जदयू ने इन पांच विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए हाईकोर्ट जाने की बात कही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने मणिपुर में वही किया, जो उसने पहले दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया था.
इंफाल/पटना: मणिपुर में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कुल छह में से पांच विधायक शुक्रवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अध्यक्ष ने संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत जदयू के पांच विधायकों के भाजपा में विलय को स्वीकार करते हुए प्रसन्नता जताई है.
जदयू ने इस साल मार्च में हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह पर जीत दर्ज की थी.
भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन. सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरुण कुमार शामिल हैं.
Hon'ble Speaker of the Manipur LA accepted the merger of the 5 JD(U) MLAs to BJP namely Kh.Joykishan Singh, Ngursanglur Sanate, Md. Achab Uddin, Thangjam Arunkumar, & L.M. Khaute.
Welcome to the BJP family!! @narendramodi @JPNadda @sambitswaraj @NBirenSingh @AShardaDevi pic.twitter.com/AthKHo3llC
— BJP Manipur (@BJP4Manipur) September 2, 2022
खाउटे और अरुण कुमार ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने पर दोनों जदयू में शामिल हो गए थे.
द हिंदू के मुताबिक, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ए. शारदा जदयू के पांच पूर्व विधायकों के साथ इंफाल से शनिवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कुछ अन्य लोगों से उनकी मुलाकात की उम्मीद है.
शुक्रवार को देर रात को जदयू के पांचों विधायक सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे. मणिपुर विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि विलय संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत किया गया है.
इसी बीच, राज्य जदयू के अध्यक्ष क्षेत्रमयुम बीरेन ने कहा कि चूंकि यह 10वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन है, इसलिए पार्टी इन पांच विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए हाईकोर्ट जाएगी.
इस घटनाक्रम के बाद मोहम्मद अब्दुल नासिर जदयू के अकेले विधायक हैं, जो पार्टी में बचे हैं. वह भी दिल्ली पहुंच गए हैं और सभी वर्गों को उनके रुख की घोषणा का इंतजार है.
जदयू विधायकों को भाजपा में शामिल करने में धन-बल का प्रयोग किया गया: जदयू
मणिपुर में अपने अधिकांश विधायकों के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद जदयू ने शनिवार को अपने पूर्व सहयोगी पर निशाना साधा और अन्य दलों के विधायकों को फंसाने के लिए ‘धन बल’ का उपयोग करने का आरोप लगाया.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मणिपुर में वही किया जो उसने पहले दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया था.
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश में हमने सात सीटें और मणिपुर में छह सीटें जीती थीं और दोनों राज्यों में हमने सीधे भाजपा को हराकर चुनाव जीता था. 2020 में अरुणाचल प्रदेश में भी यही किया गया, जबकि तब हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा थे. गठबंधन धर्म, नैतिकता का पाठ पढाने वाले भाजपा के लोगों ने बाद में सात में छह विधायकों को तोड़ लिया और एक को हाल में अपने दल में मिला लिया है, लेकिन मणिपुर में जो कुछ भी हुआ, वहां धन-बल का प्रयोग किया गया है.’
यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है जब पार्टी यहां अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रही है और बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी के शीर्ष नेता नीतीश कुमार को राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी भूमिका के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है.
लगभग चार दशकों से नीतीश कुमार के साथ जुड़े ललन ने कहा, ‘भाजपा चाहे जो भी चाल चले, वह 2023 तक जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनने से नहीं रोक पाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा को अपने बारे में चिंता करनी चाहिए. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा और किसी ने 42 रैलियों को संबोधित नहीं किया, लेकिन पार्टी 243 सदस्यीय विधानसभा में 53 सीटें ही जीत सकी थी. उन्हें 2024 में अपने भाग्य के बारे में सोचना चाहिए. पूरा विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट होगा.’
मोदी के हालिया आरोप कि विपक्षी दल भ्रष्ट लोगों की रक्षा के लिए जुटे हुए हैं, इसका जिक्र करते हुए जदयू प्रमुख ने कटाक्ष किया, ‘भाजपा अन्य दलों के साथ जो कर रही है वह सदाचार है, लेकिन धन बल के उसके खुले इस्तेमाल के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई भ्रष्टाचार है. प्रधानमंत्री ने इसे फिर से परिभाषित किया है.’
उन्होंने बिहार भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की उस टिप्पणी की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरुणाचल और मणिपुर के बाद बिहार जहां पार्टी को अपने बड़े सहयोगी लालू प्रसाद की पार्टी राजद द्वारा विभाजित किया जा सकता है, के ‘जदयू मुक्त’ बनने की बारी है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, ‘सुशील मोदी को अपने केंद्रीय नेतृत्व का दिवास्वप्न बेचने दें. इससे उन्हें राजनीतिक वनवास से बाहर आने में मदद मिल सकती है.’
अरुणांचल के बाद मणिपुर भी JDU मुक्त ।बहुत जल्द लालूजी बिहार को भी JDU मुक्त कर देंगे ।@ANI @ABPNews @News18India @News18Bihar @ZeeBiharNews
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 2, 2022
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने जदयू पर तंज करते हुए ट्विटर पर कहा, ‘अरुणाचल के बाद मणिपुर भी जदयू मुक्त है. बहुत जल्द लालू जी बिहार को भी जदयू मुक्त कर देंगे.’
मालूम हो कि बीते अगस्त महीने में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा के साथ एनडीए गठबंधन तोड़ने और अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने विपक्षी पार्टी राजद के साथ महागठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. राजद नेता तेजस्वी यादव राज्य के उप-मुख्यमंत्री बनाए गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)