बीते दिनों पाकिस्तान द्वारा ऑस्कर 2023 के लिए भेजी गई फिल्म ‘जॉयलैंड’ पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने रिलीज़ से ठीक पहले प्रतिबंध लगाते हुए कहा था है कि फिल्म देश के ‘सामाजिक मूल्यों और नैतिक मानकों’ के अनुरूप नहीं है. अब सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति ने फिल्म को ‘मामूली कट’ के साथ हरी झंडी दे दी है.
नई दिल्ली: ऑस्कर पुरस्कार के लिए पाकिस्तान की आधिकारिक प्रविष्टि साइम सादिक की फिल्म ‘जॉयलैंड’ को देश में रिलीज के लिए मंजूरी दे दी गई है. देश के सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति ने फिल्म को ‘मामूली कट’ के साथ हरी झंडी दी है.
‘जॉयलैंड’ को सरकार ने 17 अगस्त को प्रमाण पत्र दिया था. इसकी सामग्री को लेकर हाल में ऐतराज़ जताया गया था, जिसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने देश के रूढ़िवादी तत्वों के साथ टकराव से बचने के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ के सलाहकार सलमान सूफी ने बताया था कि प्रधानमंत्री फिल्म पर बैन लगाए जाने के निर्णय की समीक्षा करेंगे और एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई जाएगी.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति में राजनीतिक और आर्थिक मामलों के मंत्री और कानून और न्याय अध्यक्ष, सूचना और प्रसारण मंत्री, संचार मंत्री, निवेश बोर्ड के मंत्री, सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री, गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के अध्यक्ष और पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष शामिल थे.
16 नवंबर को सलमान सूफी ने ट्विटर पर सेंसर बोर्ड के प्रतिबंध को हटाने के फैसले की घोषणा करते हुए कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है और कानून के दायरे में इसका पालन किया जाना चाहिए.’
The film #Joyland has been cleared for release by the Censor board review committee formed at the direction of PM @CMShehbaz
Freedom of speech is fundamental right & should be nourished within ambits of the law. #JoylandBan https://t.co/vQodv7fjOk
— Salman Sufi (Get New Covid Booster Today) (@SalmanSufi7) November 16, 2022
ज्ञात हो कि फिल्म 18 नवंबर को पाकिस्तान के सिनेमाघरों रिलीज़ की जानी है. सादिक के निर्देशन में बनी पहली फिल्म 2023 अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर श्रेणी की अंतिम पांच में स्थान पाने की दौड़ में है.
‘जॉयलैंड’ में पितृसत्तात्मक परिवार की कहानी है जो चाहता है कि परिवार का वंश चलाने के लिए बेटा पैदा हो जबकि उनका छोटा बेटा चुपके से एक इरोटिक डांस थियेटर में शामिल हो जाता है और ट्रांसजेंडर महिला से प्रेम करने लगता है.
अल जज़ीरा के अनुसार, अगस्त में देश के प्रांतीय और केंद्रीय सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को मंजूरी दे दी गई थी.
पाकिस्तान में तीन सेंसर बोर्ड हैं: केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड, जिसका दो प्रांतों के अलावा अन्य सभी क्षेत्रों पर अधिकार क्षेत्र है, वहीं सिंध क्षेत्र में सिंध फिल्म सेंसर बोर्ड और पंजाब में पंजाब फिल्म सेंसर बोर्ड काम करता है.
हालांकि, इसे तीनों सेंसर बोर्ड ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन एक धार्मिक पार्टी के नेता की शिकायत ने संघीय सेंसर बोर्ड को अपने पहले के फैसले को उलटने के लिए मजबूर कर दिया. अल जज़ीरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिल्म को इसी के बाद देश में रिलीज से प्रतिबंधित कर दिया गया था.
उल्लेखनीय है कि फिल्म को टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, अमेरिकन फिल्म इंस्टिट्यूट फेस्टिवल और बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी दिखाया गया था, जहां इसे काफी सराहना मिली थी. इसे बीते सप्ताह ‘एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स’ का युवा सिनेमा पुरस्कार भी मिला है.
फिल्म को कांन्स फिल्म महोत्सव का एलजीबीटीक्यू पुरस्कार क्वीर पाम भी मिला है.