गोंडा ज़िले में हत्या के एक मामले में पूछताछ के लिए नवाबगंज थाने बुलाए गए एक 22 वर्षीय लाइन मैन की पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत हो गई. व्यक्ति के परिजनों ने प्रभारी निरीक्षक पर हत्या का आरोप लगाया है. इस बीच उन्हें निलंबित कर दिया गया है.
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हत्या के एक मामले में पूछताछ के लिए नवाबगंज थाने बुलाए गए एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत हो गई. इस मामले में नवाबगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बृहस्पतिवार को बताया कि हत्या के एक मामले में गोंडा जिले के नवाबगंज थाने में पूछताछ के लिए लाए गए शख्स देव नारायण यादव उर्फ देवा (22) की बुधवार को पूछताछ के दौरान अचानक तबीयत खराब हो गई थी.
देवा को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया.
तोमर के मुताबिक, देवा की मौत पर उसके परिजनों ने हंगामा करते हुए प्रभारी निरीक्षक तेज प्रताप सिंह पर हत्या का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अभियोग दर्ज कराए जाने की मांग की थी.
उन्होंने बताया कि मृतक के पिता की तहरीर पर प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर गुरुवार सुबह उनके खिलाफ कत्ल का मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, देवा के शव का चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया है. प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर दर्ज अभियोग की निष्पक्ष विवेचना की जाएगी.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रकरण में लापरवाही बरतने के आरोप में एसओजी प्रभारी अमित यादव को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, तोमर ने यह भी कहा कि नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता द्वारा भरे गए पंचनामा में भी देवा के शरीर पर चोट के कोई प्रत्यक्ष निशान नहीं पाए गए हैं.
उन्होंने बताया कि नवाबगंज थाना क्षेत्र में हाल ही में एक झोलाछाप डॉक्टर की भी हत्या हुई थी और इस घटना की जांच के लिए एसओजी को लगाया गया था.
तोमर के मुताबिक, बुधवार को एसओजी की टीम नवाबगंज थाने पहुंची थी और उसने पूछताछ के लिए बिजली विभाग में संविदा पर लाइन मैन के रूप में कार्यरत माझा राठ निवासी देवा को थाने पर बुलवाया था.
तोमर ने बताया कि थाने के प्रभारी निरीक्षक तेज प्रताप सिंह के निर्देश पर देवा के पिता अपने बड़े भाई और ग्राम प्रधान दामाद के साथ उसे लेकर बुधवार दोपहर तीन बजे थाने पहुंचे थे और उसे प्रभारी निरीक्षक को सौंप दिया था.
तोमर के अनुसार, बाद में पांच बजे उन्हें बताया गया कि पूछताछ के दौरान देवा की तबीयत खराब हो गई थी और उसे जिला चिकित्सालय ले जाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि आरोप है कि शाम को परिजनों के अस्पताल पहुंचने पर देवा वहां नहीं मिला और रात करीब आठ बजे उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस पर परिजनों ने वहां जमकर हंगामा किया था.
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) ने घटना को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है.
पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, ‘भाजपा सरकार में एक और कस्टोडियल डेथ! गोंडा के नवाबगंज थाने में पुलिस द्वारा देव नारायण यादव नाम के युवक की हिरासत में पीट-पीटकर हत्या अत्यंत दुखद!’
शर्मनाक !
गोंडा में पुलिस द्वारा एक पिछड़े जाति के युवक देवनारायण यादव को योगी जी की बेलगाम पुलिस ने कस्टडी में मार डाला ,
लखीमपुर में दलित बालिकाओं की गैंगरेप और हत्या के बाद गोंडा में पिछड़े की पुलिसिया हत्या योगी सरकार में दलितों पिछड़ों पर अत्याचार की कहानी कह रही !
1/4 pic.twitter.com/SSRUJ59AVt— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) September 14, 2022
सपा ने आगे कहा, ‘आखिर और कितने निर्दोषों की इसी तरह हत्या करेगी योगी सरकार की पुलिस? दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर हो कार्रवाई.’