साल 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए जेल में बंद बेलारूस के अधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के संगठन ‘सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़’ को संयुक्त रूप से चुना गया है.
ओस्लो: जेल में बंद बेलारूस के अधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के संगठन ‘सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज’ को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है.
नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को नार्वे नोबेल कमेटी की प्रमुख बेरिट रीज एंडर्सन ने ओस्लो में की.
BREAKING NEWS:
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2022 #NobelPeacePrize to human rights advocate Ales Bialiatski from Belarus, the Russian human rights organisation Memorial and the Ukrainian human rights organisation Center for Civil Liberties. #NobelPrize pic.twitter.com/9YBdkJpDLU— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2022
इस पुरस्कार ने अतीत में संघर्षों को रोकने, कठिनाई को कम करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे समूहों और कार्यकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित किया है.
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने के बाद से विजेताओं को कठिन समय का सामना करना पड़ा है. रूस के पत्रकार दिमित्री मुरातोव और फिलीपींस की मारिया रेसा अपने समाचार संगठनों के अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं.
उन्हें चुप कराने के सरकारी प्रयासों को धता बताते हुए इन दोनों शख्सियतों को पिछले साल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया, जो लोकतंत्र और स्थायी शांति के लिए एक पूर्व शर्त है.
नोबेल पुरस्कार के तहत एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (तकरीबन 8.20 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है. स्वीडिश क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है. पुरस्कार दिसंबर में दिए जाते हैं. स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर यह पुरस्कार दिया जाता है.
They have made an outstanding effort to document war crimes, human right abuses and the abuse of power. Together they demonstrate the significance of civil society for peace and democracy.#NobelPrize #NobelPeacePrize
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2022
मालूम हो कि निएंडरथल डीएनए के रहस्यों को उजागर करने वाले वैज्ञानिक को सम्मानित करने वाले चिकित्सा पुरस्कार के साथ सोमवार को (दो अक्टूबर) नोबेल पुरस्कार की घोषणाओं का सप्ताह शुरू हो गया.
चिकित्सा के क्षेत्र में इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार ‘मानव के क्रमिक विकास’ पर खोज के लिए स्वीडिश वैज्ञानिक स्वैंते पैबो को देने की घोषणा की गई है.
तीन वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से मंगलवार (चार अक्टूबर) को भौतिकी में इस खोज के लिए यह पुरस्कार जीता कि छोटे कण अलग होने पर भी एक दूसरे के साथ संबंध बनाए रख सकते हैं.
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने ‘क्वांटम सूचना विज्ञान’ के लिए फ्रांस के एलै एस्पै, अमेरिका के जॉन एफ क्लाउसर और ऑस्ट्रिया के एंतन साइलिंगर को यह पुरस्कार देने की घोषणा की थी.
‘फोटोन’ कहे जाने वाले कणों को अधिक दूरी तक अलग-अलग किए जाने के बावजूद उन्हें जोड़ सकने वाले या पकड़ने के तरीकों की खोज के लिए तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार दिया गया है.
रसायन विज्ञान में इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार कैरोलिन आर. बर्टोज्जी, मोर्टन मेल्डल और के. बैरी शार्पलेस को समान भागों में ‘अणुओं के एक साथ विखंडन’ का तरीका विकसित करने के लिए बुधवार (पांच अक्टूबर) को प्रदान किया गया था.
बृहस्पतिवार को फ्रांसीसी लेखक एनी एरनॉक्स को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था. अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)