असम-मेघालय सीमा पर पश्चिम कार्बी आंगलोग ज़िले में कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस को गोलियां चलाने की कोई ज़रूरत नहीं थी.
नई दिल्ली/गुवाहाटी/मुकरोह/दिफू: असम-मेघालय सीमा पर हिंसा से निपटने के लिए असम पुलिस की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार को कहा कि उसने अकारण, अनियंत्रित और मनमाने तरीके से बल प्रयोग किया.
मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है. उन्होंने यह भी कहा कि असम-मेघालय सीमा पर शांति है और हाल ही में अंतरराज्यीय सीमा पर स्थानीय लोगों एवं वन रक्षकों के बीच झड़पें हुई थीं.
शर्मा ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे महसूस होता है कि उस हद तक पुलिस को गोलियां चलाने की कोई जरूरत नहीं थी. कुछ हद तक गोलीबारी अकारण थी एवं पुलिस और नियंत्रित तरीके से काम कर सकती थी.’
शर्मा ने कहा कि पुलिस के अनुसार झड़प के दौरान बचाव में बल प्रयोग किया गया था. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मेरे विचार से यह कुछ हद तक मनमाने ढंग से किया गया. ऐसा नहीं होना चाहिए था.’
असम-मेघालय सीमा पर पश्चिम कार्बी आंगलोग जिले में कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को तड़के असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. इनमें मेघालय के पांच नागरिक और असम वन सुरक्षा बल के कर्मचारी बिद्यासिंह लख्ते शामिल हैं.
शर्मा ने कहा कि असम सरकार पूरी ईमानदारी से अपना काम करने की कोशिश कर रही है और पहले ही पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है, वहीं कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
इसका सीमा विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। यह ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। मुझे नहीं लगता कि इसका सीमा वार्ता से कोई लेना-देना है: असम CM हिमंत बिस्वा सरमा pic.twitter.com/HfhFHZYEMz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2022
उन्होंने कहा कि असम सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है और केंद्र से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) जांच कराने का आग्रह किया है.
शर्मा ने कहा, ‘हमने इसे प्रतिष्ठा के विषय के रूप में नहीं लिया है. अगर असम पुलिस के कर्मचारियों की गलती थी, तो वे भी जांच के दायरे में आएंगे.’
उन्होंने कहा कि यह घटना पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद से संबंधित नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं मेघालय के मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं. असम-मेघालय सीमा शांतिपूर्ण है और हमेशा शांतिपूर्ण रही है.’
उल्लेखनीय है कि असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर-राज्यीय सीमा के 12 इलाकों में लंबे समय से विवाद चल रहा है. दोनों पूर्वोत्तर राज्यों ने इनमें से छह इलाकों में विवाद को खत्म करते हुए नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मार्च में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.
दोनों ने बाकी के छह इलाकों में विवाद को हल करने के लिए बातचीत भी शुरू की है. मेघालय को असम से अलग कर 1972 में स्थापित किया और उसने असम पुनर्गठन कानून 1971 को चुनौती दी थी, जिससे विवाद पैदा हुआ.
मेघालय एकमात्र राज्य नहीं है, जिसके साथ असम का सीमा विवाद है. पिछले साल असम-मिजोरम सीमा पर तनाव में भारी वृद्धि देखी गई, जो हिंसा में तब्दील हो गई. इस दौरान असम के पांच पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी और राज्य के कम से कम 42 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
असम ने सीमा हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपी
मेघालय के मंत्रियों और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच होने वाली बैठक से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार को दिल्ली में कहा कि उनके मंत्रिमंडल ने दोनों राज्यों की सीमा पर हुई हिंसा की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है.
असम के मंत्री मध्यकालीन असमी नायक लचित बोरफुकन के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शिकरत करने के लिए दिल्ली आए थे, जहां मंत्रिमंडल की यह अभूतपूर्व बैठक हुई.
असम मंत्रिमंडल ने बीते 22 नवंबर को मेघालय के पांच आदिवासी ग्रामीणों को मार गिराने के आरोपी राज्य के पुलिस बल को भी नागरिकों से जुड़े मुद्दों या अशांति से निपटने के दौरान संयम बरतने का निर्देश दिया.
दिल्ली में आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रिपरिषद ने नागरिकों से संबंधित विवाद से उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने के लिए पुलिस और वनकर्मियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का फैसला किया.
शर्मा ने ट्वीट किया, ‘हमने पुलिस को नागरिकों से निपटने के दौरान घातक हथियारों का उपयोग करने में संयम बरतने को कहा है. इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और वनकर्मियों के लिए एसओपी तैयार किया जाएगा. सभी पुलिस थाना प्रभारियों को इस तरह के विषयों के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा.’
असम कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में दुर्भाग्यपूर्ण पुलिस-नागरिक संघर्ष में छह लोगों की मौत और कई अन्य लोगों के घायल होने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए शोक जताया.
असम के मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हमारे मंत्रिमंडल ने संबंधित पुलिस जांच सीबीआई को सौंपने का भी फैसला किया है.’
We decided to request Hon Justice Smt Rumi Phukan, Retd Judge of Gauhati HC, to conduct a judicial probe into facts & circumstances that led to the incident & conclude the enquiry within 60 days.
Our Cabinet also decided to hand over the related police investigation to CBI. 2/3
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 23, 2022
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रूमी फूकन को घटना के लिए जिम्मेदार रहीं परिस्थितियों की न्यायिक जांच का अनुरोध करने का भी फैसला किया है.
शर्मा ने कहा कि न्यायिक जांच 60 दिन के अंदर पूरी कर ली जाएगी.
इससे पहले मेघालय विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकुल संगमा ने बुधवार (23 नवंबर) को असम पुलिस द्वारा कथित रूप से निहत्थे ग्रामीणों की हत्या को ‘नरसंहार का मामला’ बताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री संगमा ने असम व मेघालय के बीच विवादित सीमा के पास मुकरोह का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारों से मिले. इस जगह हुई हिंसा में छह लोग मारे गए थे.
इससे पहले 22 नवंबर रात मेघालय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 24 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा के नेतृत्व में मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली भेजने का फैसला किया गया था.
Assured all stakeholders gathered that the Government will share the concerns with Hon’ble Union Home Minister @AmitShah Ji and the Ministry during our visit to Delhi this week.
— Conrad K Sangma (@SangmaConrad) November 23, 2022
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने 22 नवंबर को ट्विटर के जरिये शिकायत की थी कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने मेघालय में प्रवेश किया और राज्य के नागरिकों पर अकारण गोलीबारी की.
इस ट्वीट के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को टैग किया था.
मेघालय ने वन रक्षक का शव असम को सौंपा
सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसा में मारे गए वन रक्षक बिद्यासिंह लख्ते का शव बुधवार को मेघालय ने असम को सौंप दिया गया है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.
असम सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ‘मेघालय के प्रशासन ने (लख्ते का) शव बुधवार शाम पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के पास सीमा पर सौंपा. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हमने शव स्वीकार कर लिया.’
असम वन विभाग के कार्यालय में तोड़फोड़, आगजनी
इस बीच असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में मेघालय के ग्रामीणों के एक समूह ने वन विभाग के एक कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
मेघालय के वेस्ट जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव के निवासी कुल्हाड़ियां, छड़ और लाठियां लेकर 22 नवंबर की रात अंतरराज्यीय सीमा पर असम में खेरोनी वन रेंज के तहत आने वाले एक बीट कार्यालय के सामने जमा हो गए और उसे आग के हवाले कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने वन कार्यालय में तोड़फोड़ की और वहां रखे लकड़ी के सामान, दस्तावेजों और परिसर में खड़ी कई मोटरसाइकिल में आग लगा दी.
अधिकारियों ने बताया कि घटना में किसी वनकर्मी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों के मौके पर पहुंचने से पहले ही ग्रामीण वहां से चले गए.
मेघालय में असम के वाहनों पर हमलों की खबर के बाद असम पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वाहन मालिकों से पड़ोसी राज्य में जाने से बचने को कहा है.
गुवाहाटी और कछार जिले सहित असम से मेघालय में प्रवेश करने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर पुलिसकर्मियों ने अवरोधक लगाए और लोगों को असम में पंजीकृत वाहन पहाड़ी राज्य न ले जाने को कहा.
गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त (पूर्व) सुधाकर सिंह ने कहा, ‘हम लोगों को स्थिति पूरी तरह सामान्य होने तक मेघालय न जाने की सलाह दे रहे हैं. हम केवल निजी एवं छोटी कार के मालिकों से यात्रा न करने का अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि कुछ शरारती तत्व वहां ऐसे वाहनों को निशाना बना रहे हैं.’
उन्होंने बताया कि हालांकि अभी तक वाणिज्यिक वाहनों को रोका नहीं गया है.
सूत्रों ने बताया कि असम में पंजीकृत गाड़ियों को 22 नवंबर की शाम मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में आग के हवाले कर दिया गया. इससे पहले शरारती तत्वों ने लोगों को वाहन से उतरने को कह दिया था.
कछार के पुलिस अधीक्षक नुमाल महता ने बताया कि उन्होंने असम और अन्य राज्यों के लोगों को निजी वाहनों से मेघालय की यात्रा नहीं करने को कहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)