अदालत ने प्राथमिकी रद्द करने के लिए महिला को विद्यालय में दो महीने तक सैनिटरी नैपकिन बांटने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला वकील द्वारा उनके ख़िलाफ़ दर्ज जबरन वसूली का मामला निरस्त करने की शर्त के तहत उन्हें दो महीने तक एक बालिका विद्यालय में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला वकील द्वारा उनके ख़िलाफ़ दर्ज जबरन वसूली का मामला निरस्त करने की शर्त के तहत उन्हें दो महीने तक एक बालिका विद्यालय में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली का मामला निरस्त करने की शर्त के तहत उन्हें दो महीने तक एक बालिका विद्यालय में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

उच्च न्यायालय ने जबरन वसूली के मामले में शिकायतकर्ता, जो एक वकील भी हैं, को दिल्ली उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति (डीएचसीएलएससी) के कार्यालय में रिपोर्ट करने और अगले तीन महीनों तक अपनी बेहतर क्षमता का इस्तेमाल करते हुए जनहित में नि:शुल्क मुकदमें लड़ने (Pro-bono) को कहा है.