कश्मीरी पत्रकार ने कहा, पुलित्ज़र पुरस्कार लेने के लिए अमेरिका जाने से रोका गया

पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक दिया गया. वे पुलित्ज़र पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क जा रही थीं. इससे पहले जुलाई में उन्हें पेरिस जाने से रोका गया था.

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सना इरशाद मट्टू. (फोटो साभार: फेसबुक)

पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक दिया गया. वे पुलित्ज़र पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क जा रही थीं. इससे पहले जुलाई में उन्हें पेरिस जाने से रोका गया था.

सना इरशाद मट्टू. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: पुलित्जर पुरस्कार विजेता कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वैध वीजा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर आव्रजन (इमिग्रेशन) अधिकारियों द्वारा अमेरिकी की उड़ान भरने से रोक दिया गया.

28 वर्षीय सना को समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए कोविड-19 महामारी से जुड़ी कवरेज को लेकर पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें अवॉर्ड समारोह के लिए दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरनी थी.

सना ने ट्वीट किया, ‘मैं पुलित्जर पुरस्कार प्राप्त करने के लिए न्यूयॉर्क जा रही थी, लेकिन मुझे दिल्ली हवाई अड्डे की आव्रजन डेस्क पर रोक दिया गया और अमेरिका का वैध वीजा और टिकट होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर नहीं जाने दिया गया.’

उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों में यह दूसरी बार है, जब उन्हें विदेश यात्रा पर जाने से रोका गया है.

सना ने बताया, ‘यह दूसरी बार है, जब मुझे बिना कारण के रोका गया है. कुछ महीने पहले जो हुआ था, उसके बाद कई अधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद मुझे कोई जवाब नहीं मिला.’

ज्ञात हो कि इससे पहले मट्टू को जुलाई महीने में फ्रांस जाने से रोक दिया गया था. तब उन्होंने बताया था कि वे एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस जा रही थीं, जब दिल्ली एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उन्हें इमिग्रेशन पर रोक लिया.

उन्होंने बताया था कि उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं देने संबंधी कारण नहीं बताए गए, अधिकारियों ने बस इतना कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं कर सकतीं.

मंगलवार को किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘पुरस्कार समारोह में शामिल होना मेरे लिए वो मौका था जो जिंदगी में एक बार मिलता है.’

उल्लेखनीय है कि मई 2022 में फ्रीलांस फोटोग्राफर मट्टू ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित अपने काम के लिए फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई थी.

उन्हें ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार रॉयटर्स टीम के दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी, अमित दवे और अदनान आबिदी के साथ मिला था. इन फोटो पत्रकारों को यह पु​रस्कार भारत में कोविड-19 संकट की कवरेज दौरान उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय काम के लिए मिला था.

कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय से कंवर्जेंट जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री रखने वाली सना का काम दुनिया के कई संस्थानों में प्रकाशित हुआ है. 2021 में उन्हें प्रतिष्ठित मैग्नम फाउंडेशन से फेलोशिप भी मिली थी.

यह पहली बार नहीं है जब किसी कश्मीरी पत्रकार को बिना किसी सूचना के देश छोड़ने से रोका गया है. सितंबर 2019 में, केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तुरंत बाद पत्रकार-लेखक गौहर गिलानी को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बॉन (जर्मनी) की यात्रा करने से रोक दिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)