भागलपुर ज़िले के पीरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान ने देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान हनुमान पर कथित तौर पर टिप्पणी की. एक वीडियो में वह कथित तौर पर कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि जो समुदाय इन देवी-देवताओं की पूजा नहीं करते, वे भी धन-संपदा और शिक्षा से संपन्न हैं. भाजपा ने विधायक से स्पष्टीकरण मांगा है.
पटना: बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने एक विधायक के देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान हनुमान पर कथित तौर पर टिप्पणी कर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के कारण फजीहत झेलनी पड़ रही है.
विधायक ने कथित तौर पर कहा कि जो समुदाय इन देवी-देवताओं की पूजा नहीं करते, वे भी धन-संपदा और शिक्षा से संपन्न हैं.
भागलपुर जिले की पीरपैंती विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले ललन पासवान ने अपनी मां का श्राद्ध न करने की घोषणा की. उनकी मां का पिछले सप्ताह निधन हो गया था.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में विधायक को तार्किकता और वैज्ञानिक पहलू का हवाला देते हुए मृत्युभोज की प्रथा पर कथित तौर पर सवाल उठाते हुए देखा जा सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संबंधित वीडियो में ललन पासवान पत्रकारों से बात कर रहे थे कि उन्होंने अपनी हाल ही में मृत मां के लिए मृत्यु भोज (13वें दिन के भोज) का आयोजन क्यों नहीं किया.
"मुसलमान लक्ष्मी की पूजा नहीं करते, तो क्या वे अमीर नहीं होते"
◆ बिहार के भागलपुर से BJP MLA ललन पासवान pic.twitter.com/ll3CRNu595
— News24 (@news24tvchannel) October 19, 2022
पांच दिन पहले शूट किए गए इस वीडियो में एक सिर मुंड़ाए हुए पासवान को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘यह माना जाता है कि सरस्वती विद्या की देवी हैं. मुसलमान उनकी पूजा नहीं करते, लेकिन क्या वे बुद्धिमान नहीं हैं? क्या वे आईएएस और आईपीएस अधिकारी नहीं बनते?’
वे आगे कहते हैं, ‘ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी धन की देवी हैं. मुसलमान उनकी पूजा नहीं करते, लेकिन क्या वे करोड़पति और अरबपति नहीं हैं? भगवान बजरंगबली शक्ति के देवता हैं. मुसलमान और ईसाई उसकी पूजा नहीं करते, क्या अमेरिका महाशक्ति नहीं है? यह सब आपके विश्वास के बारे में है.’
उन्होंने कहा, ‘यह सब भरोसे के ऊपर है. जब तक आप इसमें विश्वास करते हैं तब तक आत्मा और ईश्वर हैं. एक बार जब आप तर्क करना शुरू कर देते हैं और आपके विचार वैज्ञानिक होते हैं, तो आप तर्कसंगत रूप से प्रश्न पूछना शुरू कर देते हैं.’
भोज की रस्म के बारे में पासवान ने इसे ‘कुरीति’ (गलत प्रथा) कहा.
उनकी कथित टिप्पणियों पर भागलपुर शहर में कुछ हिंदुओं ने विधायक का पुतला फूंका.
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने विधायक के आचरण पर अस्वीकृति व्यक्त करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.
जायसवाल ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, ‘एक निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते उन्हें सोच-समझकर बातें करनी चाहिए. मैंने उनसे बात की है और उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है.’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘हमें उम्मीद है कि विधायक को देवी-देवताओं की पूजा करने वालों के मतों की जरूरत नहीं है.’
बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, जो भागलपुर से दूसरी बार विधायक हैं, ने कहा, ‘मैं एक गौरवांवित हिंदू हूं, जो सभी देवी-देवताओं की पूजा करता है. पासवान अपनी मान्यताएं रखने के हकदार हैं, लेकिन उन्हें उस पर सार्वजनिक बयान देने से बचना चाहिए था.’
इस बीच पासवान ने दावा किया कि वीडियो क्लिप को संपादित किया गया है. उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्होंने अछूत समझी जाने वाली जाति में पैदा हुए उनके जैसे व्यक्ति को खड़े होने का अवसर प्रदान किया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विधायक बुधवार को अपने बयान पर कायम रहे और कहा, ‘मैंने जो कहा, उस संदर्भ को समझना चाहिए. मैं धर्म के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मैंने केवल वैज्ञानिक विचार प्रक्रियाओं और तर्कसंगत होने की बात की है.’
पहली बार विधायक बने पासवान अपने अब तक के दो साल से कम के कार्यकाल में अक्सर गलत कारणों से चर्चा में रहे. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद वह एक ऑडियो क्लिप लीक करके सुर्खियों में आए थे, जिसमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद को फोन पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान से दूर रहने के लिए कहते हुए सुना जा सकता था.
पिछले साल एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पासवान को सड़क किनारे एक स्टॉल पर भूजा बेचते हुए दिखाया गया था. इस साल की शुरुआत में एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें विधायक को महिला नर्तकियों के समूह के साथ नृत्य करते हुए देखा गया था.
इससे पहले उत्तराखंड में नैनीताल जिले के कालाडुंगी से भाजपा विधायक बंशीधर भगत ने बीते 11 अक्टूबर को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘पटाओ’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि शिक्षा के लिए देवी सरस्वती, शक्ति के लिए देवी दुर्गा और धन के लिए देवी लक्ष्मी को मनाना होता है. उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी. बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)