लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च 2019 में तत्कालीन उप-ज़िलाधिकारी सदर ने बरेली-जलालाबाद मार्ग पर भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर की प्रचार सामग्री को ज़ब्त किया था, जिसे बिना अनुमति लगाया गया था. इस मामले में शाहजहांपुर के कांट थाने में मुक़दमा दर्ज कराया गया था. कई बार समन के बावजूद भाजपा सांसद अदालत में हाज़िर नहीं हो रहे थे.
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर जिले की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने चुनाव प्रचार सामग्री जब्त किए जाने के एक मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अरुण सागर को फरार घोषित कर दिया है.
विशेष लोक अभियोजन अधिकारी नीलिमा सक्सेना ने बुधवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान 12 मार्च 2019 को तत्कालीन उप-जिलाधिकारी सदर ने बरेली-जलालाबाद मार्ग पर भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर की प्रचार सामग्री को जब्त किया था. इस मामले में कांट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
उन्होंने बताया कि इसी मामले में भाजपा सांसद अरुण सागर कई बार समन के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए और इसके बाद उनके विरुद्ध अदालत ने गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया.
उन्होंने बताया कि जब यह वॉरंट जारी होने के बाद भी वह अदालत में हाजिर नहीं हुए तब न्यायाधीश आसमां सुल्ताना ने बीते 21 नवंबर को उन्हें फरार घोषित कर दिया.
सक्सेना ने बताया कि अदालत द्वारा दिए गए आदेश में कहा गया है कि आदेश की प्रति को सांसद के आवास के साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर भी चस्पा किया जाए.
गौरतलब है कि सांसद अरुण कुमार सागर भाजपा के वर्तमान सांसद हैं.
द हिंदू के मुताबिक, अरुण कुमार सागर ने कहा, ‘यह एक राजनीति से प्रेरित मुद्दा है. मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं जानता. न्यायपालिका के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है और कानून के अनुसार कानूनी उपाय करूंगा.’
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, 12 मार्च 2019 को तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर/सहायक रिटर्निंग ऑफिसर 136 विधानसभा क्षेत्र ददरौल वेद सिंह चौहान भ्रमण कर रहे थे. उन्हें कांट थाना क्षेत्र के गांव रसूलापुर में बरेली-जलालाबाद मार्ग पर तब भाजपा प्रत्याशी रहे अरुण सागर की एक होर्डिंग पर प्रचार सामग्री दिखाई दी. बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के यह प्रचार सामग्री लगाई गई थी. उनकी तहरीर पर कांट थाने में केस दर्ज किया गया था. इसके बाद से अदालत में मुकदमा चल रहा है.
दैनिक जागरण के मुताबिक, सांसद अरुण सागर ने इस बारे में जानकारी से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि समर्थकों ने होर्डिंग लगवाई थी, जिस पर आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था. उनका भी नाम उसमें था. इसके बाद से वकील के माध्यम से वह अपना पक्ष न्यायालय में रख रहे थे. उनके विरुद्ध क्या आदेश जारी हुआ है. इसकी जानकारी नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)