भारतीय क्रिकेटर झूलन गोस्वामी ने दो दशक लंबे अंतरराष्ट्रीय करिअर को अलविदा कहा

भारतीय महिला क्रिकेट की तेज गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी ने वर्ष 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में क़दम रखा था. उनके दो दशक लंबे करिअर में वे विश्व की सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाली महिला खिलाड़ी रहीं.

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भारतीय महिला क्रिकेट की तेज गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी ने वर्ष 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में क़दम रखा था. उनके दो दशक लंबे करिअर में वे विश्व की सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाली महिला खिलाड़ी रहीं.

अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच की समाप्ति के बाद झूलन गोस्वामी. (फोटो साभार: फेसबुक/@IndianCricketTeam)

नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने शनिवार को इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर क्रिकेट को अलविदा कह दिया. उन्होंने महिला क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज के रूप में अपने दो दशक के शानदार करिअर का अंत किया.

वे 39 साल की हैं और उन्होंने कुल 20 वर्ष 261 दिन तक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है जो टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज के बाद सबसे अधिक है.

इसी तरह टेस्ट क्रिकेट में भी उनका करिअर 19 साल से अधिक लंबा रहा. उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करिअर की शुरुआत वर्ष 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ की थी और क्रिकेट को अलविदा भी उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ ही किया. मिताली के बाद वे सबसे लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाली महिला क्रिकेटर रहीं.

झूलन ने वर्ष 2002 में भारत की तरफ से पदार्पण किया था. उन्होंने अपने करिअर में 12 टेस्ट, 204 एकदिवसीय और 68 टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले. इन सभी में कुल मिलाकर उन्होंने 355 विकेट लिए, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विश्व की किसी भी महिला क्रिकेटर द्वारा लिए गए सर्वाधिक विकेट हैं.

झूलन ने अपने करिअर में पांच वनडे विश्वकप (2005, 2009, 2013, 2017 और 2022) में भाग लिया तथा वह महिला विश्व कप में सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं. वह महिला क्रिकेट में 250 से अधिक वनडे विकेट लेने वाली एकमात्र तेज गेंदबाज हैं. उनकी एकदिवसीय क्रिकेट में विकेट संख्या 255 रही, जो विश्व में सर्वाधिक है.

अपने आखिरी मैच में भी वे पूरी लय में नजर आईं और भारत की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाते हुए 10 ओवरों में महज 30 रन देकर दो विकेट लिए.

इससे पहले भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर शनिवार को लार्ड्स पर इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में टॉस के लिए झूलन गोस्वामी को लेकर मैदान में पहुंचीं थीं. आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच में झूलन गोस्वामी को बल्लेबाजी के लिए उतरते समय मेजबान (इंग्लैंड) टीम की खिलाड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

मैच के 40वें ओवर में नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरीं महिला क्रिकेट की अब तक की सबसे बड़ी खिलाड़ियों में से एक झूलन को इंग्लैंड की क्रिकेटरों ने प्रतिष्ठित लॉर्ड्स मैदान में दो पंक्तियों में खड़े होकर सम्मान दिया.

‘चकदा एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर इस खिलाड़ी के लिए दर्शकों ने भी तालियां बजाईं और उनकी हौसलाअफजाई की.

इंग्लैंड क्रिकेट ने भी झूलन के लिए एक संदेश दिया और उन्हें नवोदित क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा बताया.

इंग्लैंड क्रिकेट ने ट्वीट करके कहा, ’20 से अधिक वर्षों तक झूलन गोस्वामी ने प्रतिस्पर्धा पेश की है, उन्होंने शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में लगभग 10 हजार गेंद फेंकी हैं और शायद कई युवा लड़कियों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया है. धन्यवाद झूलन, आप एक प्रेरणा हैं.’

वहीं, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने झूलन गोस्वामी के दो दशक तक चले लंबे अंतरराष्ट्रीय करिअर को ‘यादगार’ करार देते हुए रविवार को कहा कि महिला क्रिकेट की सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक के संन्यास के साथ ही एक युग का अंत हो गया.

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘झूलन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने के साथ ही एक युग का अंत हो गया. उन्होंने बहुत गर्व के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने पूरी उत्कृष्टता के साथ भारतीय क्रिकेट की सेवा की.’

उन्होंने कहा, ‘वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुआ थीं और उनकी उपलब्धियां वर्तमान और भावी क्रिकेटरों को प्रेरित करती रहेंगी. खेल में उनका योगदान यादगार रहा. मैदान पर जहां उनकी प्रेरणादायी उपस्थिति की कमी खलेगी, वहीं उनकी उपलब्धियां भावी क्रिकेटरों को प्रेरित करती रहेंगी.’

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, ‘झूलन गोस्वामी इस खेल को खेलने वाली सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक हैं. उन्होंने अपने बेजोड़ गेंदबाजी कौशल से कई वर्षों तक भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई की तथा उनकी उपलब्धियां देश की तरफ से शीर्ष स्तर पर खेलने की इच्छा रखने वाली क्रिकेटरों के लिए मानदंड बनी रहेंगी. मैं उन्हें जिंदगी की नई पारी के लिए शुभकामनाएं देता हूं.’

बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने भी झूलन के क्रिकेट में योगदान को याद किया.

धूमल ने कहा, ‘भारत में महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने में झूलन और मिताली राज का अहम योगदान रहा. झूलन कभी अतिरिक्त प्रयास करने से पीछे नहीं हटीं, चाहे वह मैदान पर प्रदर्शन हो या फिर उत्कृष्टता हासिल करने के लिए की गई तैयारियां. उनकी शानदार उपलब्धियां और हमारे खेल में बेजोड़ योगदान उनकी साथियों और भावी क्रिकेटरों को प्रेरित करती रहेंगी.

झूलन गोस्वामी बोलीं- विश्व कप ख़िताब नहीं जीतने का मलाल

वहीं, झूलन गोस्वामी ने अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को कहा कि दो दशक के करिअर में उन्हें सिर्फ  एकदिवसीय विश्व कप खिताब को नहीं जीत पाने का पछतावा है.

इंग्लैंड के खिलाफ खेले अंतिम मुकाबले की एक तस्वीर. (फोटो: ट्विटर/आईसीसी)

मीडिया के बातचीत के दौरान झूलन ने भावुक होकर कहा कि वह इस खेल के प्रति शुक्रगुजार हैं, जिसने उन्हें इतनी शोहरत और प्रतिष्ठा दी.

उन्होंने कहा कि एकदिवसीय विश्व कप के 2005 और 2017 सत्र में टीम के उपविजेता रहने का मलाल उन्हें हमेशा रहेगा.

दाएं हाथ की 39 साल की इस गेंदबाज ने कहा, मैंने दो विश्व कप फाइनल खेले हैं लेकिन एक भी ट्रॉफी नहीं जीत सकी. अगर हम दो में से एक में भी चैंपियन बनते तो यह मेरे और टीम के लिए शानदार होता.

झूलन ने कहा, ‘मुझे बस इसका ही मलाल है क्योंकि आप चार साल तक विश्व कप की तैयारी करते हैं. बहुत मेहनत होती है. किसी भी क्रिकेटर के लिए विश्व कप जीतना एक सपने के सच होने जैसा होता है लेकिन जहां से मैं चीजों को देख रही हूं वहां से महिला क्रिकेट का स्तर और लोकप्रियता सिर्फ ऊपर की ओर ही जाएंगे.’

इस दिग्गज गेंदबाज ने कहा, ‘जब मैंने शुरुआत की थी तो इतने लंबे समय तक खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था. मैं खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि इस खेल को खेल सकी. ईमानदारी से कहूं तो बेहद साधारण परिवार और चकदा (पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में) जैसे एक छोटे से शहर से होने के कारण मुझे महिला या पेशेवर क्रिकेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था.’

उन्होंने कहा, ‘मैं अपने परिवार के लोगों, अभिभावकों की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया.’

झूलन ने कहा कि भारतीय टीम की कैप प्राप्त करना उनकी क्रिकेट यात्रा का सबसे यादगार क्षण था.

उन्होंने कहा, ‘मेरी सबसे अच्छी याद तब है जब मुझे भारत के लिए खेलने का मौका मिला और मैंने पहला ओवर फेंका क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था (कि मैं भारत के लिए खेलूंगी). मेरी क्रिकेट यात्रा कठिन रही है क्योंकि अभ्यास के लिए मुझे लोकल ट्रेन से ढाई घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी.’

उन्होंने कहा कि वह 1997 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के मैच को देखने के लिए आए 90,000 दर्शकों में मौजूद थीं.  यहीं से उन्होंने क्रिकेट को करिअर बनाने का फैसला किया.

उन्होंने कहा, ‘मैं 1997 में ‘बॉल गर्ल’ (मैदान के बाहर की गेंद को वापस करने वाली) थी. विश्व कप फाइनल को देखने के बाद ही मैंने भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा था.’

बताया गया है कि अब बीसीसीआई इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर महिलाओं की टी20 लीग शुरू करने की तैयारी कर रहा है.

झूलन से जब बीसीसीआई द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर महिलाओं की टी20 लीग शुरू करने और इसमें भाग लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘अभी तक मैंने इसके बारे में सोचा नहीं है. अभी महिला आईपीएल की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. हमें उम्मीद है कि यह आने वाले सत्र में शुरू होगा. मैं आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रही हूं, इसके बाद कुछ फैसला करूंगी. फिलहाल मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने जा रही हूं, जिसका मैंने हमेशा लुत्फ उठाया है.’

झूलन 2017 विश्व कप के बाद चोटों लगातार परेशान रहीं. उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से संन्यास पर विचार कर रही थीं.

झूलन ने कहा, ‘विश्व कप (2017) के बाद से मैं सोच रही थी कि कोई भी श्रृंखला मेरी आखिरी हो सकती है. मैंने लगातार चोट का सामना किया है और यह आसान नहीं था. मैंने सोचा था कि श्रीलंका दौरा (जुलाई में) मेरी आखिरी श्रृंखला होगी, लेकिन मैं फिर से चोटिल हो गई. ऐसे में इंग्लैंड दौरा मेरे लिए आखिरी विकल्प था. इसलिए मैं एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) में वापस गई, फिटनेस हासिल कर खुद को इंग्लैंड श्रृंखला से वापसी के लिए तैयार करने में सफल रही.’

गौरतलब है कि भारतीय टीम ने श्रृंखला 3-0 से क्लीन स्वीप करके अपने नाम की और झूलन ने करिअर ऐतिहासिक जीत के साथ समाप्त किया.

झूलन कहा कि संन्यास के बाद उन्हें मैदान पर भारतीय टीम की जर्सी में राष्ट्रगान को नहीं गाने की कमी सबसे ज्यादा खलेगी.

उन्होंने इस मौके पर कुछ महीने पहले संन्यास लेने वाली मिताली राज के साथ अपने लंबे समय से जुड़ाव के बारे में भी बताया.

झूलन ने कहा, ‘मिताली और मैं अंडर-19 के दिनों से एक साथ खेले हैं,  मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह हमारे संबंध अच्छे रहे हैं. यह टीम को एकजुट रखने के बारे में था. यह एक यात्रा की तरह रहा. हम मानते हैं कि हम महिला क्रिकेट की दिशा और दशा बदलने में एक हद तक कामयाब रहे.’

वहीं, मिताली ने झूलन को लेकर ट्विटर पर लिखा, ‘महिला क्रिकेट में तेज गेंदबाज के तौर पर उनका लंबा करिअर विश्वास से परे है. हम अपमे अंडर-19 दिनों से साथ खेले हैं. खेल के प्रति झूलन की प्रतिबद्धता और उसका हमेशा आशावादी रवैया सभी के लिए सबक है. भारतीय जर्सी तुम्हें याद करेगी.’

इस बीच खबर है कि बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ईडन गार्डंस पर एक स्टैंड का झूलन गोस्वामी के नाम पर रखने की सोच रहा है.

कैब अध्यक्ष अभिषेक डालमिया ने कहा है, ‘हम ईडन गार्डंस पर एक स्टैंड का नाम झूलन के नाम पर रखने की सोच रहे हैं. वह खास क्रिकेटर हैं और लीजेंड में उनका नाम दर्ज होता है. हम जरूरी अनुमति के लिए सेना से संपर्क करेंगे. हम वार्षिक दिवस पर उनके लिए विशेष सम्मान समारोह की भी योजना बना रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘कैब में हम महिला क्रिकेट को भी समान तवज्जो देते हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को भले ही वह अलविदा कह रही हैं, लेकिन हम चाहेंगे कि वह महिला आईपीएल खेलें.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)