मामला गुजरात के खेड़ा ज़िले का है. आरोप है कि मुस्लिम समुदाय मस्जिद के पास गरबा आयोजित करने का विरोध कर रहा था, जिसके चलते उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पथराव कर दिया. बाद में पुलिस ने तीन संदिग्ध हमलावरों को गांव के चौराहे पर खड़ा करके सबके सामने लाठियों से पीटा. वहीं, सूरत में गरबा पंडाल के आयोजकों को इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने ग़ैर-हिंदुओं को काम पर रखा था.
खेड़ा/सूरत: गुजरात के खेड़ा जिले में एक मस्जिद के पास गरबा आयोजित करने का विरोध करने वाले मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की भीड़ द्वारा कार्यक्रम स्थल पर किए गए हमले में एक पुलिसकर्मी सहित सात व्यक्ति घायल हो गए. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
पुलिस ने मामले में गिरफ्तार संदिग्ध हमलावरों को गांव के चौराहे पर बिजली के एक खंभे से लगाकर खड़ा करके सबके सामने लाठी से पीटा.
वीडियो क्लिप में कथित तौर पर दिख रहा है कि जिले के उंधेला गांव में सोमवार रात गरबा कार्यक्रम में शामिल लोगों पर पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार तीन व्यक्तियों को कार्यक्रम स्थल के पास एक पुलिस वैन से बाहर निकाला जाता है.
वीडियो में दिख रहा है कि आरोपियों को फिर एक बिजली के खंभे की ओर ले जाया जाता है और एक पुलिसकर्मी उन्हें उनके हाथ पकड़कर बिजली के खंभे से लगाकर खड़ा करता है, वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी उन्हें कमर के नीचे डंडे से मारते नजर आ रहा है.
वीडियो में दिख रहा है कि कथित हमलावर पुलिसकर्मियों द्वारा कहे जाने पर मौके पर मौजूद लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं. मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की प्रशंसा की.
स्थानीय समाचार वीटीवी गुजराती न्यूज ने वीडियो को एक कैप्शन के साथ साझा किया, ’10-11 विधर्मियों को गांव लाया गया, जहां पुलिस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से सबक सिखाया.’
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पुलिस उपाधीक्षक वीआर बाजपेयी ने बताया कि मातर पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने बताया कि घटना के बाद गांव में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
बाजपेयी ने संवाददाताओं से कहा, ‘गांव के सरपंच ने एक मंदिर में गरबा का आयोजन किया था. मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ ने इसे रोकने की कोशिश की.’
उन्होंने कहा कि भीड़ ने पथराव भी किया. उन्होंने कहा कि इसमें ग्राम रक्षक दल (जीआरडी) के एक जवान और एक पुलिसकर्मी सहित कम से कम सात लोग घायल हो गए.
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अधिकारी ने कहा, ‘प्राथमिकी के अनुसार महिलाओं सहित 150 लोगों की भीड़ ने पथराव करके गरबा करने वाले समूह पर हमला किया. एफआईआर के अनुसार, 43 आरोपियों की पहचान उनके नाम से की गई है.’
उपाधीक्षक बाजपेयी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘सरपंच ने अष्टमी (नवरात्रि के आठवें दिन) पर गांव के मंदिर में गरबा कार्यक्रम का आयोजन किया था, लेकिन भीड़ ने कार्यक्रम को रोकने की कोशिश की.’
एनडीटीवी के अनुसार, एफआईआर में भी लिखा है कि गांव में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने एक मस्जिद के पास गरबा आयोजित किए जाने पर आपत्ति जताई थी, जो मंदिर के पास स्थित है.
एफआईआर में कहा गया है कि रात करीब 11:30 बजे लोगों का एक समूह कार्यक्रम स्थल पर जमा हो गया, उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों को गालियां देना शुरू कर दिया और कार्यक्रम बंद करने के लिए कहा.
एफआईआर में कहा गया है कि बाद में और लोग भी उनके साथ आ गए. उनमें से कुछ धारदार हथियारों और लाठियों से लैस थे और भीड़ ने गरबा खेल रहे लोगों पर पथराव करना शुरू कर दिया.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, खेड़ा के एसपी राजेश गढ़िया ने कहा कि घायल हुए 9 व्यक्तियों में से 3 की हालत नाजुक है, जिनमें एक 60 वर्षीय महिला भी शामिल हैं.
गढ़िया ने कहा, ‘मंदिर एक सदी पुराना है. उस मंदिर के ठीक बगल में एक मस्जिद और एक मदरसा है. जब हिंदू समुदाय के लोगों ने गरबा कार्यक्रम शुरू किया, तो अचानक मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुओं से लड़ने लगे.’
उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीणों ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया तो मातर पुलिस की एक टीम कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गई. लेकिन पुलिस पर भी उग्र भीड़ ने हमला किया.
गांव के सरपंच इंद्रवदन पटेल ने मातर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने 43 नामजद और 150 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें धारा 34 (सामान्य इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य), 143 (गैरकानूनी सभा के लिए सजा), और 147 (दंगा करने की सजा) शामिल हैं.
इसके अलावा धारा 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा करना), 149 (गैरकानूनी रूप से एकत्रित भीड़ द्वारा किया गया अपराध), और 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से उसके धार्मिक विश्वासों का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करके अपमान करना ), धारा 307 (हत्या का प्रयास), 323 (चोट पहुंचाना), 332 (लोकसेवक को उसका कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने के लिए चोट पहुंचाना), और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) शामिल हैं.
सूरत: पंडाल में ग़ैर हिंदुओं को काम पर रखने को लेकर गरबा आयोजकों की पिटाई
वहीं, गुजरात के सूरत शहर में एक दक्षिणपंथी समूह के कार्यकर्ताओं ने एक गरबा पंडाल के आयोजकों और सुरक्षा गार्ड को कार्यक्रम स्थल पर गैर-हिंदुओं को काम पर रखने का आरोप लगाते हुए पीट दिया. यह जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि ‘ठाकोर जी नी वाडी गरबा पंडाल के आयोजकों ने यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया कि मामला दोनों पक्षों के बीच सुलझा लिया गया है.
पुलिस उपायुक्त (जोन तीन) सागर बागमार ने कहा, ‘खुद को बजरंग दल के कार्यकर्ता बताने वाले व्यक्तियों का एक समूह सोमवार रात सूरत के वेसु इलाके में ठाकोर जी नी वाडी गरबा पंडाल पहुंचा और आयोजकों और सुरक्षा गार्ड को पीट दिया. उन्होंने उस जगह के एक हिस्से को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.’
उन्होंने कहा कि उक्त समूह में शामिल व्यक्तियों ने दावा किया कि पंडाल में कार्यरत कुछ लोग दूसरे धर्म के हैं और वे उन्हें वहां से बाहर कराना चाहते थे.
बागमार ने कहा, ‘पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया. हमने शिकायत दर्ज कराने के लिए आयोजकों को बुलाया लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उन्होंने आपस में मामला सुलझा लिया है.’
दक्षिणपंथी समूह ने कहा था कि वह 26 सितंबर से शुरू हुए नवरात्र उत्सव के दौरान गुजरात में गरबा आयोजन स्थलों की ‘रक्षा’ करेगा, ताकि ‘आस्था नहीं रखने वालों’ को आयोजन स्थलों में प्रवेश करने से रोका जा सके.
बता दें कि बीते 28 सितंबर को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गरबा कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भागीदारी को लेकर हंगामा किया था. कार्यकर्ताओं ने विभिन्न गरबा पंडालों में मुस्लिम युवकों की पिटाई की थी. घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)