार ने शुक्रवार 12 अगस्त को पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर हमला किया था. उसने रुश्दी की गर्दन और पेट में चाकू मारा था.
मुंबई में पैदा हुए और बुकर पुरस्कार से सम्मानित 75 वर्षीय रुश्दी रुश्दी को 1988 में आई उनकी किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लिखने के बाद वर्षों तक इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा था और वे काफी समय छिपकर भी रहे थे.
कई मुसलमानों का मानना है कि रुश्दी ने इस पुस्तक के जरिये ईशनिंदा की है.
मतार ने न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत करते हुए कहा कि उसने सैटेनिक वर्सेज को पूरा नहीं पढ़ा है, बस दो-एक पन्ने पढ़े हैं.
इस किताब को लेकर ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खामनेई ने रुश्दी को मौत की सजा दिए जाने का फतवा जारी किया था. ईरान ने रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख डॉलर से अधिक का इनाम देने की भी पेशकश की थी.
मतार ने कहा कि वह खामनेई को एक ‘बहुत अच्छा व्यक्ति’ मानता है, लेकिन वह यह नहीं कहेगा कि वह 1989 में ईरान में खामनेई द्वारा जारी किसी फतवे का पालन कर रहा था.
ईरान ने हमले में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है. न्यूजर्सी के फेयरव्यू में रहने वाले मतार ने कहा कि उसका ईरान के ‘रेवोल्यूशनरी गार्ड’ से कोई संबंध नहीं है.
मतार में यह भी कहा कि वह रुश्दी को पसंद नहीं करता है. उसने कहा, ‘मैं उन्हें पसंद नहीं करता. मुझे नहीं लगता कि वे अच्छे इंसान हैं. मुझे वो पसंद नहीं हैं. उन्होंने इस्लाम पर हमला किया है, इसकी आस्था पर हमला किया है.’
मतार ने यह भी बताया कि वह हमले से एक दिन पहले बस से बफेलो पहुंचा था और इसके बाद वह कैब से चौटाउक्वा गया. उसने कहा कि उसने चौटाउक्वा इंस्टिट्यूट में प्रवेश के लिए एक पास खरीदा और रुश्दी के व्याख्यान से पहले वाली रात बाहर घास पर सोया.
मतार का जन्म अमेरिका में हुआ है, लेकिन उसके पास दोहरी नागरिकता है. वह लेबनान का भी नागरिक है, जहां उसके माता-पिता का जन्म हुआ था.
इस सप्ताह की शुरुआत में उसकी मां सिलवाना फरदोस ने कहा था कि वे उसे बेदखल कर चुकी हैं और वे उससे आजिज़ आ गई थीं.
उन्होंने यह भी बताया था कि मतार 2018 में लेबनान में अपने पिता से मिलने गया था और तभी से उसके व्यवहार में बदलाव आया. उन्होंने कहा कि इसके बाद से मतार अपने परिवार के प्रति उदासीन रहता था.
उल्लेखनीय है कि सलमान रुश्दी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए थे और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. हालांकि इस हफ्ते उनके परिवार ने बताया कि उनकी हालत में सुधार हुआ है.
रुश्दी के समर्थन में जुटे लेखक और दोस्त, एकजुटता कार्यक्रम में उनकी रचनाएं पढ़ीं
इस बीच शुक्रवार 19 अगस्त को रुश्दी पर हमले की घटना के एक हफ्ते बाद लेखक के मित्र एवं अन्य लेखक निरंतर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर उनके विचारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी में एकत्र हुए और उनकी रचनाओं को पढ़ा.
साहित्य समूह ‘पेन अमेरिका’, रुश्दी के प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस, न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी और हाउस ऑफ स्पीकईजी ने शुक्रवार को विशेष एकजुटता कार्यक्रम ‘स्टैंड विद सलमान: डिफेंड द फ्रीडम टू राइट’ का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में रुश्दी के समर्थन में लेखक, कार्यकर्ता और मित्र एक साथ जुटे.
टीना ब्राउन, किरण देसाई, हरि कुंजरू, एंड्रिया एलियट, पॉल ऑस्टर, आसिफ मांडवी और रेजिनाल्ड ड्वेन बेट्स समेत लेखक, रचनाकारों, कलाकारों और साहित्यिक समुदाय के सदस्यों ने रुश्दी की कुछ सबसे प्रसिद्ध कृतियों को पढ़ा और रुश्दी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
डीडब्ल्यू के अनुसार, लेखकों ने न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर बैठकर रुश्दी के उपन्यास, निबंधों और भाषणों के साथ-साथ सैटेनिक वर्सेज के हिस्से भी पढ़े.
‘पेन अमेरिका’ ने इस आयोजन के माध्यम से कहा कि दुनिया भर के लेखक रुश्दी के साथ एकजुटता से खड़े हैं और ‘निरंतर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा दुनिया भर में संकटग्रस्त लेखकों की दुर्दशा पर उनके विचारों का समर्थन करते हैं.’
‘पेन अमेरिका’ की सीईओ सुजैन नोसेल ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा, ‘रुश्दी हमेशा से शब्दों के चैंपियन रहे हैं और उन लेखकों के भी, जिन पर उनके काम को कथित अपराध मानकर हमला किया गया।’
रुश्दी ‘पेन अमेरिका’ के अध्यक्ष रह चुके हैं.
पेंग्विन रैंडम हाउस के सीईओ मार्कस डोहले ने एक बयान में कहा, ‘रुश्दी की आवाज और साहित्यिक कृतियां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से अटूट रूप से जुड़ी हुई हैं और उन पर हमला हिंसा का एक भयावह, अविवेकपूर्ण कार्य है।’
इस बीच उनके बेटे जफर रुश्दी ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें वहां रुश्दी के समर्थन के जमा हुई भीड़ को देखकर बहुत अच्छा लगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)