गुजरात चुनाव राउंडअप: भाजपा बोली पटेल, राहुल और सोनिया स्पष्टीकरण दें. कांग्रेस ने कहा, भाजपा गुजरात में आसन्न हार को देखते हुए बेबुनियाद आरोप लगा रही है.
नई दिल्ली: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल से राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की मांग करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि हाल ही में गिरफ्तार किया गया आतंकी संगठन आईएसआईएस का एक संदिग्ध सदस्य उस अस्पताल में काम करता था, जहां पटेल पहले एक ट्रस्टी थे.
पटेल ने आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया और भाजपा से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का राजनीतिकरण ना करने और गुजरात के शांतिप्रिय लोगों को नहीं बांटने की अपील की.
आरोपों का जवाब देते हुए पटेल ने ट्वीट किया, मेरी पार्टी और मैंने दो आतंकवादियों को पकड़ने की एटीएस की कोशिश की सराहना की है. मैं उनके खिलाफ सख्त और तीव्र कार्रवाई की मांग करता हूं. भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, हम अनुरोध करते हैं कि चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के विषयों को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाए. आतंकवाद का मुकाबला करने के दौरान शांतिप्रिय गुजरातियों को बांटने का प्रयास मत कीजिए.
कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना चाहिए: जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा कि कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि एक आतंकवादी इतने लंबे समय से वहां कैसे काम कर रहा था. उन्होंने कहा कि आईएस के दो संदिग्ध एक यहूदी धार्मिक स्थल पर हमले की साजिश रच रहे थे.
गुजरात आतंक निरोधक दस्ता (एटीएस) ने दो दिन पहले दो संदिग्ध आईएसआईएस सदस्यों को गिरफ्तार किया था. प्राथमिकी के मुताबिक उनमें से एक आरोपी कासिम स्टिम्बरवाला पूर्व में भरूच जिले के अंकलेर में स्थित सरदार पटेल अस्पताल में एक तकनीशियन के तौर पर काम करता था.
रूपानी ने गांधीनगर में कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पटेल को देश को स्पष्टीकरण देना चाहिए क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है.
रूपानी ने उठाए कई सवाल
मुख्यमंत्री रूपानी ने आरोप लगाया, यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि एक आतंकी को उस अस्पताल से गिरफ्तार किया गया, जिसका संचालन पटेल कर रहे हैं. यह अब पता चला है कि हालांकि पटेल ने उस अस्पताल के ट्रस्टी के पद से 2014 में इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब भी वह अस्पताल मामलों के प्रमुख हैं.
उन्होंने कहा, सोचिए क्या होता अगर ये दोनों आतंकी गिरफ्तार नहीं होते… अहमद पटेल, राहुल गांधी और कांग्रेस को मुद्दे पर पाक साफ होना चाहिए. हम यह भी चाहते हैं कि पटेल राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दें.
रूपानी ने कहा, इस बात का अब खुलासा हुआ है कि कासिम ने गिरफ्तारी से महज दो दिन पहले इस्तीफा दिया था. इससे कई सवाल उठते हैं. पटेल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस तरह के व्यक्ति को उनके अस्पताल में नौकरी कैसे मिली और उसने अपनी गिरफ्तारी से कुछ ही दिन पहले इस्तीफा क्यों दिया.
कांग्रेस ने किया पटेल का बचाव
कांग्रेस के संचार प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने पटेल का बचाव करते हुए कहा कि ना तो वह, ना ही उनके परिवार का कोई सदस्य भरूच हॉस्पिटल के ट्रस्टी हैं, जहां कथित आतंकवादी काम कर रहा था.
उन्होंने कहा कि परेशान भाजपा गुजरात में आसन्न हार को देख रही है, जिसके चलते वह पटेल के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा को आतंकवाद से लड़ने की शिक्षा किसी और को देना बंद करनी चाहिए.
नरेंद्र पटेल ने घूस के आरोप से संबंधित ऑडियो क्लिप बांटी
पाटीदार नेता नरेंद्र पटेल ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने उन्हें खरीदने की कोशिश की और गुरुवार को अपने आरोप के समर्थन में अपने और अपने सहयोगी वरुण पटेल के बीच हुए टेलीफोन संवाद की कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग वितरित की है.
वरुण पटेल ने 21 अक्टूबर को हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) का साथ छोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे. इसके अगले दिन वरुण पटेल और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में उत्तर गुजरात के पास समन्वयक नरेंद्र पटेल सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए थे.
हालांकि कुछ घंटों बाद नरेंद्र पटेल ने दावा किया कि निष्ठा बदलने के लिए उन्हें एक करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. उन्होंने मीडियाकर्मियों को दस लाख रुपये भी दिखाए और कहा कि कथित तौर पर यह सौदा करवाने वाले वरुण पटेल ने उन्हें अग्रिम राशि दी है.
भाजपा और वरुण पटेल दोनों ने इन आरोपों से इनकार किया. लेकिन नरेंद्र पटेल ने घोषणा की कि उनके पास सबूत के तौर पर ऑडियो और वीडियो क्लिप मौजूद है जिन्हें वह समय आने पर सामने लाएंगे.
गुरुवार को उन्होंने ऑडियो क्लिप वितरित की, जिसमें वरुण पटेल कथित तौर पर उन्हें यह कह रहे हैं कि 60 फीसदी राशि उन्हें भाजपा के संवाददाता सम्मेलन के बाद मिल जाएगी जबकि बाकी का पैसा अगले दिन पार्टी के एक कार्यक्रम में दिया जाएगा.
घूसकांड मामले में केस क्यों नहीं दर्ज हुआ: कांग्रेस
कांग्रेस नेता अजय माकन ने गुजरात के पाटीदार नेता नरेन्द्र पटेल के आरोपों को लेकर भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और दो अन्य पर इस सिलसिले में प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं हुई.
उन्होंने इस मामले में न्यायिक हिरासत की मांग की और चुनाव आयोग से इस मुद्दे का संज्ञान लेने को कहा.
भाजपा ने 182 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम शॉर्टलिस्ट किए
भाजपा ने प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में गुजरात के सभी 182 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक के लिए तीन संभावित उम्मीदवारों के पैनल का गठन किया है. बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी शरीक हुए.
सूत्रों ने बताया कि पिछले छह दिनों के दौरान संभावित नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया. वहीं, बीते 21 अक्तूबर से ही शाह बैठक की कार्यवाहियों में रोजाना शामिल हो रहे हैं.
प्रत्येक सीट के लिए संभावित उम्मीदवारों के पैनल के गठन में शाह का शामिल होना यह बताता है कि गुजरात चुनाव भाजपा के लिए कितना मायने रखने वाली है.
राज्य में दिसंबर माह में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. सूत्रों ने बताया कि राज्य भाजपा संसदीय बोर्ड की छह दिनों की बैठक के दौरान हर सीट पर चर्चा की गई.
गुजरात चुनाव के बाद मजबूत होगा विपक्ष: राज ठाकरे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेवा के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दल मजबूत बनेंगे. ठाकरे ने कहा, मैं सहमत हूं कि विपक्ष थोड़ा कमजोर है लेकिन गुजरात चुनाव के बाद यह मजबूत बनेगा. विपक्ष में बदलाव दिखाई देगा.
उनसे यह पूछा गया था कि क्या पिछले तीन वर्षों में विपक्ष की भूमिका बहुत कम हो गई है. उन्होंने एक निजी टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में कहा, मुझे हैरानी हो रही है कि प्रधानमंत्री समेत इतने मंत्री केवल एक राज्य में इतनी रैलियां क्यों कर रहे हैं. भले ही यह प्रधानमंत्री का गृह राज्य है, लेकिन यह अच्छा नहीं लगता कि देश का प्रमुख एक राज्य के लिए चुनाव प्रचार कर रहा है.
भाजपा को इतना फंड कैसे मिला
ठाकरे ने कहा कि यदि गुजरात में भाजपा नीत सरकार ने अच्छा काम किया है, तो राज्य में पार्टी के लिए इतनी अधिक संख्या में मंत्रियों को प्रचार करने की आवश्यकता नहीं है. नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद और नोट छपवाए और भाजपा को इससे लाभ हुआ.
ठाकरे ने कहा कि भाजपा के अलावा किसी राजनीतिक दल के पास इतना फंड नहीं है. उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि उन्हें इतना फंड कैसे मिला.
हिमाचल और गुजरात में एक्जिट पोल 14 दिसंबर के बाद
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मतदान के बाद सर्वेक्षण एक्जिट पोल के लिए लोगों को दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव हेतु 14 दिसंबर को मतदात प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करना पड़ेगा.
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने निर्वाचन नियमों और कानून के हवाले से बताया कि मतदान बाद सर्वेक्षण दोनों राज्यों में सभी चरणों की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के एक घंटे बाद ही जारी किए जा सकेंगे. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव एक चरण में नौ नवंबर को तथा गुजरात में दो चरण में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को होगा.
चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों और नियमों के मुताबिक दोनों राज्यों में मतदान बाद सर्वेक्षण 14 दिसंबर को मतदान सम्पन्न होने के बाद ही जारी हो सकेंगे. स्पष्ट है कि नौ नवंबर को हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं का रुझान जानने के लिये भी 14 दिसंबर तक इंतजार करना होगा.
मौजूदा व्यवस्था के तहत निर्वाचन कानून चुनाव आयोग को मतदान से 48 घंटे पहले चुनावी सर्वेक्षण जारी करने पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है. समझा जाता है कि मतदान पूर्व और मतदान बाद सर्वेक्षणों को लेकर चुनाव आयोग जल्द ही नये सिरे से दिशानिर्देश बना सकता है.