बीते सितंबर महीने में चित्रदुर्ग ज़िले के मुरुग मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के मामले में गिरफ़्तार मुख्य पुजारी महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू फ़िलहाल हिरासत में हैं. एक अन्य छात्रा का आरोप है कि महंत ने छात्रावास में दो साल तक उसका यौन उत्पीड़न किया.
नई दिल्ली: एक नाबालिग छात्रा ने लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू के खिलाफ उनका यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज कराया है. कर्नाटक के चित्रदुर्ग के मुरुग मठ के प्रमुख शरणारू के खिलाफ यह इस तरह की तीसरी शिकायत है.
न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक पुलिस ने नाबालिग छात्रा की शिकायत के आधार पर महंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. उनके खिलाफ यह दूसरी एफआईआर है.
शिवमूर्ति पहले से ही 21 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
बीबीसी के अनुसार, महंत ने आरोपों को झुठलाते हुए इन्हें अपने खिलाफ ‘साज़िश’ बताया था.
हालिया शिकायत एक 12 वर्षीय लड़की ने दर्ज करवाई थी, जिसने अपनी मां के साथ मैसूर पुलिस से संपर्क किया था. छात्रा ने आरोप लगाया कि शिवमूर्ति ने मठ द्वारा संचालित आवासीय छात्रावास में दो साल तक उसका यौन उत्पीड़न किया.
ख़बरों के अनुसार, लड़की ने आरोप लगाया कि महंत ने दो अन्य लड़कियों का भी यौन शोषण किया.
लड़की और उसकी मां को शिकायत दर्ज कराने में मदद करने वाले एनजीओ ओडनाडी के प्रमुख स्टेनली ने न्यूज़ मिनट को बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस जांच के लिए अन्य दो लड़कियों से संपर्क करेगी या नहीं.
इस शिकायत को लेकर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 के तहत मैसूर शहर के नज़राबाद थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
मालूम हो कि शरणारू, राज्य में लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक मुरुग मठ के महंत हैं.
बीते अगस्त में मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के मामले में महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून और एससी-एसटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.
मैसूर शहर पुलिस ने कथित यौन शोषण के मामले में महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं में एक एफआईआर दर्ज की थी.
बीते 27 अगस्त को महंत के अलावा जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वॉर्डन समेत कुल पांच लोगों के विरुद्ध यह एफआईआर दर्ज की गई थी. मामले को अब मैसुरु से चित्रदुर्ग पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है, क्योंकि कथित अपराध वहीं हुआ था.
बताया जाता है कि इन छात्राओं ने एक गैर-सरकारी सामाजिक संगठन ‘ओडनाडी सेवा समस्थे’ से संपर्क किया था और 26 अगस्त 2022 की रात परामर्श सत्र के दौरान उन्होंने उन्हें आपबीती बताई थी. उसके बाद संगठन ने पुलिस प्रशासन से ये जानकारी साझा की थी.
घटना सामने आने के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुछ महिला समूहों ने आरोपी महंत को कड़ी सजा दिए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद महंत शरणारू को एक सितंबर की रात गिरफ्तार कर दो सितंबर को जेल भेज दिया गया था.
इस मामले को लेकर पांच बार महंत की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है और मामले में एससी-एसटी अधिनियम की धाराओं को भी जोड़ा गया है.