शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र में बीते सप्ताह हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के एक ऑनलाइन ‘सत्संग’ कार्यक्रम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चे नज़र आ रहे हैं. बलात्कार और हत्या का दोषी गुरमीत राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर है.
नई दिल्ली: बलात्कार और हत्या के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के एक ऑनलाइन ‘सत्संग’ में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों के मजूद होने का एक वीडियो सामने आने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. गुरमीत राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर बाहर है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 17 नवंबर को यह ऑनलाइन ‘सत्संग’ शाहजहांपुर जिले के रोजा थाना क्षेत्र में विष्णु वाटिका लॉन में हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों शामिल हुए थे. उनके साथ ही तीन सौ के करीब स्कूली बच्चे भी स्कूल की यूनिफॉर्म में इस कार्यक्रम में देखे गए.
मामले के बारे में पता चलने के कुछ समय बाद ही बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कुछ कार्यकर्ता इस जगह पहुंचे और आयोजकों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
ख़बरों के मुताबिक, सूचना मिलने पर नजदीकी थाने से पुलिसकर्मी भी वहां पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में किया. पुलिस द्वारा आयोजकों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया.
घटना के बाद गुरुवार को पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) अखंड प्रताप सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया था कि रोजा थाना क्षेत्र में स्थित एक मैरेज लॉन में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम का सत्संग कार्यक्रम चल रहा था. कार्यक्रम की भनक विहिप तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर कार्यक्रम को बंद कराने को कहा. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर लगे राम-रहीम के बैनर तथा होर्डिंग फाड़ दिए.
सिंह ने बताया था कि क्योंकि बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा था इसलिए पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजक से प्रशासन द्वारा जारी अनुमति पत्र मांगा जो आयोजक नहीं दिखा पाए इसलिए कार्यक्रम को तत्काल बंद करा दिया गया.
उधर, स्कूली बच्चों की मौजूदगी को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि घटना उनके संज्ञान में आई है और यह पता लगाने के लिए कि किस स्कूल ने अपने विद्यार्थियों को ‘सत्संग’ में भेजा था, जांच के आदेश दिए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमें एक वीडियो मिला है जिसमें स्कूली बच्चे उस आयोजन में नजर आ रहे हैं. मामले को डीआईओएस के समक्ष उठाया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी.’
उल्लेखनीय है कि पैरोल पर बाहर आए गुरमीत राम रहीम के कार्यक्रम को लेकर खड़ा हुआ यह पहला विवाद नहीं है.
अक्टूबर महीने में हरियाणा में हुए इसी तरह के एक ऑनलाइन ‘सत्संग’ में भाजपा के कुछ नेता भी पहुंचे थे, जिसकी खासी आलोचना हुई थी.
तब राम रहीम की पैरोल को लेकर हरियाणा के विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि ऐसा राज्य में उस समय होने वाले उप-चुनाव और पंचायत चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया गया था.
बताया गया था कि राम रहीम के पैरोल पर बाहर रहने का समय एक बार फिर क्षेत्र में कुछ चुनावों की तारीखों से मेल खा रहा था. इस वर्ष यह ऐसा तीसरा उदाहरण था. इससे पहले राम रहीम को जून 2022 में एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था और फरवरी 2022 में उसकी तीन सप्ताह की फर्लो (एक प्रकार की छुट्टी) मंजूर की गई थी. इस दौरान उसे परिवार के सदस्यों के अलावा किसी से मिलने नहीं दिया गया था. उसकी 21 दिन की रिहाई के दौरान उसे जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी.
इसके बाद राम रहीम को तीन सप्ताह की छुट्टी पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मिली थी. पंजाब खासकर बठिंडा, संगरूर, पटियाला और मुक्तसर में इस पंथ के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं.
गौरतलब है कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त, 2017 में सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी. सिरसा में डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है.
उसे पंचकूला में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था. यह फैसला आने के बाद राम रहीम के समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए थे और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था.
जनवरी 2019 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
16 साल पुराने इस मामले में अदालत ने गुरमीत राम रहीम के साथ ही तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
गुरमीत राम रहीम को 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी पिछले साल चार अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था.
बागपत में राम रहीम के आश्रम में भीड़ जुटने को लेकर डेरा प्रबंधक को पुलिस का नोटिस
अमर उजाला के अनुसार, इस बीच बागपत के बिनौली में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा बरनावा आश्रम में जुटाई जा रही अनुयायियों की भीड़ को देखते हुए रविवार को पुलिस प्रशासन ने एसपी (बागपत) के निर्देश पर डेरा प्रबंधक सदस्यों को नोटिस दिया है. इसमें आश्रम में भीड़ न जुटाने और गाड़ी पार्किंग को शीघ्र ही खाली कराने को कहा गया है.
राम रहीम की पैरोल की अवधि 25 नवंबर को पूरी होगी. इस बीच बीते सप्ताह उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड आदि राज्यों से बढ़ी संख्या में डेरा अनुयायी गाड़ियों से बरनावा आश्रम पहुंचे, हालांकि, पैरोल नियमों में आश्रम को बढ़ी संख्या में अनुयायियों को जमा न होने देने को कहा गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)