विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों सहित अन्य सभी पाठ्यक्रमों के छात्र अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के तहत दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को एक साथ पढ़ सकेंगे, लेकिन दोहरी डिग्री के ये मानदंड पीएचडी छात्रों पर लागू नहीं होते.
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने रविवार को कहा कि यूजीसी के नए नियमों के तहत पीएचडी करने वाले छात्रों को एक साथ दो शैक्षणिक डिग्री लेने की अनुमति नहीं होगी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कुमार ने कहा,हालांकि डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों सहित अन्य सभी पाठ्यक्रमों के छात्र अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के तहत दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को भौतिक या ओपन या डिस्टेंस विधि में एक साथ कर सकेंगे.
यूजीसी ने शुक्रवार को सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखा कि विद्यार्थियों को एक साथ दो डिग्री हासिल करने में सहूलियत के लिए वे वैधानिक परिवर्तन करें.
हालांकि, इसने साथ ही स्पष्ट किया कि दिशानिर्देश केवल पीएचडी कार्यक्रमों के अलावा अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों में पढ़ने वाले छात्रों पर लागू होंगे.
कुमार ने कहा, ‘ये दोहरी डिग्री के कार्यक्रम पीएचडी छात्रों पर लागू नहीं होते हैं क्योंकि उन्हें अपने चुने हुए विषय में विशिष्ट ज्ञान पाने के लिए अपने शोध कार्य पर ध्यान केंद्रित करना होता है.’
यूजीसी ने गत अप्रैल में उस प्रस्ताव को अनुमति दे दी थी जिसमें विद्यार्थियों को दो पूर्णकालिक डिग्री एक साथ हासिल करने के लिए उन्हें दो कार्यक्रमों में साथ-साथ पढ़ाई की अनुमति दी गई है. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में प्रस्तावित है.
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से अनुरोध किया गया था कि वे अपने वैधानिक निकायों के माध्यम से छात्रों को एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम में पढ़ने अनुमति देने के लिए प्रणाली तैयार करें. एक बार फिर अनुरोध किया जाता है कि छात्रों के व्यापक हित में कृपया उक्त योजना का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें और इसमें तेजी लाएं, यदि अब तक नहीं किया गया है तो.’
सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखे अपने पत्र में यूजीसी ने कहा कि एक छात्र दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को भौतिक रूप से कर सकता है, बशर्ते कि ऐसे मामलों में दोनों कार्यक्रमों की कक्षाओं का समय एक-दूसरे से न टकराए.
वहीं, यूजीसी ने एक दिशानिर्देश जारी करके उच्च शैक्षणिक संस्थानों को यह अनुमति दे दी है कि वे विदेशी छात्रों के लिए 25 फीसदी अतिरिक्त सीट का सृजन कर सकते हैं. लेकिन, आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि उनके दाखिले के लिए पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)