उत्तर भारत के लोग पहले दक्षिण सिनेमा का मज़ाक उड़ाते थे, अब सब बदल गयाः अभिनेता यश

एक कार्यक्रम में ‘केजीएफ’ फिल्म के अभिनेता यश ने कहा कि 10 साल पहले दक्षिण की डब फिल्में उत्तर भारत में लोकप्रिय हुईं, लेकिन लोग इनका मज़ाक उड़ाते थे. ख़राब गुणवत्ता वाली डबिंग की जाती थी और इन्हें मज़ाकिया नामों से बुरी तरीके से पेश किया जाता था. इस तरह इसकी शुरुआत हुई और आख़िरकार लोग उसी से जुड़ गए.

/
अभिनेता यश. (फोटो साभार: फेसबुक)

एक कार्यक्रम में ‘केजीएफ’ फिल्म के अभिनेता यश ने कहा कि 10 साल पहले दक्षिण की डब फिल्में उत्तर भारत में लोकप्रिय हुईं, लेकिन लोग इनका मज़ाक उड़ाते थे. ख़राब गुणवत्ता वाली डबिंग की जाती थी और इन्हें मज़ाकिया नामों से बुरी तरीके से पेश किया जाता था. इस तरह इसकी शुरुआत हुई और आख़िरकार लोग उसी से जुड़ गए.

अभिनेता यश. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: दक्षिण की फिल्में इस समय बॉक्स ऑफिस पर राज कर रही हैं, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. वर्षों तक बॉलीवुड को भारत में प्रमुख फिल्म उद्योग माना जाता था और दक्षिण में चार उद्योगों की फिल्मों को हिंदी फिल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल लगता था. एक इंटरव्यू में केजीएफ फिल्म के अभिनेता यश ने ये विचार प्रकट किए हैं.

कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार यश ने कहा कि सालों तक दक्षिण की फिल्मों को उत्तर भारत में बुरी तरह से पेश किया गया… लगभग एक मजाक की तरह. हालांकि ‘बाहुबली’ फिल्म के बाद कुछ ऐसा हुआ कि सब बदल गया.

वह ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई 2022’ के दूसरे दिन के समारोह में बोल रहे थे. यश ने इस दौरान ‘बाहुबली’, ‘केजीएफ’, ‘आरआरआर’और ‘पुष्पा’ जैसी दक्षिण भारत की फिल्मों की सफलता के बारे में बात की.

उन्होंने कहा, ‘10 साल पहले डब फिल्में यहां (उत्तर भारत) बहुत लोकप्रिय हुईं, लेकिन शुरुआत में वे सभी इसे अलग-अलग राय के साथ देखते थे. लोग दक्षिण की फिल्मों का मजाक उड़ाते थे. वे ‘ये क्या एक्शन है, उड़ रहा है सब’ जैसी बातें बोलते थे. इस तरह इसकी शुरुआत हुई और आखिरकार वे उसी से जुड़ गए और वे उस कला रूप को समझने लगे. इसके साथ समस्या यह थी कि हमारी फिल्में कम से कम कीमत पर बेची जाती थीं, लोग खराब गुणवत्ता वाली डबिंग करते थे और इसे मजाकिया नामों से खराब तरीके से पेश किया जाता था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘लोग हमारी डब फिल्मों से परिचित होने लगे. यह काफी समय से लंबित था. इसका श्रेय एसएस राजामौली सर को जाता है. अगर आपको एक चट्टान को तोड़ना है, तो निरंतर प्रयास की जरूरत है. बाहुबली ने वह धक्का दिया.’

केजीएफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘केजीएफ एक अलग इरादे के साथ बनाई गई थी. केजीएफ प्रेरित करने के लिए किया गया था. लोगों ने अब दक्षिण की फिल्मों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. पहले, हमारे पास यहां आने और बाजार में आने के लिए एक अलग बजट था. अभी डिजिटल क्रांति के साथ हमारे पास इसे दुनिया को दिखाने का अवसर है.’

अपनी आने वाली फिल्मों और ‘केजीएफ-3’ की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि मेरी आने वाली फिल्मों के बारे में बहुत सारी खबरें चल रही हैं. बहुत जल्द मैं अपनी अगली फिल्म की घोषणा करूंगा.’

यश ने कहा, ‘हमारे पास एक योजना है, लेकिन अभी इसमें समय है. मैं कुछ और करना चाहता हूं. 6-7 साल से मैं केजीएफ कर रहा हूं. तो देखते हैं. अगर सब कुछ ठीक रहता है तो केजीएफ-3 बाद में करूंगा.’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यश अभिनीत ‘केजीएफ चैप्टर-2’ साल 2022 की अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है, जिसकी वैश्विक कमाई 1,207 करोड़ रुपये है. सूची में अगला नाम एसएस राजामौली की ‘आरआरआर’ फिल्म का है.

वास्तव में साल 2022 की शीर्ष 10 सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्मों में बॉलीवुड से केवल चार शामिल हैं, जो एक कैलेंडर वर्ष के लिए अब तक की सबसे कम संख्या है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games