जगन को पार्टी का आजीवन अध्यक्ष बनाने की ख़बरों पर चुनाव आयोग सख़्त, स्पष्टीकरण मांगा

मीडिया में ऐसी ख़बरें आई थीं कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने अपना स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिसे निर्वाचन आयोग ने लोकतंत्र विरोधी बताते हुए जवाब मांगा है.

वाईएस जगनमोहन रेड्डी. (फोटो साभार: फेसबुक)

मीडिया में ऐसी ख़बरें आई थीं कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने अपना स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिसे निर्वाचन आयोग ने लोकतंत्र विरोधी बताते हुए जवाब मांगा है.

वाईएस जगनमोहन रेड्डी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग (ईसी) ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी को वाईएसआरसीपी का स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने संबंधी खबरों पर स्पष्टीकरण देने को कहा है.

आयोग ने बुधवार को पार्टी को ‘स्पष्ट सार्वजनिक घोषणा’ करने का निर्देश दिया क्योंकि आयोग को लगता है कि इस मामले में अन्य राजनीतिक संगठनों में भ्रम पैदा करने की क्षमता है.

आयोग ने कहा कि पार्टी इस संबंध में स्पष्ट और श्रेणीबद्ध तरीके से सार्वजनिक घोषणा करे, जिससे इस तरह के भ्रम की स्थिति समाप्त हो जाएगी.

युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने इस साल 8 और 9 जुलाई को पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जगन मोहन रेड्डी के सर्वसम्मति से चुनाव होने के बारे में आयोग को जानकारी दी थी. हालांकि, उसने जगन को आजीवन स्थायी अध्यक्ष बनाए जाने के आरोपों के संबंध में कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया.

गौरतलब है कि मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने अपना स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है. इन खबरों के बाद चुनाव आयोग ने पार्टी से स्पष्टीकरण मांगा था.

वाईएसआरसीपी ने बाद में चुनाव आयोग से पुष्टि की थी कि इस मुद्दे पर खबर मीडिया में आई थी और पार्टी ने इस संबंध में एक आंतरिक जांच शुरू की है. इसने आयोग से यह भी कहा था कि तथ्यों का पता चलने पर पार्टी द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

चुनाव निकाय के आदेश में कहा गया है कि आयोग किसी भी संगठनात्मक पद के स्थायी प्रकृति के होने के प्रयास या संकेत को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है, जो स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र विरोधी है.

आयोग ने अपने आदेश में कहा, ‘कोई भी कार्रवाई जो आवधिक चुनावों से इनकार करती है, आयोग के मौजूदा निर्देशों का पूर्ण उल्लंघन है.’

आयोग ने कहा कि अगर स्पष्ट रूप से इसका खंडन नहीं किया जाता है तो यह अन्य राजनीतिक संरचनाओं में भ्रम पैदा करने की क्षमता रखता है कि ऐसा कदम निर्वाचन आयोग द्वारा माफ किया जा रहा है और इससे ऐसी घटनाओं का अनुपात बढ़ सकता है.

 

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25