मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में आयोजित रैली के दौरान प्रदर्शनकारी संगठनों ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोज़गार देने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है. नौकरियों की कमी के कारण अधिकांश युवा ड्रग्स या अन्य असामाजिक गतिविधियों में शामिल हैं.
शिलॉन्ग: रिक्त सरकारी पदों को भरने की मांग को लेकर शुक्रवार को मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में आयोजित एक रैली में उस वक्त हिंसा शुरू हो गई, जब प्रदर्शनकारियों ने राहगीरों पर लाठियों से हमला करते हुए वाहनों को नुकसान पहुंचाया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
मारपीट के दौरान घायल हुए लोगों में एक स्थानीय समाचार पत्र के वीडियो पत्रकार भी शामिल हैं.
रैली का आयोजन करने वाले फेडरेशन ऑफ खासी जयंतिया एंड गारो पीपल (एफकेजेजीपी) के अध्यक्ष डंडी खोंगसिट ने कहा, ‘मैं दुखी हूं और एक मीडियाकर्मी पर हुए हिंसक हमले के लिए मैं माफी मांगता हूं. आज हमारी ताकत और शक्ति दिखाने का समय नहीं है, लेकिन अगर सरकार युवाओं के मुद्दों का समाधान नहीं करती है, तो इसे शुरुआत समझा जा सकता है.’
दरअसल, एफकेजेजीपी लंबे समय से राज्य सरकार में खाली पदों को तत्काल भरने की मांग कर रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि रैली पुलिस की मौजूदगी में निकाली जा रही थी, लेकिन फिर भी कुछ लोगों ने शहर के खिंडैलाड जंक्शन और धनकेटी इलाके में राहगीरों पर हमला किया.
हिंसा के मद्देनजर, अधिकारियों ने रैली के मार्ग में पड़ने वालीं कई दुकानों को बंद करने का आदेश दे दिया.
ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक (शहर) विवेक सैयम ने कहा, ‘शुक्रवार को हुई हिंसा के सिलसिले में हमने दो मामले दर्ज किए हैं.’
इस बीच, शिलॉन्ग में अधिकारियों ने रैली आयोजित करने के लिए आवश्यक शर्तों का पालन करने में विफल साबित होने के लिए एफकेजेजीपी संगठन के नेताओं को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है.
पूर्वी खासी हिल्स जिले के उपायुक्त ने बताया, ‘हमने सार्वजनिक रैली आयोजित करने के लिए जरूरी शर्तों का उल्लंघन करने पर संगठन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.’
समाचार वेबसाइट ईस्ट मोजो की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को रैली में शामिल सैकड़ों युवाओं ने राज्य सरकार से मेघालय के युवाओं के भविष्य की सुरक्षा के लिए एक नीति बनाने की मांग की.
इस दौरान हुई हिंसा के बीच कथित तौर पर पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की गई, राहगीरों और एक गैर-आदिवासी टेंपो चालक पर हमला किया गया.
एफकेजेजीपी के अध्यक्ष डंडी खोंगसिट ने बताया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है और उनके शोध के अनुसार, मेघालय में एक लाख से अधिक बेरोजगार युवा हैं.
जयंतिया स्टुडेंट्स यूनियन (जेएसयू) के अध्यक्ष ट्रेबोर राउल सुचेन ने कहा कि मेघालय में नौकरियों की कमी के कारण अधिकांश युवा ड्रग्स या अन्य असामाजिक गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह रैली बहुत जरूरी थी, क्योंकि सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई.
रैली में हिंसा के दौरान दो पत्रकारों के घायल होने के बाद खोंगसिट ने अन्य संगठनों के नेताओं के साथ मीडिया से माफी मांगी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)