पत्रकार तवलीन सिंह के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ख़िलाफ़ बयान को लेकर विवाद

एक टीवी डिबेट के दौरान पत्रकार तवलीन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को महत्वपूर्ण फाइलें दिखाने का दावा किया था. इस पर प्रमाण को लेकर कांग्रेस नेताओं के साथ चली लंबी बहस के बाद उन्होंने कहा कि वे ग़लत थीं.

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New Delhi: Chairperson of Congress Parliamentary Party, Sonia Gandhi speaks with former Prime Minister Manmohan Singh during the 84th Plenary Session of Indian National Congress(INC) at Indira Gandhi Stadium in New Delhi, on Saturday. PTI Photo by Manvender Vashist (PTI3_17_2018_000098B)
सोनिया गांधी के साथ मनमोहन सिंह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

एक टीवी डिबेट के दौरान पत्रकार तवलीन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को महत्वपूर्ण फाइलें दिखाने का दावा किया था. इस पर प्रमाण को लेकर कांग्रेस नेताओं के साथ चली लंबी बहस के बाद उन्होंने कहा कि वे ग़लत थीं.

New Delhi: Chairperson of Congress Parliamentary Party, Sonia Gandhi speaks with former Prime Minister Manmohan Singh during the 84th Plenary Session of Indian National Congress(INC) at Indira Gandhi Stadium in New Delhi, on Saturday. PTI Photo by Manvender Vashist (PTI3_17_2018_000098B)
सोनिया गांधी के साथ मनमोहन सिंह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पत्रकार और वरिष्ठ स्तंभकार तवलीन सिंह के खिलाफ बुधवार की रात एक टीवी शो की बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को महत्वपूर्ण फाइलें दिखाने का आरोप लगाया था.

द हिंदू के अनुसार, अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सिंह को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी.

उल्लेखनीय है कि इंडिया टुडे चैनल पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव के नतीजे आने के बाद ‘इज़ मल्लिकार्जुन खड़गे अ स्टॉप-गैप चीफ’ (क्या खड़गे एक अस्थायी अध्यक्ष हैं) विषय पर एक चर्चा में सिंह ने कहा था, ‘यह मत भूलिए कि हम एक ऐसी महिला की बात कर रहे हैं जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम तोड़ने को मजबूर किया था…  उनकी सरकार में कोई भूमिका नहीं थी कि उन्हें गोपनीय फाइलें भेजी जाएं.’

उसी समय पैनल में शामिल कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने सिंह की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई और उनके बयान का समर्थन करने के लिए सबूत मांगे गए थे. उन्होंने कहा, ‘मैं आपत्ति जताता हूं. आपके शो पर अभी-अभी किसी ने पूर्व पीएम पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. या तो वे इसके लिए सबूत दें या नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें. अब ऐसा और नहीं चल सकता!’

इस पर तवलीन सिंह ने कहा कि ऐसे कई आरोप उस समय पीएमओ में काम करने वाले कई लोगों ने लगाए थे. इस पर प्रवीण ने जवाब दिया, ‘कैसे तो हर बात के बारे में सैकड़ों कहानियां बताई जाती हैं. आप सुनी-सुनाई बात के आधार पर पूर्व प्रधानमंत्री पर इतना बड़ा आरोप नहीं लगा सकते हैं! आप बिल्कुल गलत हैं. आप किसी कानाफूसी या गॉसिप कॉलम के आधार पर पूर्व प्रधानमंत्री पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप नहीं लगा सकती हैं.’

द हिंदू के अनुसार, इसके बाद सरदेसाई ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, जो उस समय यह शो देख रहे थे, ने उन्हें टेक्स्ट मैसेज भेजा और कहा कि ऐसी कोई फाइल्स श्रीमती गांधी को नहीं भेजी गई थीं.

जब तवलीन सिंह से इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘मुझे कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है. आप उस समय के बारे में पढ़िए, इसके बारे में बड़ा विवाद हुआ था.’

गुरुवार को चिदंबरम ने कई ट्वीट्स करते हुए कहा, ‘शो देखकर मैंने तुरंत विरोध किया, पैनल में प्रवीण चक्रवर्ती ने उन्हें सबूत पेश करने की चुनौती दी. कुछ रक्षात्मक जवाबों के बाद, वो सबूत पेश करने को तैयार हो गईं. हम उन्हें याद दिलाना चाहते हैं कि उनके लिए सबूत पेश करने का समय अब ​​शुरू होता है. हम उन्हें चुनौती देते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ अपने बेतुके और गैर-जिम्मेदाराना आरोप को साबित करें.’

पार्टी के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने चिदंबरम के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा, ‘तवलीन सिंह या तो सबूत पेश करें या आगे की क़ानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. बहुत बर्दाश्त कर लिया है. अब यह बकवास नहीं चलेगी.’

इस बीच, तवलीन सिंह ने चिदंबरम के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, ‘जो लोग तब पीएमओ में काम करते थे, उन्होंने उन अधिकारियों के नाम बताए थे, जो फाइलें 10, जनपथ लेकर जाया करते थे. पूर्व मंत्रियों ने सोनिया गांधी से आदेश लेने की बात स्वीकारी है. वे तब डी-फेक्टो (असल) प्रधानमंत्री थीं, और अब कांग्रेस की डी-फेक्टो अध्यक्ष रहेंगी.’

गुरुवार को प्रवीण चक्रवर्ती ने ट्विटर पर कहा कि तवलीन सिंह को उनके आरोपों को लेकर सबूत देने के लिए एक पत्र भेजा गया है.

पत्र वाले ट्वीट के जवाब में तवलीन सिंह ने लिखा, ‘संजय बारू ने अपनी किताब में उन अधिकारियों के नाम लिखे हैं. जयंती नटराजन ने सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में उनके द्वारा एक प्रोजेक्ट को रोक दिए जाने की बात लिखी थी. मैं डॉ.  मनमोहन सिंह का बहुत सम्मान करती हूं और मैंने उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा है.’

हालांकि, इसके जवाब में चक्रवर्ती ने संजय बारू का एक ट्वीट साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी किताब में प्रधानमंत्री के आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है. इसलिए चिदंबरम का सबूत मांगना वाजिब है.

शुक्रवार को शाम करीब चार बजे इसके जवाब में तवलीन सिंह ने लिखा कि अगर संजय बारू कह रहे हैं कि उनकी किताब में प्रधानमंत्री के आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के बारे में कुछ नहीं लिखा है, तो मैं खुशी से स्वीकारती हूं कि मैं गलत थी.