झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में बीते 14 अक्टूबर को परीक्षा में नकल करने का संदेह होने पर एक महिला शिक्षक द्वारा कथित रूप से कपड़े उतारने के लिए मजबूर किए जाने के बाद छात्रा ने आत्मदाह का प्रयास किया था. आरोपी शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में आत्मदाह करने वाली दलित लड़की के मामले की जांच कर रही दो सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. परीक्षा में नकल करने का संदेह होने पर एक महिला शिक्षक द्वारा कथित रूप से कपड़े उतारने के लिए मजबूर किए जाने के बाद छात्रा ने आत्मदाह का प्रयास किया था.
जिले की उपायुक्त विजया जादव ने कहा कि जांच समिति ने रविवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी.
जिले के अधिकारियों ने लड़की के परिजनों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुआवजे के रूप में 25,000 रुपये भी सौंपे. जादव ने रविवार को टाटा मेन अस्पताल की बर्न यूनिट का दौरा किया था, जहां 15 वर्षीय लड़की को भर्ती कराया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके परिवार को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिले.
नौवीं कक्षा की छात्रा ने पुलिस को दिए एक बयान में कहा था कि परीक्षा में नकल के संदेह पर 14 अक्टूबर को महिला निरीक्षक ने परीक्षा के दौरान कक्षा से सटे एक कमरे में उसके कपड़े उतरवाए थे, ताकि यह पता चल सके कि उसने नकल की पर्ची अपने कपड़े में छिपाई है या नहीं. छात्रा ने बार-बार नकल की बात से इनकार किया था.
उसकी मां ने दावा किया कि उनकी बेटी इस अपमान को सहन नहीं कर सकी और स्कूल से लौटने के कुछ देर बाद ही उसने खुद को आग लगा ली.
दैनिक अखबार हिंस्दुस्तान के मुताबिक, छात्रा के पास से कोई पर्ची नहीं मिली थी. छात्रा में घर पहुंचकर खुद को कमरे में बंद कर लिया और केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली. छात्रा 80 प्रतिशत से ज्यादा जल चुकी है. छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना से नाराज परिजन और स्थानीय लोगों ने डीईओ कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और आरोपी शिक्षक पर करवाई की मांग की थी.
पुलिस ने कहा कि आरोपी शिक्षक को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून और किशोर न्याय अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत बीते 14 अक्टूबर गिरफ्तार किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)