त्रिपुरा का इस्तेमाल मादक पदार्थों के व्यापार में गलियारे के तौर पर किया जा रहा है: सीएम

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार नशीली दवाओं के ख़तरे की जांच के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन ब्यूरो और राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय बनाए हुए है.

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माणिक साहा. (फोटो साभार: फेसबुक)

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार नशीली दवाओं के ख़तरे की जांच के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन ब्यूरो और राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय बनाए हुए है.

माणिक साहा. (फोटो साभार: फेसबुक)

अगरतला: असम के गुवाहाटी शहर में रविवार (नौ अक्टूबर) को संपन्न हुई 70वीं पूर्वोत्तर परिषद की बैठक से लौटने के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को कहा कि उनके राज्य का इस्तेमाल म्यांमार और बांग्लादेश से मादक पदार्थों की तस्करी के ‘गलियारे’ के रूप में किया जा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगरतला के राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए साहा ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि त्रिपुरा मादक पदार्थों की तस्करी का एक गलियारा है. इसका इस्तेमाल म्यांमार से बांग्लादेश में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘गृह मंत्री (अमित) शाह ने इस समस्या पर गंभीरता दिखाई है और कहा है कि भारतीय जमीन नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए इस्तेमाल नहीं होनी चाहिए, क्योंकि हथियार और गोला-बारूद भी ड्रग्स के साथ आ सकते हैं.’

उन्होंने यह भी कहा कि कोडीन वाली प्रतिबंधित कफ सीरप कॉट्राबैंड की तस्करी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से त्रिपुरा के रास्ते बांग्लादेश में की जा रही है.

साहा ने कहा कि 2018 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद ‘नशा मुक्त त्रिपुरा’ अभियान शुरू किया गया था. भांग की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती भाजपा सरकार के तहत की गई थी. ड्रग तस्करों के 700 से अधिक वाहन जब्त किए गए थे और ड्रग संकट की विशेष तौर पर जांच के लिए एक विशेष जांच दल  (एसआईटी) का गठन किया गया था.

साहा ने कहा कि राज्य सरकार नशीली दवाओं के खतरे की जांच के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), प्रवर्तन ब्यूरो और राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय बनाए हुए है.

साहा ने यह भी कहा कि वे वित्तीय जांच और बैंक खाते फ्रीज करने की तकनीक भी आजमा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है ड्रग पैडलर और तस्करों से 6.5 करोड़ रुपये की संपत्ति और 200 करोड़ रुपये के वाहन जब्त किए गए हैं.

मुख्यमंत्री साहा गृह विभाग के प्रभारी भी हैं.

अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी चुनौतियों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्र से बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) को मजबूत करने और असम व मिजोरम की सीमा से लगे क्षेत्रों में नाके (सुरक्षा चौकी) स्थापित करने का आग्रह किया है.

साहा ने कहा, ‘हमने केंद्र से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक शाखा स्थापित करने के लिए भी कहा है. हमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ समन्वय की भी जरूरत होगी. हमें बांग्लादेशी समकक्षों से भी बात करने की जरूरत है, क्योंकि वही अवैध नशीली दवाओं के व्यापार का अंतिम बिंदु है.’