हरियाणा सरकार एमबीबीएस में दाख़िले के वक़्त सात सालों के लिए 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रही है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम सात साल सरकारी अस्पताल में सेवा देनी होगी. रोहतक पीजीआई के छात्र बीते चार दिनों से इसके ख़िलाफ़ आंदोलनरत थे.
रोहतक: बीते चार दिनों से हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे रोहतक पीजीआई के एमबीबीएस छात्रों को शुक्रवार देर रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, पुलिस द्वारा बलपूर्वक हिरासत में लिए गए छात्रों को करीब सात बसों में भरकर ले जाया गया.
बता दें कि हरियाणा सरकार एमबीबीएस में दाखिले के वक्त सात सालों के लिए 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रही है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम सात साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे 40 लाख रुपये सरकार को देने होंगे. एमबीबीएस छात्र इसी फैसले के विरोध में हैं.
Arrest made by local police along with mbbs students inside Haryana Rohtak is totally wrong. Chief Minister @mlkhattar ji is requested to release the students at the earliest.@cmohry pic.twitter.com/tQb0vi94Rf
— all india medical student association United (@Official_aimsau) November 5, 2022
बहरहाल, शुक्रवार रात का घटनाक्रम पंडित भगवत दयाल शर्मा हेल्थ एंड साइंस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की पृष्ठभूमि में हुआ. शनिवार को होने वाले समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज शामिल होने वाले थे.
एनडीटीवी के मुताबिक, इसे देखते हुए छात्रों ने देर रात दीक्षांत समारोह वाले सभागार के गेट के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची और छात्रों को हिरासत में ले लिया.
#PGIMS_ROHTAK
MBBS Students arrested,harassed and brutally dragged by police!No female constable to arrest female students!#BOND_FREE_INDIA🇮🇳
This is totally violation of "Right To Equality" Only Doctors are being forced to work as #BondedLabour! @cmohry @anilvijminister pic.twitter.com/q0WBUrGBkP— FAIMA Doctors Association (@FAIMA_INDIA_) November 4, 2022
द ट्रिब्यून के मुताबिक, पुलिस ने कथित तौर पर वॉटर केनन का इस्तेमाल किया और उन्हें जबरन धरना स्थल से हटाया.
छात्रों के मुताबिक, करीब 200 छात्र, जिनमें लड़कियां भी शामिल थीं, को हिरासत में लिया गया.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि हम सरकार की बॉन्ड पॉलिसी का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे और इसे रद्द करने का लिखित आश्वासन मांग रहे थे. पुलिस ने वहां पहुंचकर हमारे साथ जोर जबरदस्ती की, हमने धरना खत्म करने से मना किया तो जबरन उठा ले गई.
https://twitter.com/Dr__Dhull/status/1588789832104710144
एक छात्र के हवाले से ट्रिब्यून ने लिखा है, ‘पुलिसकर्मियों ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और फिर धरने पर बैठे छात्रों को बसों की ओर घसीटना शुरू कर दिया. यहां तक कि छात्राओं के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया. पुलिसकर्मियों ने छात्रों को घसीटा, खींचा और उठाकर बसों में डाल दिया.’
बहरहाल, पुलिस का कहना है कि उसने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए छात्रों से जगह खाली करके दूसरी जगह धरना देने के लिए कहा था और उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से कराएंगे, लेकिन छात्र राजी नहीं हुए, इसलिए पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी.
रोहतक पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीना ने ट्रिब्यून को बताया कि प्रदर्शनकारी कुछ एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि कुछ अन्य को ऐहतियातन हिरासत में लिया गया है.