वेस्ट गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य एवं भाजपा की मेघालय इकाई के उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन. मराक को अपने फार्म हाउस से देह व्यापार का गिरोह चलाने के आरोप में बीते 26 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था.
शिलॉन्ग: मेघालय हाईकोर्ट ने भाजपा नेता बर्नार्ड एन. मराक को पश्चिम गारो हिल्स जिले में अपने फार्महाउस पर तीन साल की बच्ची के साथ कथित बलात्कार के मामले में जमानत दे दी.
मराक गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के एक निर्वाचित सदस्य एवं भाजपा की मेघालय इकाई के उपाध्यक्ष हैं. उन्हें उनके फार्महाउस से मिली विस्फोटक सामग्री और कथित तौर पर यहीं से देह व्यापार का गिरोह चलाने के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है.
फार्महाउस से जुड़े आखिरी मामले में आदेश पारित करते हुए जस्टिस डब्ल्यू. देनग्दोह ने कहा कि बच्ची के कथित यौन उत्पीड़न के मामले से मराक के जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
उन्होंने कहा कि नेता को ‘बहुत ही फिल्मी तरीके से’ पकड़ा गया.
अदालत ने भाजपा नेता को देश से बाहर न जाने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और जब भी जरूरत हो जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है. इसके अलावा उन्हें 30 हजार रुपये का निची मुचलका जमा कराने और इतनी की राशि के दो जमानतदार पेश करने को कहा गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भाजपा नेता के भाई टिंगकू एन. मराक द्वारा दायर जमानत याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी को उसके फार्महाउस पर छापेमारी के दौरान लड़की के साथ गिरफ्तार नहीं किया गया था और यह कहना कि उनके अपराधी होने की संभावना है, क्योंकि वह संपत्ति के मालिक हैं बहुत ‘दूर की कौड़ी’ है.
मराक को देह व्यापार का गिरोह चलाने के आरोप में 26 जुलाई 2022 को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले पुलिस ने 22 जुलाई 2022 को मराक द्वारा कथित तौर पर संचालित एक ‘वेश्यालय’ पर छापा मारकर छह नाबालिग बच्चों को बचाने के साथ 73 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान करीब 400 बोतल शराब तथा 500 से अधिक कंडोम बरामद किए गए थे.
पीड़ित बच्ची फार्महाउस पर ही मिली थी. उसकी चिकित्सकीय जांच में उसके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई और जांच में मराक का नाम सामने आया. बच्ची को बाल गृह में रखा गया है.
करीब एक महीने तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद मराक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और वह पिछले तीन महीने से जेल में थे.
मराक कभी भंग हो चुके सशस्त्र विद्रोही समूह एएनवीसी (बी) के अध्यक्ष थे, जो अचिक राष्ट्रीय स्वयंसेवी परिषद से अलग हुआ गुट था, इससे पहले वह भाजपा में शामिल हुए और तुरा से आदिवासी परिषद चुनाव जीते थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)