पूर्वी नगालैंड में अलग राज्य की मांग अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले तेज़ हो गई है. क्षेत्र के प्रभावी संगठन ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने आगामी हॉर्नबिल महोत्सव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. उसने क्षेत्र के 20 विधायकों से अलग राज्य की स्थापना की अपनी मांग के समर्थन में इस्तीफ़ा देने के लिए भी कहा है.
कोहिमा: नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के पूर्वी हिस्से के लोगों द्वारा अलग राज्य की मांग करना ‘गलत नहीं’ है.
पूर्वी नगालैंड में छह जिले- मोन, त्वेनसांग, किफिर, लोंगलेंग, नोकलाक और शमटोर शामिल हैं. इन जिलों में सात जनजातियों- जो चांग, खियामनिउंगन, कोन्याक, फोम, संगतम, तिखिर और यिमखिउंग के लोग बसे हुए हैं.
कोहिमा में एक कार्यक्रम के दौरान रियो ने कहा, ‘नगा समुदाय, हम अपने मन की बात कहने में यकीन रखते हैं और उनका (पूर्वी नगालैंड के लोगों का) अपनी सोच और इच्छाएं जाहिर करना गलत नहीं है. लेकिन, इन सभी मुद्दों का समाधान निकाल लिया जाएगा.’
मालूम हो कि ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने आगामी हॉर्नबिल महोत्सव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. उसने क्षेत्र के 20 विधायकों से अलग राज्य की स्थापना की अपनी मांग के समर्थन में इस्तीफा देने के लिए भी कहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम उनके साथ बात कर रहे हैं और केंद्रीय गृह मंत्री की राज्य की प्रस्तावित यात्रा के दौरान ईएनपीओ को उनसे मुलाकात का समय देंगे. अगर प्रधानमंत्री भी आते हैं तो हम उनसे बात करने का अनुरोध करेंगे.’
पूर्वी नगालैंड में अलग राज्य की मांग अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले तेज हो गई है, इस क्षेत्र के 20 विधायकों ने मांग पूरी होने तक किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के आह्वान का समर्थन किया है.
हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को गृह मंत्री या प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा के लिए अभी कोई अंतिम सूचना नहीं मिली है.
हॉर्नबिल महोत्सव में भाग नहीं लेने के ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन के फैसले पर रियो ने कहा कि यह आयोजन हमेशा की तरह आयोजित किया जाएगा और हर जनजाति को भाग लेना चाहिए.
रियो ने कहा, ‘यह राज्य की जिम्मेदारी है और कोई भी राज्य का अपमान नहीं कर सकता है, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी.’
ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन नगालैंड राज्य के 58 वर्षों के बाद विकास के सभी पहलुओं में सरकार द्वारा ‘लापरवाही’ का आरोप लगाते हुए 2010 से ‘फ्रंटियर नगालैंड’ की मांग कर रहा है.
संगठन ने 2023 के विधानसभा चुनाव सहित किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेने की घोषणा की है, जब तक कि उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती.
मालूम हो कि क्षेत्र के प्रभावी संगठन ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने नेताओं, सातों जनजातियों के निकायों और क्षेत्र के अन्य संगठनों के साथ 26 अगस्त को दीमापुर शहर में बैठक की थी, जिसमें संकल्प लिया गया कि वे किसी भी चुनाव में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक कि उनकी अलग ‘फ्रंटियर नगालैंड’ राज्य बनाने की मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता.
नगालैंड में 60 सदस्यीय सदन के लिए विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में होना है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जनवरी तक सभी शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का भी निर्देश दिया है, क्योंकि ये चुनाव 12 साल से अधिक समय से लंबित हैं.
ईएनपीओ एक संयुक्त मंच है, जिसमें चांग खुलेई सेतशांग (सीकेएस), खियामनीउंगन ट्राइबल काउंसिल (केटीसी), कोन्यक यूनियन (केयू), फोम पीपुल्स काउंसिल (पीपीसी), यूनाइटेड संगतम लिखुम पुमजी (यूएसएलपी), तिखिर ट्राइबल काउंसिल (टीटीसी) और यिमखिउंग जनजातीय परिषद (वाईटीसी) जैसे संगठन शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)