भारतीय संविधान ख़तरे में, इसे बचाने का वक़्त है: वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ

लखनऊ में हुए एक कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने कहा कि हर दिन भारतीय संविधान पर हमला हो रहा है और इसकी रक्षा के लिए सभी राजनीतिक मोर्चों पर लड़ने का समय आ गया है.

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वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ (फोटोः फ्लिकर)

लखनऊ में हुए एक कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने कहा कि हर दिन भारतीय संविधान पर हमला हो रहा है और इसकी रक्षा के लिए सभी राजनीतिक मोर्चों पर लड़ने का समय आ गया है.

वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ (फोटोः फ्लिकर)

नई दिल्ली: रेमन मैग्सेसे से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने ‘हिंदू राष्ट्र’ के लिए चल रहे अभियान के बीच भारतीय संविधान को गंभीर खतरे में बताते हुए कहा कि लोगों को संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, वे राजनीतिक टिप्पणीकार और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद के साथ लखनऊ के गोमतीनगर में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अनुसंधान केंद्र में हुए एक समारोह में मुख्य अतिथि थे.

उन्होंने कहा, ‘हर दिन भारतीय संविधान, जो स्वतंत्रता संग्राम का सार है, पर हमला हो रहा है. हम किसी भी पार्टी के घोषणापत्र के मुकाबले भारतीय संविधान के बल पर ज्यादा लोगों को एकजुट कर सकते हैं. पिछले 97 वर्षों से आरएसएस अपने हिंदू राष्ट्र (अभियान) से कभी नहीं डगमगाया है और अपने उद्देश्य का 70% हासिल भी कर चुका है. इसलिए भारतीय संविधान की रक्षा के लिए सभी राजनीतिक मोर्चों पर लड़ने का समय आ गया है.’

उन्होंने आगे जोड़ा, ‘दूसरी चीज जो सांप्रदायिक ताकत को रोक सकती है, वो हैं ऐसे राजनीतिक दल जिनकी क्षेत्रीय जड़ें मजबूत हैं और उनकी वहां की भाषा-संस्कृति पर पकड़ है. इसका एक अच्छा उदाहरण लालू प्रसाद यादव हैं. हम उनका मजाक उड़ाते हैं, लेकिन वह जनता की भाषा बोलते हैं और उनसे जुड़ते हैं. वे लोग (भाजपा) उनसे ही सबसे ज्यादा डरते हैं.’

इस बीच, प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा, ‘कार्यकर्ता, किसान, छात्र, शिक्षाविद, खिलाड़ी, कलाकार, जब वे किसी मुद्दे के समर्थन में खड़े होते हैं या किसी आंदोलन में भाग लेते हैं, तो सवाल उठाया जाता है कि आप इसका हिस्सा क्यों बन रहे हैं. आपका भाईचारा, बंधुत्व एक साजिश दिखता है. इसीलिए रिहाना जैसे गायकों या मार्टिना नवरातिलोवा जैसे खिलाड़ियों ने जब भारतीय किसानों के आंदोलन का समर्थन किया तो उनकी आलोचना की गई और उन्हें ‘टूलकिट’ साजिश का हिस्सा बताया गया.’