देश को कमज़ोर प्रधानमंत्री की ज़रूरत, शक्तिशाली पीएम सिर्फ ताक़तवरों की मदद करता है: ओवैसी

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कहा कि अगर विपक्ष ने प्रधानमंत्री उम्मीदवार का चेहरा पेश करके नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश की तो भाजपा को फायदा होगा, इसके बजाय सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा के साथ प्रतिस्पर्धा करने की ज़रूरत है.

/
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी. (फोटो साभार: फेसबुक/@AIMIM)

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कहा कि अगर विपक्ष ने प्रधानमंत्री उम्मीदवार का चेहरा पेश करके नरेंद्र मोदी के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश की तो भाजपा को फायदा होगा, इसके बजाय सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा के साथ प्रतिस्पर्धा करने की ज़रूरत है.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी. (फोटो साभार: फेसबुक/@AIMIM)

अहमदाबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद भारत को एक कमजोर प्रधानमंत्री और कई दलों के सहयोग से बनी ‘खिचड़ी’ सरकार की जरूरत है, ताकि समाज के कमजोर वर्ग को लाभ हो सके.

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री केवल शक्तिशाली लोगों की मदद करता है.’

एआईएमआईएम प्रमुख ने आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला करते हुए दावा किया कि वह गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग नहीं है, क्योंकि उसने बिलकीस बानो मामले में दोषियों की विवादास्पद रिहाई पर चुप्पी साध रखी है.

उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के बाद सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री ने बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, चीनी घुसपैठ, कॉरपोरेट कर छूट और उद्योगपतियों के बैंक ऋण के बारे में सवाल पर ‘व्यवस्था’ को दोषी ठहराया.

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि देश को अब एक कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है. हमने एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री देखा है, अब हमें एक कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है ताकि वह कमजोरों की मदद कर सके. एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री केवल शक्तिशाली की मदद कर रहा है.’

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि देश को एक ‘खिचड़ी’ सरकार की जरूरत है. खिचड़ी सरकार से आशय विभिन्न दलों के सहयोग से बनी गठबंधन सरकार से है.

ओवैसी ने कहा, ‘जब कोई कमजोर प्रधानमंत्री बनता है तो कमजोर को फायदा होता है, लेकिन जब एक मजबूत व्यक्ति प्रधानमंत्री बनता है तो शक्तिशाली को लाभ होता है. यह 2024 (लोकसभा चुनाव) का प्रयास होना चाहिए. देखते हैं क्या होता है.’

‘मुफ्त की रेवड़ी’ बांटने को लेकर जारी राजनीतिक बहस पर उन्होंने कहा, ‘जिसे आप सौगात कहते हैं, वह सभी की ओर से दी जा रही है. प्रधानमंत्री कॉरपोरेट कर और उद्योगपतियों के ऋण माफ करते हैं. ‘आप’ भी भाजपा से अलग नहीं है. दोनों एक ही बात कहते रहते हैं. ‘आप’ ने बिलकीस बानो मामले में एक शब्द भी नहीं कहा.’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वर्ष 2024 में विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में कुछ लोगों द्वारा पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि अगर विपक्ष ने चेहरे पेश करके मोदी के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश की तो भाजपा को फायदा होगा.

उन्होंने कहा कि इसके बजाय, ‘हम सभी को सभी लोकसभा सीट पर भाजपा के साथ प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है.’

नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगे के समय बिहार के मुख्यमंत्री भाजपा के सहयोगी थे, उन्होंने भगवा पार्टी के साथ सरकारें बनाईं और अब उन्होंने किसी और से हाथ मिला लिया है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक नीतीश के संबंध में उन्होंने कहा, ‘हालांकि, उन्होंने 2015 में उनका (भाजपा) साथ छोड़ दिया, लेकिन वे 2017 में फिर से उनके साथ हो गए और 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीतने में मदद की. अब उन्होंने उनका साथ छोड़ दिया है.’

वर्तमान केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटीं एक और नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने भूतकाल में आरएसएस की प्रशंसा की थी.

ओवैसी ने आगे कहा, ‘यह एक तरह से पाखंड है कि जो लोग आज धर्मनिरपेक्षता के विशेषज्ञ होने का ढोंग कर रहे हैं, वे तय करेंगे कि कौन धर्मनिरपेक्ष है और कौन सांप्रदायिक. देश उन्हें देख रहा है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘सत्तारूढ़ भाजपा के पास लोकसभा में 306 सीटें हैं. फिर भी प्रधानमंत्री मोदी शिकायत करते हैं कि ‘सिस्टम’ उन्हें काम नहीं करने देता. अगर आप आठ सालों से प्रधानमंत्री हैं, और आप फिर भी ऐसे बयान देते हैं तो कृपया मुझे बताइए कि आपको और क्या शक्तियां चाहिए?’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अधिकांश राजनीतिक दल महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों को दरकिनार करते हुए हिंदुत्व की विचारधारा के बड़े झंडाबरदार बनने की होड़ में हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq