भाजपा नेता अमित मालवीय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने ‘द वायर’ के दफ़्तर और इसके संपादकों के घरों में तलाशी लेते हुए कई डिजिटल उपकरण ज़ब्त किए थे. एडिटर्स गिल्ड ने दिल्ली पुलिस से जांच में निष्पक्षता बरतने की अपील करते हुए कहा कि वे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का अपमान करने वाले तरीके न अपनाएं.
नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया तथा इंडियन विमेन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से ‘द वायर’ के संपादकों के घरों और उनके दफ्तर में तलाशी ली है और सामग्री जब्त की है, वह अनुचित है.
गिल्ड ने यहां एक बयान में कहा, ‘पुलिस ने जिस हड़बड़ी में अनेक जगहों पर तलाशी ली, वह हद से ज्यादा और अनुचित है तथा अनावश्यक पूछताछ के समान है.’
गिल्ड ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में दायर सभी शिकायतों की जांच में निष्पक्षता बरतने की अपील की और ऐसे डराने-धमकाने वाले तरीके नहीं अपनाने को कहा जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों का अपमान करते हों.
EGI is disturbed by the manner in which Delhi Police carried out search and seizures at homes of senior editors of the Wire, as well as their office. Urges police to adhere to rules of investigation and protect integrity of sensitive journalistic information. pic.twitter.com/N75Y4y6dD0
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) November 2, 2022
दिल्ली पुलिस, भाजपा पदाधिकारी अमित मालवीय द्वारा ‘द वायर’ के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत पर कार्रवाई कर रही थी.
आईडब्ल्यूपीसी ने भी ‘द वायर’ के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर चिंता प्रकट की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता के लिए तथा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए उचित नहीं हैं.
उसने कहा, ‘इस बात में कोई संदेह नहीं कि पत्रकारीय लेखन और रिपोर्टिंग बहुत जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ होनी चाहिए. इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. फिर भी, समाचारों की रिपोर्टिंग में त्रुटियों को दूर करने के और भी तरीके हैं जिनमें तलाशी तथा सामग्री जब्त करने के रूप में इस तरह की पुलिसिया कार्रवाई शामिल नहीं है.’
गिल्ड ने कहा कि ‘द वायर’ द्वारा प्रकाशित एक बयान के अनुसार पुलिस कर्मी ने पत्रकारों के घरों और दफ्तर से फोन, कम्प्यूटर और आईपैड जब्त कर लिए तथा अनुरोध के बावजूद उन्हें डिजिटल उपकरणों से जानकारी व आंकड़े नहीं दिए गए. यह जांच की प्रक्रियाओं और नियमों का गंभीर उल्लंघन है. संपादकों और पत्रकारों के डिजिटल उपकरणों में उनके पत्रकारिता सूत्रों से संबंधित संवेदनशील जानकारी तथा उन खबरों से संबंधित सामग्री होगी जिन पर वे काम कर रहे होंगे. इस तरह की जब्ती से इसकी गोपनीयता गंभीर रूप से जोखिम में पड़ सकती है.’
गिल्ड ने कहा कि ‘द वायर’ ने मालवीय के संदर्भ में मेटा से संबंधित खबरों पर गंभीर चूक को पहले ही स्वीकार कर लिया है. उसने कहा, ‘ये चूक निंदनीय हैं और गलत जानकारी पर आधारित खबरों को द वायर ने वापस ले लिया है.’
गिल्ड ने कहा कि पुलिस की तलाशी और सामग्री जब्त करने की कार्रवाई स्थापित नियमों का उल्लंघन है और इसमें डराने-धमकाने वाला अंदाज चिंताजनक है.
गिल्ड ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध किया कि इस मामले में जांच के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संवेदनशील पत्रकारिता संबंधी सूचनाओं की गोपनीयता का उल्लंघन नहीं हो, वहीं समाचार संस्था के अन्य कामकाज बाधित नहीं हों.
मालूम हो कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के कई सदस्य 31 अक्टूबर को द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु, सिद्धार्थ भाटिया, डिप्टी एडिटर जाह्नवी सेन और दिल्ली व मुंबई में प्रोडक्ट कम बिज़नेस हेड मिथुन किदांबी के घर पहुंचे और भाजपा नेता अमित मालवीय द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में जारी धारा 91 के नोटिस के अनुसार विभिन्न उपकरणों को जब्त किया.
दिल्ली के भगत सिंह मार्केट स्थित द वायर के कार्यालय में भी तलाशी ली गई. इस दौरान अधिकारियों ने संस्थान के एक वकील को धक्का भी मारा और दफ्तर के उपकरण जब्त कर लिए गए.
अमित मालवीय की शिकायत सोशल मीडिया कंपनी मेटा पर द वायर द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स की एक श्रृंखला से संबंधित है. द वायर ने पहले ही इन खबरों को वापस ले लिया था और घोषणा की थी कि वह उनकी आंतरिक समीक्षा कर रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)