मिज़ोरम: पत्थर की खदान धंसने की घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत, चार लापता

दक्षिण मिज़ोरम के हनहथियाल ज़िले में यह हादसा सोमवार दोपहर बाद तीन बजे हुआ, जब श्रमिक मौदढ़ गांव स्थित पत्थर की एक खदान में काम कर रहे थे. खदान धंसने से 12 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से आठ लोगों के शव मंगलवार सुबह बरामद किए जा चुके हैं.

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मिजोरम के हनहथियाल जिले में सोमवार को ढही पत्थर की एक खदान के मलबे से आठ शव बरामद किए गए हैं. (फोटो: पीटीआई)

दक्षिण मिज़ोरम के हनहथियाल ज़िले में यह हादसा सोमवार दोपहर बाद तीन बजे हुआ, जब श्रमिक मौदढ़ गांव स्थित पत्थर की एक खदान में काम कर रहे थे. खदान धंसने से 12 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से आठ लोगों के शव मंगलवार सुबह बरामद किए जा चुके हैं.

मिजोरम के हनहथियाल जिले में सोमवार को ढही पत्थर की एक खदान के मलबे से आठ शव बरामद किए गए हैं. (फोटो: पीटीआई)

आइजोल: दक्षिण मिजोरम के हनहथियाल जिले में सोमवार को ढही पत्थर की एक खदान के मलबे से आठ शव बरामद किए गए हैं. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

हनहथियाल के जिला उपायुक्त आर लालरेमसंगा ने बताया कि खदान धंसने की घटना में 12 लोग लापता हो गए थे और मंगलवार सुबह 7:00 बजे तक इनमें से आठ लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स ने हनहथियाल जिले के डिप्टी कमिश्नर आर लालरेमसंगा के हवाले से कहा है कि पीड़ितों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. लालरेमसंगा ने कहा, ‘हमें सत्यापित करने के लिए रिकॉर्ड की जांच करनी होगी.’

उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर तलाश अभियान जारी है. मंलवार सुबह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम वहां पहुंची, जिनमें दो अधिकारी और 13 जवान शामिल हैं.

लालरेमसंगा के मुताबिक, हादसे में लापता 12 लोगों में से चार एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी थे, जबकि आठ अन्य एक ठेकेदार के साथ काम करते थे.

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि असम राइफल्स और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बचाव अभियान में स्थानीय पुलिस और लोगों का साथ दिया.

इससे पहले हनहथियाल के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार ने बताया था कि यह हादसा सोमवार दिन में तीन बजे हुआ, जब एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के श्रमिक जिले के मौदढ़ गांव में स्थित पत्थर की इस खदान में काम कर रहे थे.

उन्होंने कहा था कि हादसे के समय 13 श्रमिक खदान में काम कर रहे थे, जिनमें से एक बाहर निकलने में सफल हो गया, जबकि बाकी 12 अन्य मलबे में फंस गए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चश्मदीदों ने दावा किया कि श्रमिकों ने बहुत गहरी खुदाई की थी और पत्थर खदान की स्थिरता को बिगाड़ दिया था, जिसके परिणामस्वरूप पूरी पहाड़ी श्रमिकों पर गिर गई.

लालरेमसंगा ने कहा कि पांच मिट्टी खुदाई करने वाली मशीनें, एक स्टोन क्रेशर और एक ड्रिलिंग मशीन भी मलबे के नीचे पूरी तरह से दब गए हैं.

उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र लगभग 5,000 वर्ग मीटर है.

पत्थर की खदान का स्वामित्व एबीसीआई के पास है, जो हनहथियाल शहर और डॉन गांव के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से को चौड़ा करने का काम कर रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)