सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा कि समाचार वेबसाइट, ओटीटी प्लेटफॉर्म और निजी टीवी चैनल ऑनलाइन सट्टेबाज़ी साइट का विज्ञापन दिखाने से दूर रहें, अन्यथा लागू क़ानूनों के तहत उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को समाचार वेबसाइट, ओटीटी मंच (प्लेटफॉर्म) और निजी टीवी चैनल को परामर्श जारी कर कहा कि वे ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट का विज्ञापन दिखाने से दूर रहें.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है, ‘ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट के विज्ञापनों और इस तरह की साइट के छद्म (सरोगेट) विज्ञापनों को दिखाने से बचने की सलाह बड़ी सख्ती के साथ दी गई है.’
डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए अलग से परामर्श जारी करके कहा गया है कि वे ऐसे विज्ञापन भारतीय दर्शकों को नहीं दिखाएं.
परामर्श में कहा गया है, ‘ऑनलाइन विदेशी सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म अब डिजिटल मीडिया पर बेटिंग प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करने के लिए समाचार वेबसाइट को एक छद्म (सरोगेट) उत्पाद के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे मामलों में मंत्रालय ने पाया है कि छद्म समाचार वेबसाइट के लोगो सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म के समान हैं.’
इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा है कि न तो सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म और न ही समाचार वेबसाइट भारत में किसी भी वैधानिक प्राधिकरण के तहत पंजीकृत हैं. ऐसी वेबसाइट समाचार की आड़ में छद्म विज्ञापन के रूप में सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा दे रही हैं.
परामर्श में कहा गया है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भी सूचित किया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट खुद को पेशेवर खेल ब्लॉग या खेल समाचार वेबसाइट के रूप में प्रचारित कर रहे हैं.
इसने ऑनलाइन सट्टेबाजी मंचों की एक सांकेतिक सूची भी उपलब्ध कराई है, जो सरोगेट विज्ञापन के लिए समाचार का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार और अमेज़ॅन प्राइम वीडियो जैसी सैटेलाइट टीवी और अन्य डिजिटल मीडिया को भारतीय दर्शकों के लिए जुए और सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों का प्रसारण तुरंत बंद कर देना चाहिए या दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना चाहिए.
परामर्श में कहा गया है कि सट्टेबाजी और जुआ भारत के अधिकांश हिस्सों में अवैध हैं. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत भ्रामक विज्ञापनों और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार, यह देखा गया है कि चूंकि सट्टेबाजी और जुआ अवैध है, इसलिए ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों के विज्ञापन भी निषिद्ध हैं.
मंत्रालय ने कहा कि प्लेटफार्मों पर सट्टेबाजी के विज्ञापन एक अवैध गतिविधि है और किसी भी डिजिटल मीडिया पर नहीं दिखाया जा सकता. अगर वे सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के अनुरूप हैं. निजी उपग्रह चैनलों के लिए मंत्रालय ने केबल टीवी नेटवर्क विनियमन अधिनियम 1995 के तहत विज्ञापन संहिता के प्रावधानों को भी लागू किया.
परामर्श में कहा गया है, ‘यह सूचित किया जाता है कि संबंधित समाचार वेबसाइटों के विज्ञापन, जो वास्तव में ऑनलाइन ऑफशोर बेटिंग प्लेटफॉर्म के लिए सरोगेट विज्ञापन हैं, इन कानूनों के अनुरूप नहीं हैं.’
मंत्रालय ने चेतावनी दी कि अगर इनका उल्लंघन किया जाता है तो लागू कानूनों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. परामर्श सोशल मीडिया मध्यस्थों पर भी लागू होगा, क्योंकि मंत्रालय ने ऐसी कंपनियों को भी पत्र भेजा है.
मामले के जानकारों के अनुसार, मंत्रालय ने कम से कम 26 ऐसी ऑफशोर वेबसाइटों का पता लगाया है, जो ज्यादातर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, कबड्डी और घुड़दौड़ जैसे खेलों से जुड़ी हैं.
नाम न छापने के शर्त पर उन्होंने कहा कि ये सरोगेट न्यूज प्लेटफॉर्म या न्यूज कंटेंट एग्रीगेटर के साथ पार्टनर का इस्तेमाल करते हैं या टेलीग्राम ग्रुप्स का इस्तेमाल करके यूजर बेस हासिल करते हैं. एक बार जब उपयोगकर्ता एप्लिकेशन डाउनलोड कर लेते हैं, तो वे यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के साथ-साथ अन्य पेमेंट गेटवे का उपयोग करके उन पर लेनदेन कर सकते हैं. सरकार ने यह निर्धारित करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है कि किस मंत्रालय को ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी पर गौर करना चाहिए.
जानकार लोगों में से एक ने कहा, ‘आईटी विभाग द्वारा इसी तरह की जांच से पता चला है कि ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी विभिन्न कंपनियों द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के तहत आयोजित की जाती है. भुगतान भारत स्थित गेटवे और सेवा प्रदाताओं के माध्यम से किया जाता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)