अडानी समूह ने पूर्व में उद्योगपति मुकेश अंबानी से जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था, जिसने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. अब अडानी समूह की कंपनी ने इस ऋण को समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है.
नई दिल्ली: न्यू दिल्ली टेलीविजन लि. (एनडीटीवी) में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के साथ उद्योगपति गौतम अडानी का समूह समाचार चैनल क्षेत्र में कदम रखेगा. अडानी समूह अपनी महत्वाकांक्षी विस्तार योजना के तहत मीडिया क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना चाहता है.
अडानी समूह ने इससे पहले प्रतिद्वंद्वी उद्योगपति मुकेश अंबानी से पूर्व में जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था. इस कंपनी ने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था.
अडानी समूह की कंपनी ने इस ऋण को अब समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है.
Adani Group to purchase 29.18% stake in media group NDTV. pic.twitter.com/XMUUc4gUzK
— ANI (@ANI) August 23, 2022
समूह ने मंगलवार को बयान में कहा कि इसी के साथ उसने एनडीटीवी में 26 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है.
इस बीच देश के लोकप्रिय समाचार चैनलों में शामिल एनडीटीवी के मालिकों ने कहा कि उन्हें मंगलवार तक इस अधिग्रहण की कोई जानकारी नहीं थी और यह बिना किसी चर्चा या सहमति के लिया गया निर्णय था.
एनडीटीवी ने कहा कि उसके प्रवर्तक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए किसी से बातचीत नहीं कर रहे हैं.
समाचार चैनल ने कहा, ‘राधिका और प्रणय रॉय मालिकाना हक बदलने या एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए किसी कंपनी के साथ न चर्चा में हैं और न ही थे.’
कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक आंतरिक संदेश में कहा, ‘आज का घटनाक्रम एनडीटीवी और राधिका तथा प्रणय के लिए पूरी तरह से अप्रत्याशित है. हम अगले चरणों का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया में हैं. इसमें नियामकीय और कानूनी प्रक्रियाएं भी शामिल हैं.’
न्यूज़लॉन्ड्री के अनुसार, अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी के अधिग्रहण की खबरें सालभर से आ रही थीं, लेकिन रॉय दंपति ने हर बार इनका खंडन किया था.
सितंबर 2021 में में एनडीटीवी ने एक बयान में कहा था कि कंपनी ‘स्वामित्व में बदलाव या किसी भी प्रकार के विनिवेश के लिए किसी के साथ न चर्चा में है, न कभी थी,’ साथ ही कहा गया कि ‘संस्थापक-प्रमोटर्स राधिका और प्रणय रॉय, जो खुद भी पत्रकार हैं, कंपनी के 61.45 प्रतिशत हिस्से के मालिक हैं और इसके नियंत्रक हैं.’
अडानी समूह की घोषणा से एक दिन सोमवार को भी एनडीटीवी ने एक ऐसा ही बयान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भेजा था.
अडानी समूह का मीडिया क्षेत्र में यह बड़ा कदम है. इस क्षेत्र में मुकेश अंबानी के पास प्रसारण कंपनी नेटवर्क18 के जरिये अच्छी-खासी हिस्सेदारी है. नेटवर्क18 सीएनएन-न्यूज़18 और सीएनबीसी-टीवी18 समेत कई समाचार चैनलों का संचालन करता है.
इससे पहले मार्च महीने में अडानी मीडिया वेंचर्स लिमिटेड (एएमवीएल) ने समूह की इकाई अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के नेतृत्व में डिजिटल समाचार मंच क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (क्यूबीएम) का अधिग्रहण किया था.
समूह ने कहा, ‘एएमवीएल की पूर्ण अनुषंगी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) के आआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (आरआरपीआर) में ‘वॉरंट’ हैं. कंपनी के पास इस वॉरंट को 99.9 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने का अधिकार है. वीसीपीएल ने इसका इस्तेमाल कर आरआरपीआर में 99.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली है.’
बयान के अनुसार, ‘आरआरपीआर दरअसल एनडीटीवी की प्रवर्तक कंपनी है. इसकी समाचार कंपनी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है.’
अडानी समूह की तीन कंपनियों ने एनडीटीवी में लगभग 493 करोड़ रुपये में अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश की है. इससे पहले अडानी समूह ने दिन में कहा था कि उसने 114 करोड़ रुपये में वीसीपीएल को खरीद लिया है.
वीसीपीएल शुरुआत में अंबानी समूह से जुड़ी हुई थी लेकिन इसके स्वामित्व को वर्ष 2012 में दिल्ली के एक नहाटा समूह को स्थानांतरित कर दिया गया था.
वहीं, अंबानी की जियो ने दूरसंचार क्षेत्र में वापस उतरने के लिए नहाटा समूह के इन्फोटेल ब्रॉडबैंड को वर्ष 2010 में खरीद लिया था.
वीसीपीएल ने अडानी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ मिलकर एनडीटीवी के 1,67,62,530 पूर्ण चुकता इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण के लिए 294 रुपये प्रति शेयर के मूल्य की पेशकश की है.
एनडीटीवी का शेयर मंगलवार को बीएसई में 2.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 366.20 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी के शेयरों में इस वर्ष अबतक 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. हालांकि, समूह की तरफ यह खुली पेशकश कंपनी के शेयर मूल्य से 19.71 प्रतिशत कम है.
अडानी समूह पिछले कुछ महीनों से मीडिया जगत में प्रवेश करना चाहता था. पिछले साल सितंबर में समूह ने अपनी मीडिया कंपनी अडानी मीडिया वेंचर्स का नेतृत्व करने के लिए वरिष्ठ पत्रकार संजय पुगलिया की नियुक्ति की थी.
एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (एएमएनएल) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजय पुगलिया ने कहा कि यह अधिग्रहण नए जमाने के मीडिया का मार्ग प्रशस्त करने के कंपनी के लक्ष्य की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
कांग्रेस ने कहा- एनडीटीवी के अधिग्रहण का प्रयास स्वतंत्र मीडिया को दबाने के लिए उठाया गया कदम
कांग्रेस ने उद्योगपति गौतम अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा एनडीटीवी के अधिग्रहण संबंधी खबरों के बीच बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘खास दोस्त’ के स्वामित्व वाली कंपनी का यह प्रयास स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और उसे दबाने के लिए उठाया गया एक कदम है.
The news of a deeply over-leveraged company owned by the PM’s ‘khaas dost’ making a hostile takeover bid of a well-known TV news network is nothing but concentration of economic and political power, and a brazen move to control and stifle any semblance of an independent media.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 24, 2022
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री के ‘खास दोस्त’ की अत्यधिक ऋणी कंपनी द्वारा एक प्रसिद्ध टीवी न्यूज़ नेटवर्क के द्वेषपूर्ण अधिग्रहण की ख़बर आर्थिक और राजनीतिक ताकत का केंद्रीकरण है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और दबाने के लिए उठाया गया बेशर्मी भरा कदम है.
रमेश ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘क्या रहस्यमयी बात है कि ‘हमारे दो’ में से एक ने कर्ज दिया और उसका दूसरे ने हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया ताकि एक टेलीविजन नेटवर्क का द्वेषपूर्ण अधिग्रहण किया जा सके. विडंबना है कि जिसे ‘विश्वप्रधान’ कहा जाता है वह इसमें नजदीक से शामिल है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)