दिल्ली: 01 जनवरी 2023 तक पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के ख़तरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है. पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के ख़तरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है. पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होगा.

New Delhi: Smoke rises as people burn crackers during 'Diwali' celebrations, in New Delhi, Wednesday, Nov. 07, 2018. According to the officials, Delhi recorded its worst air quality of the year the morning after Diwali as the pollution level entered 'severe-plus emergency' category due to the rampant bursting of toxic firecrackers. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI11_8_2018_000019B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण व इस्तेमाल पर एक जनवरी 2023 तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

उन्होंने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी यह प्रतिबंध लागू होता है.

राय ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके.’

उन्होंने कहा, ‘इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री/डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा. यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक लागू रहेगा. प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी.’

पिछले तीन वर्षों से दिवाली के दौरान दिल्ली के वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने पिछले साल भी 28 सितंबर से एक जनवरी 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.

पटाख जलाने से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए शहर की सरकार ने ‘पटाखे नहीं दिए जलाओ’ अभियान भी शुरू किया था.

पटाखों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों और विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी.

साल 2020 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 9 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.

दिल्ली सरकार ने विभागों से वायु प्रदूषण पर 15 सितंबर तक योजना प्रस्तुत करने को कहा

इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दियों में राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने जिन कदमों के क्रियान्वयन के लिए कहा है, सरकार उससे कहीं अधिक कार्य करेगी.

राय ने सोमवार को लगभग 30 संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक विभाग को विशिष्ट कार्य दिए गए हैं और उन्हें 15 सितंबर तक दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक अंतिम योजना प्रस्तुत करने को कहा गया है.

पर्यावरण विभाग ठंड में प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी करेगा. कार्य योजना में पराली प्रबंधन, धूल प्रदूषण, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, खुले में कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण, ‘ग्रीन वार रूम’ और हरित दिल्ली मोबाइल एप्लिकेशन, प्रदूषण हॉटस्पॉट, वास्तविक समय के हिसाब से अध्ययन, स्मॉग टॉवर, ई-वेस्ट पार्क, पौधारोपण ईको-फार्मिंग, जनभागीदारी, पटाखों और पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

राय ने कहा, ‘हमने संशोधित ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ के क्रियान्वयन पर भी काम करना शुरू कर दिया है. हम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा निर्धारित किए गए कार्यों से अधिक काम करेंगे.’

सीएक्यूएम ने हाल में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रबंधन के लिए एक व्यापक नीति जारी की थी.

सीएक्यूएम के अनुसार, संशोधित जीआरएपी सामान्य तिथि से 15 दिन पहले एक अक्टूबर से लागू होगी. जीआरएपी स्थिति की गंभीरता के अनुसार दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण रोधी कदमों की सूची है. संशोधित योजना पूर्वानुमानों के आधार पर पाबंदियों को लागू किए जाने पर केंद्रित है और प्रतिबंध तीन दिन पहले तक लगाए जा सकते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)