बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल था, जिसमें एक महिला से कुछ लोग मारपीट करते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए समाचार चैनल ज़ी हिंदुस्तान ने दावा किया था कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर ज़ुल्म नहीं रुक रहा है. अब फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में पता चला है कि पीड़िता मुस्लिम समुदाय की हैं और इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. इसमें एक महिला को एक आदमी घसीटते हुए ले जा रहा है. इसके बाद कई लोग उसे बाल पकड़कर लात, घूसों, चप्पलों और डंडों से पीट रहे हैं. कुछ महिलाएं भी ऐसा करते हुए देखी जा सकती हैं.
इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये पाकिस्तान का है और पीड़िता हिंदू समुदाय की है.
ज़ी हिंदुस्तान ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘पाकिस्तान में नहीं रुक रहा है हिंदुओं पर जुल्म. मामूली बात पर हिंदू महिला को लाठी डंडों से पीटा गया.’
पाकिस्तान में नहीं रुक रहा है हिन्दुओं पर जुल्म
मामूली बात पर हिन्दू महिला को लाठी डंडों से पीटा गया. पीड़ित हिन्दुओं की कहीं नहीं हो रही है सुनवाई. pic.twitter.com/uSi1ssOlCW— ZEE HINDUSTAN (@Zee_Hindustan) August 27, 2022
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘एक ओर अफगानिस्तान ने बेटियों के विदेशों में भी पढ़ने को प्रतिबंधित कर दिया तो वहीं पाकिस्तान हिंदू महिलाओं के साथ दरिंदगी पर उतर आया. जिहादियों की महिलाद्रोही मानसिकता नहीं बदल सकती.’
एक ओर अफगानिस्तान ने बेटियों के विदेशों में भी पढ़ने को प्रतिबंधित कर दिया तो वहीं पाकिस्तान हिंदू महिलाओं के साथ दरिंदगी पर उतर आया..
जिहादियों की महिलाद्रोही मानसिकता नहीं बदल सकती!! pic.twitter.com/m36I3gLEfw— विनोद बंसल Vinod Bansal (@vinod_bansal) August 28, 2022
दिव्य कुमार सोती ने ज़ी हिंदुस्तान के ट्वीट को कोट ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हिंदुस्तान में ही हिंदुओं की कोई सुनवाई नहीं है तो पाकिस्तान में कहां से होगी?’
इसी प्रकार राइट विंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट क्रियेटली मीडिया, एक्टर मनोज जोशी, ह्यूमैनिटेरियन एड इंटरनेशनल के फ़ाउंडर सुधांशु सिंह, अक्सर ग़लत जानकारी फैलाने वाले @MrSinha_, इत्यादि ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया.
फैक्ट-चेक
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि की-वर्ड्स सर्च करने पर उसे पाकिस्तानी न्यूज चैनल की वेबसाइट जियो टीवी पर 9 जनवरी 2022 को प्रकाशित एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल के मुताबिक, जमीन विवाद को लेकर एक बुजुर्ग महिला को प्रताड़ित करने का ये मामला पाकिस्तान के सियालकोट का है.
वीडियो वायरल होने के बाद सियालकोट पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए 15 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. पुलिस ने इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें 4 महिलाएं थीं. जियो टीवी से बात करते हुए बुजुर्ग महिला ने बताया कि ये घटना जमीन विवाद से संबंधित है, जो पिछले 13 साल से चल रहा है. इसमें कहीं भी सांप्रदायिक एंगल का जिक्र नहीं है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की वेब-पोर्टल पर 10 जनवरी 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जमीन को लेकर दो गुटों में विवाद था और इसको लेकर उनकी पहले भी कहासुनी हो चुकी थी.
रिपोर्ट के अनुसार, घटना के दिन फिर से दो महिलाओं के बीच जमीन को लेकर विवाद हो गया. उनकी पहचान मुनव्वर कंवल और नसरीन बीबी के रूप में की गई. नसरीन बीबी ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर मुनव्वर कंवल को बुरी तरह पीटा.
नसरीन के भाई, मुनव्वर को बालों से पकड़कर घसीटते हुए गांव ले गए और उन लोगों ने मिलकर मुनव्वर को थप्पड़, घूंसे मारे और लात-घूंसों से पीटा. इस रिपोर्ट में भी किसी प्रकार के सांप्रदायिक एंगल का जिक्र नहीं है.
पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने 9 जनवरी को मामले में कार्रवाई करते हुए 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें 4 महिलाएं थीं. 10 जनवरी को मामले में अपडेट देते हुए पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने कहा कि उन्होंने 10वें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और बाकियों की तलाश जारी है.
معمر خاتون پر تشدد کے واقعہ میں ملوث ایک اور ملزم تیمور کو جھنگ موڑ سے گرفتار کیا گیا ہے،گرفتار ملزمان کی تعداد 10 ہو گئی۔باقی ملزمان کی تلاش جاری ہے تمام ملزمان کی گرفتاری تک سرچ آپریشن جاری رہے گا. https://t.co/HcQSORaqL0 pic.twitter.com/alwfRGcyqX
— Punjab Police Official (@OfficialDPRPP) January 10, 2022
उर्दू की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज को इस मामले से जुड़ा एक आर्टिकल पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट न्यूज 360 टीवी पर मिला. इस आर्टिकल में सियालकोट पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी भी मौजूद है. इसमें घटना की तारीख 31 दिसंबर 2021 लिखी है और एफआईआर दर्ज होने की तारीख 7 जनवरी 2022 लिखी है.
ऑल्ट न्यूज ने इस मामले में पाकिस्तान में बीबीसी उर्दू की पत्रकार सारा अतीक से बात की और उनसे एफआईआर की कॉपी शेयर की. उन्होंने कंफर्म किया कि ये उसी घटना की एफआईआर कॉपी है और इसमें पीड़िता का नाम और मोबाइल नंबर भी मौजूद है.
उन्होंने इस मामले में सांप्रदायिक एंगल की जांच करने के लिए पीड़िता मुनव्वर कंवल से बात की. पीड़िता ने उन्हें बताया कि वो मुस्लिम समुदाय की हैं. पीड़ित महिला और सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय के हैं.
यह रिपोर्ट मूल रूप से ऑल्ट न्यूज़ पर प्रकाशित हुई है.