कश्मीरी पत्रकार मट्टू को भारत छोड़ने से रोकने की सीपीजे ने निंदा की

कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने बताया था कि उन्हें वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर न्यूयॉर्क जाने से रोक दिया गया. मट्टू समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की एक टीम का हिस्सा थीं, जिसे भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज के लिए ‘फीचर फोटोग्राफी’ श्रेणी में पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 

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सना इरशाद मट्टू. (फोटो साभार: फेसबुक)

कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने बताया था कि उन्हें वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर न्यूयॉर्क जाने से रोक दिया गया. मट्टू समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की एक टीम का हिस्सा थीं, जिसे भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज के लिए ‘फीचर फोटोग्राफी’ श्रेणी में पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

सना इरशाद मट्टू. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका, पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित कश्मीरी पत्रकार सना इरशाद मट्टू को कथित तौर पर देश की यात्रा करने से रोकने की खबरों से अवगत है. वहीं, दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’ संगठन ने भी इस कदम की निंदा की है.

गौरतलब है कि मट्टू ने मंगलवार (18 अक्टूबर) को आरोप लगाया था कि उन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार लेने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर अमेरिका जाने से रोक दिया गया. यह दूसरी बार था जब मट्टू को भारत से बाहर जाने से रोका गया था.

इससे पहले मट्टू को जुलाई महीने में फ्रांस जाने से रोक दिया गया था. तब उन्होंने बताया था कि वे एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस जा रही थीं, जब दिल्ली एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उन्हें इमिग्रेशन पर रोक लिया.

उन्होंने बताया था कि उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं देने संबंधी कारण नहीं बताए गए, अधिकारियों ने बस इतना कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं कर सकतीं.

बहरहाल, हालिया घटना के संबंध में विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने अपने दैनिक समाचार सम्मेलन में कहा, ‘हम इन खबरों से अवगत हैं कि मट्टू को अमेरिका की यात्रा करने से रोका जा रहा है और हम इन घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जैसा कि विदेश मंत्री ने उल्लेख किया है, प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक साझा प्रतिबद्धता, अमेरिका-भारत संबंधों का आधार है.’

स्वतंत्र फोटो पत्रकार मट्टू अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की एक टीम का हिस्सा थीं, जिसे भारत में कोविड-19 महामारी की कवरेज के लिए ‘फीचर फोटोग्राफी’ श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने एक बयान में भारतीय अधिकारियों से मट्टू को पुलित्जर पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए अमेरिका जाने की अनुमति देने का आग्रह किया है.

जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में सीपीजे के एशिया कार्यक्रम समन्वयक बेह लिह यी ने कहा, ‘ऐसा कोई कारण नहीं है कि कश्मीरी पत्रकार सना इरशाद मट्टू, जिनके पास सभी सही यात्रा दस्तावेज थे और जिन्होंने पुलित्जर (सबसे प्रतिष्ठित पत्रकारिता पुरस्कारों में से एक) जीता है, को विदेश यात्रा से रोका जाना चाहिए था.’

बेह ने कहा, ‘यह निर्णय मनमाना है. भारतीय अधिकारियों को कश्मीर के हालात कवर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ सभी प्रकार के उत्पीड़न और डराने-धमकाने को तत्काल बंद करना चाहिए.’

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगस्त 2019 के बाद से जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर के विशेष स्वायत्तता दर्जे को रद्द कर दिया था, तब कश्मीरी पत्रकारों ने सीपीजे को बताया है कि उन्हें विदेश यात्रा करने से रोका जा रहा है.

2022 में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर द्वारा प्रकाशित प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 150वें स्थान पर रहा था. यह इस सूचकांक में भारत का अब तक का सबसे निचला स्थान है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)