केंद्र के ख़िलाफ़ बोलना बंद करने पर मुझे उपराष्‍ट्रपति बनाने के संकेत दिए गए थे: सत्यपाल मलिक

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आयकर विभाग व ईडी द्वारा मारे जा रहे छापों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना पर कहा कि कुछ छापे भाजपा वालों पर भी डलवा दिए जाएं तो यह बात नहीं कही जाएगी. भाजपा में छापे डलवाने लायक बहुत लोग हैं.

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Srinagar: Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik during an Interview with PTI, in Srinagar, on Tuesday, October 16, 2018. ( PTI Photo/S Irfan)(Story No. DEL 66)(PTI10_16_2018_000159B)
सत्यपाल मलिक. (फाइल फोटो: पीटीआई)

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आयकर विभाग व ईडी द्वारा मारे जा रहे छापों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना पर कहा कि कुछ छापे भाजपा वालों पर भी डलवा दिए जाएं तो यह बात नहीं कही जाएगी. भाजपा में छापे डलवाने लायक बहुत लोग हैं.

Srinagar: Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik during an Interview with PTI, in Srinagar, on Tuesday, October 16, 2018. ( PTI Photo/S Irfan)(Story No. DEL 66)(PTI10_16_2018_000159B)
राज्यपाल सत्यपाल मलिक. (फोटो: पीटीआई)

जयपुर: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को दावा किया कि उन्‍हें संकेत दिया गया था कि अगर वह केंद्र के खिलाफ बोलना बंद कर दें तो उन्हें उपराष्‍ट्रपति बना दिया जाएगा.

जगदीप धनखड़ को उपराष्‍ट्रपति बनाए जाने पर मलिक ने कहा कि वह (धनखड़) योग्य उम्मीदवार थे, बनाना ही चाहिए था.

साथ ही उन्‍होंने कहा, ‘..मेरा कहना इसमें ठीक नहीं लेकिन मुझे इशारे थे, पहले से, कि आप नहीं बोलोगे तो आपको (उपराष्‍ट्रपति) बना देंगे लेकिन मैं यह नहीं कर सकता. मैं जो महसूस करता हूं, वह जरूर बोलता हूं.’

राहुल गांधी की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने झुंझुनू में संवाददाताओं से कहा, ‘अपनी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, अच्‍छी बात है. नौजवान आदमी हैं, पैदल तो चल रहे हैं. अब तो नेता यह सब काम तो करते ही नहीं हैं.’

यात्रा के संदेश के बारे में उन्‍होंने कहा, ‘क्‍या संदेश जाएगा, मुझे नहीं पता. यह तो जनता बताएगी कि क्‍या संदेश गया लेकिन मुझे यह लगा कि ठीक काम कर रहे हैं.’

वहीं, हिंदु्स्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, मलिक ने एक दिन पहले ही शुक्रवार को कहा था, ‘मुझे उम्मीद है कि यह यात्रा (भारत जोड़ो यात्रा) देश के लिए कुछ अच्छे नतीजे भी लाएगी.’

किसान आंदोलन दोबारा शुरू होने की संभावना पर उन्होंने कहा, ‘किसान आंदोलन मैं तो नहीं करने वाला लेकिन किसानों को करना पड़ेगा, जैसे हालात दिख रहे हैं. अगर एमएसपी की बात (केंद्र) सरकार नहीं मानती है तो फिर लड़ाई होगी.’

सरकार द्वारा मांग माने जाने के आसार पर उन्‍होंने कहा, ‘अभी तो मानने के कोई बहुत आसार लग नहीं रहे हैं.’

दिल्‍ली में राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्‍य पथ’ किए जाने पर उन्‍होंने कहा, ‘इसकी कोई जरूरत नहीं थी. राजपथ सुनने में भी अच्‍छा लगता था, उच्‍चारण में ठीक था, कर्तव्‍य पथ कौन उच्‍चारण करेगा… लेकिन चलो कर दिया तो उनका भी मंजूर है.’

आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मारे जा रहे छापों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना पर मलिक ने कहा, ‘कुछ छापे भाजपा वालों पर भी डलवा दें तो यह बात नहीं कही जाएगी. भाजपा में तो बहुत लोग हैं छापे डलवाने लायक. कुछ छापे अपनों पर भी डलवा दें तो यह बात नहीं उठे.’

उपराष्ट्रपति बनाए जाने संंबंधी मलिक के दावे पर कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है और इसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बांटी जाने वाली रेवड़ियां कहा है.

गौरतलब है कि कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सभा में जनता को सरकारों द्वारा दिए जाने वाली मुफ्त सेवाओं को ‘मुफ्त की रेवड़ियां’ करार दिया था.

ज्ञात हो कि सत्यपाल मलिक भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को कई बार, खासकर किसान आंदोलन से जुड़े मसलों को लेकर आड़े हाथों ले चुके हैं. बीते माह उन्होंने कहा था कि एमएसपी लागू न करने के पीछे प्रधानमंत्री मोदी का दोस्त अडानी है.

इस साल जनवरी में उन्होंने प्रधानमंत्री पर ‘घमंडी’ होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि जब मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से (अब निरस्त कर दिए गए) नए कृषि कानूनों को लेकर बात करनी चाही, तब वे ‘बहुत घमंड में थे’ और मलिक की उनसे ‘पांच मिनट में ही लड़ाई हो गई.’

मई में भी सत्यपाल मलिक ने एमएसपी पर कानून बनाने की वकालत करते हुए कहा था कि सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को समाप्त कराने के लिए जो वादे किए थे उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है. किसानों ने केवल दिल्ली में अपना धरना समाप्त किया है, लेकिन तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन अभी भी जीवित है.

वहीं, जून महीने में मलिक ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि एमएसपी पर कानून नहीं बना तो देश में किसानों की सरकार के साथ बहुत भयानक लड़ाई होगी.

अक्टूबर 2021 में उन्होंने कहा था कि यदि किसानों की मांगें स्वीकार नहीं की जाती हैं, तो भाजपा सत्ता में नहीं आएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)