घटना हज़ारीबाग ज़िले के इचक थाना क्षेत्र की है, जहां ट्रैक्टर की किश्त समय पर न चुका पाने पर किसान का ट्रैक्टर जबरन उठाने आए फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट ने किसान की गर्भवती बेटी को ट्रैक्टर से कुचल दिया, जिससे उनकी मौक़े पर ही मौत हो गई.
हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग में ट्रैक्टर की किश्त समय पर न चुका पाने पर किसान का ट्रैक्टर जबरन उठाने आए फाइनेंस कंपनी के कर्मियों ने दिव्यांग किसान की गर्भवती बेटी को वाहन से कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, घटना गुरुवार को इचक थाना क्षेत्र के बरियानाथ में हुई. किसान की बेटी तीन महीने की गर्भवती थी.
हजारीबाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने बताया कि इस सिलसिले में फाइनेंस कंपनी के स्थानीय प्रबंधक समेत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और सभी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय के उपाधीक्षक राजीव कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया है जो उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
चौथे ने बताया कि निजी फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट और मैनेजर समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि इचाक पुलिस थाना क्षेत्र के बरियानाथ के विशेष रूप से सक्षम किसान मिथिलेश मेहता को महिंद्रा फाइनेंस कंपनी से संदेश मिला था कि वह ट्रैक्टर खरीदने के लिए लिए गए कंपनी के कर्ज की एक लाख तीस हजार रुपये की बकाया किश्त गुरुवार तक अवश्य जमा करा दें. लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर सका तो शुक्रवार को फाइनेंस कंपनी के एजेंट एवं अधिकारी उनके घर पहुंचे और उनका ट्रैक्टर उठा लिया.
उन्होंने बताया कि जब वह किसान का ट्रैक्टर ले जाने लगे तो किसान उनके पीछे भागा और तत्काल एक लाख बीस हजार की बकाया राशि देने की बात कही, लेकिन फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी नहीं माने और उसका ट्रैक्टर जबरन लेकर जाने लगे.
उन्होंने बताया कि किसान की 27 वर्षीय बेटी मोनिका उन्हें रोकने के लिए पीछे भागी, लेकिन वह वाहन की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
प्रभात खबर के मुताबिक, सिझुआ गांव के मिथिलेश प्रसाद मेहता ने महिंद्रा फाइनेंस से सितंबर 2018 को ट्रैक्टर फाइनेंस कराया था. इसकी छह किस्त बाकी थी. मेहता ने आर्थिक तंगी के कारण समय पर किश्त नहीं चुकाई थी और ब्याज के साथ जोड़कर यह राशि 1, 30,000 रुपये हो गई थी. 13 सितंबर को किसान 1,20,000 रुपये लेकर फाइनेंस कंपनी को देने गए थे, लेकिन उन्हें 1,30,000 रुपये जमा करने की बात कही गई.
समाचार एजेंसी एएनआई ने पीड़िता के एक रिश्तेदार के हवाले से कहा कि महिंद्रा फाइनेंस कंपनी के अधिकारी बिना बताए उनके घर आ गए.
स्थानीय पुलिस ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन को भी सूचित नहीं किया.
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव रखकर प्रदर्शन किया और परिवार को तत्काल दस लाख रुपये का मुआवजा देने और फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की मांग की.
बाद में, महिंद्रा फाइनेंस कंपनी के प्रबंध निदेशक अनीश शाह की ओर से बयान जारी कर इस घटना पर अफसोस जाहिर किया गया और कहा गया कि कंपनी पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ है और घटना की जांच में हर संभव मदद करेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)