पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के पास कहिया वाला बाज़ार इलाके में सात सितंबर की देर रात को हुई घटना. पुलिस ने बताया कि घटना में शामिल रमनदीप सिंह नाम के वेटर को गिरफ़्तार कर लिया गया है. दो आरोपी निहंग सिख- चरणजीत सिंह और तरुणदीप सिंह की तलाश की जा रही है.
अमृतसर/चंडीगढ़: पंजाब के अमृतसर शहर में दो निहंग सिखों और एक अन्य व्यक्ति ने 22 वर्षीय एक व्यक्ति पर स्वर्ण मंदिर के पास तंबाकू के सेवन का आरोप लगाते हुए उसकी कथित तौर पर हत्या कर दी. घटना के मृतक नशे की हालत में थे. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
जानकारी के अनुसार, बुधवार (सात सितंबर) की रात कहिया वाला बाजार में हुई इस घटना को करीब आधा दर्जन लोग मूकदर्शक बनकर देखते रहे और इसे रोकने के लिए कोई आगे नहीं आया.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, यह घटना स्वर्ण मंदिर से करीब 800 मीटर दूर महान सिंह रोड पर एक होटल के बाहर तड़के करीब 1 बजे हुई. घटना होटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया.
पुलिस ने कहा कि हमले के बाद हरमनजीत सिंह रात भर सड़क पर पड़े रहे और अत्यधिक खून बहने के कारण उनकी मौत हो गई. वह अमृतसर के छत्तीविंड के रहने वाले थे.
पुलिस ने कहा कि उसने तीनों आरोपियों की पहचान कर ली है और इनमें से होटल में वेटर के रूप में काम करने वाले रमनदीप सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है.
A person who was killed by the Nihang Singh has gone viral on #SocialMedia. In reaction, @cpamritsar identified the individuals, one accused has been arrested, and raids are being carried out to apprehend the remaining suspects. #ActionAgainstCrime pic.twitter.com/QfPP8wu58m
— Commissioner of Police Amritsar (@cpamritsar) September 8, 2022
इसने कहा कि दो निहंग सिखों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अमृतसर के पुलिस आयुक्त अरुण पाल सिंह ने कहा कि आरोपी रमनदीप सिंह ने आरोप लगाया है कि हरमनजीत सिंह नशे की हालत में थे और स्वर्ण मंदिर के निकट निहंग सिखों के विरोध के बावजूद तंबाकू का सेवन कर रहे थे.
अधिकारी ने कहा कि हरमनजीत के कृत्य से नाराज निहंग सिखों ने उसके साथ मारपीट की और बाद में रमनदीप भी हमले में शामिल हो गया.
अधिकारी ने कहा, ‘गिरफ्तार आरोपी रमनदीप के अनुसार, पीड़ित नशे में था और तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे थे, जबकि निहंग सिखों ने इसका विरोध किया था. हालांकि, उनके दावों की पुष्टि की जानी बाकी है.’
उन्होंने कहा कि रमनदीप ने घटना में शामिल दो अन्य दो निहंगों को नहीं जानने का भी दावा किया, जिनकी पहचान बाद में चरणजीत सिंह और तरुणदीप सिंह के रूप में हुई.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए हमले के एक कथित वीडियो में निहंग सिख पीड़ित को धारदार हथियारों और चाकू से मारते हुए दिखाई दे रहे हैं. हमलावरों में बाद में रमनदीप भी जुड़ गए.
पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहगीर मूकदर्शक बने रहे और किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया. वह आदमी पूरी रात सड़क पर पड़ा रहा, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की और न ही पुलिस को फोन किया. हैरानी की बात यह है कि उस इलाके में तैनात पुलिस ने भी इस हमले पर ध्यान नहीं दिया.’
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस स्टेशन बी-डिवीजन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 34 (कई लोगों द्वारा सामान्य इरादे से किए गए कृत्य) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
मालूम हो कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 18 दिसंबर 2021 को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने पर गुस्साई भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
इस घटना के 24 घंटे के भीतर (19 दिसंबर 2021) ही कपूरथला के निजामपुर गांव स्थित एक गुरुद्वारे में बेअदबी के आरोप में एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने बेअदबी किए जाने से इनकार किया था.
उससे पहले 15 अक्टूबर 2021 को निहंग सिखों ने दिल्ली-हरियाणा की सीमा (सिंघू बॉर्डर) पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी और उनका हाथ काट दिया गया था.
पुलिस ने बताया था कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरणतारण जिले के चीमा खुर्द के रहने वाले और पेशे से मजदूर थे. उनकी आयु 35 वर्ष के आसपास थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)