अमेरिकी एफडीए ने दवा निर्माण में ख़ामियों को लेकर भारतीय फार्मा कंपनी को चेतावनी पत्र भेजा

भारतीय दवा कंपनी ल्यूपिन लिमिटेड की एक इकाई महाराष्ट्र के तारापुर में स्थित है. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने उक्त इकाई में विभिन्न विनिर्माण कार्यों में मानकों का उल्लंघन और उन्हें ठीक करने में कंपनी के प्रयासों को अपर्याप्त पाया है. 

//
ल्यूपिन का ब्रांड लोगो.

भारतीय दवा कंपनी ल्यूपिन लिमिटेड की एक इकाई महाराष्ट्र के तारापुर में स्थित है. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने उक्त इकाई में विभिन्न विनिर्माण कार्यों में मानकों का उल्लंघन और उन्हें ठीक करने में कंपनी के प्रयासों को अपर्याप्त पाया है.

ल्यूपिन का ब्रांड लोगो.

नई दिल्ली: अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भारतीय दवा कंपनी ल्यूपिन लिमिटेड को एक चेतावनी पत्र भेजा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, यह पत्र कंपनी की महाराष्ट्र के तारापुर स्थित इकाई में विभिन्न विनिर्माण कार्यों में मानकों के उल्लंघन को ठीक करने में इसके द्वारा किए गए प्रयासों को अपर्याप्त मानते हुए भेजा गया है.

गौरतलब है कि अगर कोई निर्माता एफडीए के नियमों का उल्लंघन करता है तो एजेंसी उसे एक चेतावनी पत्र भेजती है.

उल्लंघनों में खराब विनिर्माण कार्य; उत्पाद क्या कर सकता है, इसको लेकर दावे या इस्तेमाल के गलत दिशानिर्देश शामिल हो सकते हैं. निर्माता को एक विशष्ट समयसीमा के भीतर समस्याओं को ठीक करने के लिए निर्देशित किया जाता है.

फॉर्म 483 जारी होने के बाद चेतावनी पत्र आता है, जिसे अमेरिकी दवा नियामक कंपनी के संयंत्र के निरीक्षण और साइट पर कोई गड़बड़ी पाने- जो अमेरिका के फेडरल फूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक (एफडी एंड सी) अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों का उल्लंघन करती है- के बाद सौंपता है.

अमेरिकी एफडीए के चेतावनी पत्र में कहा गया है कि कंपनी की सक्रिय दवा सामग्री या एपीआई जो दवा बनाने में इस्तेमाल होती है, मिलावटी पाई गई, जिससे सीजीएमपी नियमों का उल्लंघन होता है.

ल्यूपिन एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है जेनेरिक दवाओं, ब्रांडेड दवाओं, एपीआई, बायोसिमिलर (अनुमोदित दवाओं के समान दवाएं) सहित कई फार्मास्युटिकल उत्पादों का उत्पादन करती है और भारत, अमेरिका, ब्राजील व मेक्सिको में इसके 15 संयंत्र हैं.

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, तारापुर संयंत्र – जहां कथित उल्लंघन हुआ- ‘किण्वन (फर्मेन्टेशन)-आधारित और सिंथेटिक एपीआई दोनों’ का उत्पादन करता है.

ल्यूपिन लिमिटेड ने अप्रैल में फॉर्म 483 की प्राप्ति का खुलासा करते हुए कहा था कि वह यूएस एफडीए द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने को लेकर आश्वस्त है.हालांकि, नियामक प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं था और सितंबर में चेतावनी पत्र जारी किया था, लेकिन इसे पिछले सप्ताह ही ऑनलाइन पोस्ट किया गया था.

चेतावनी पत्र में कहा गया है, ‘आपका जवाब पर्याप्त नहीं है क्योंकि इसमें आपकी कार्यप्रणाली को सीजीएमपी के अनुपालन के मुताबिक बनाने के लिए सुधारात्मक उपायों की पर्याप्त जानकारी या साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए हैं.’ 27 सितंबर 2022 को जारी किए गए चेतावनी पत्र में कंपनी को 15 दिनों के भीतर या 11 अक्टूबर से पहले जवाब देने के लिए कहा गया था.

इसमें कहा गया, ‘अगर आप 15 कार्य दिवसों के भीतर सुधारात्मक कार्यों को पूरा नहीं कर सकते हैं तो देरी होने संबंधी अपने कारणों और इसे पूरा करने संबंधी अपना कार्यक्रम बताएं.’

द वायर  ने कंपनी को पत्र लिखकर पूछा कि क्या उसने चेतावनी पत्र का जवाब दिया है. हालांकि, ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला लेकिन कंपनी के प्रवक्ता ने फोन पर कहा, ‘हम निर्धारित समयसीमा के भीतर अपना जवाब भेज चुके.’

प्रवक्ता ने जवाब के बारे में अतिरिक्त विवरण देने से इनकार कर दिया और कहा कि रिपोर्ट में उनके नाम का उल्लेख न किया जाए क्योंकि वे ‘नियामक मामलों के बारे में बात करने के लिए कंपनी के आधिकारिक प्रवक्ता’ नहीं हैं और केवल मीडिया के सवालों को संभालते हैं.

द वायर  द्वारा भेजे गए एक ईमेल के जवाब में यूएस एफडीए ने भी विवरण साझा करने से इनकार कर दिया क्योंकि ‘मामला अभी चल रहा है.’

चेतावनी पत्र में तीन विशिष्ट चिंताओं का हवाला दिया गया है – सभी ‘जीनोटॉक्सिक अशुद्धियों’ से संबंधित हैं जो दवाओं और एपीआई में पाए गए थे. जीनोटॉक्सिक अशुद्धियां मानव कोशिका में डीएनए की संरचना को बदल सकती हैं और अशुद्धता के प्रकार के आधार पर कैंसर का कारण बन सकती हैं.

एफडीए द्वारा सूचीबद्ध पहली चिंता उन उपकरणों की सफाई के बारे में थी जो दवा निर्माण में इस्तेमाल होते हैं. पत्र में कहा गया है कि कंपनी के जवाब में सफाई प्रक्रियाओं को मजबूत साबित करने के लिए पर्याप्त डेटा की कमी थी.

एफडीए द्वारा उठाई गई दूसरी चिंता कंपनी के प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) कदमों की प्रभावशीलता का ठीक से आकलन करने से इनकार करने के बारे में है जो सैद्धांतिक रूप से जीनोटॉक्सिक अशुद्धियों को कम करते हैं.

तीसरी चिंता सभी महत्वपूर्ण विचलनों की जांच करने में विफलता से संबंधित हैं. इस बीच, कंपनी ने अमेरिकी बाजार के लिए महाराष्ट्र इकाई से दवाओं का उत्पादन रोक दिया है.

बता दें कि पुणे स्थित ल्यूपिन का एक अन्य संयंत्र भी एफडीए की जांच के दायरे में है.उसे भी फॉर्म 483 जारी किया गया है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25