महाराष्ट्र: धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए अडाणी समूह ने लगाई सबसे बड़ी बोली

दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी में से एक धारावी की पुनर्विकास परियोजना के तहत 6.5 लाख झुग्गीवासियों का पुनर्वास होना है. अडाणी समूह ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाते हुए डीएलएफ समूह को पीछे छोड़ा है. परियोजना के सीईओ ने बताया कि सरकार को ब्योरा भेजने के बाद बोलीदाता को अंतिम मंज़ूरी मिलेगी.

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दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी में से एक धारावी. (फोटो: रॉयटर्स)

दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी में से एक धारावी की पुनर्विकास परियोजना के तहत 6.5 लाख झुग्गीवासियों का पुनर्वास होना है. अडाणी समूह ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाते हुए डीएलएफ समूह को पीछे छोड़ा है. परियोजना के सीईओ ने बताया कि सरकार को ब्योरा भेजने के बाद बोलीदाता को अंतिम मंज़ूरी मिलेगी.

दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी में से एक धारावी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: अडाणी समूह 259 हेक्टेयर में फैली धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है.

परियोजना के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एसवीआर श्रीनिवास ने कहा कि समूह ने दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी में से एक के पुनर्विकास के लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई. समूह ने डीएलएफ को पीछे छोड़ा, जिसने 2,025 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.

उन्होंने कहा, ‘हम अब सरकार को ब्योरा भेजेंगे. सरकार उस पर विचार करेगी और अंतिम मंजूरी देगी.’

बोली पूरे 20,000 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए थी. परियोजना को लेकर कुल समयसीमा सात साल है. यह क्षेत्र 2.5 वर्ग किलोमीटर में फैला है. परियोजना के तहत झुग्गियों में रह रहे 6.5 लाख लोगों का पुनर्वास करना है.

यह परियोजना विभिन्न जटिलताओं के कारण कई साल से अटकी पड़ी थी. सफल बोलीदाता को मध्य मुंबई में लाखों वर्ग फुट के आवासीय और वाणिज्यिक स्थान बेचकर कमाई करने का मौका मिलेगा.

दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की इकाइयों सहित कुल आठ बोलीदाता अक्टूबर में आयोजित बोली पूर्व बैठक में शामिल हुए थे. उनमें से तीन ने परियोजना के लिए बोली लगाई थी. तीसरा बोलीदाता नमन ग्रुप था, जिसकी बोली पात्र नहीं पाई गई.

सरकार ने सफल बोलीदाता के चयन के लिए कम से कम 20,000 करोड़ रुपये नेटवर्थ की शर्त रखी थी. ऊंची बोली लगाने वाले की परियोजना आवंटित करने से पहले तकनीकी और वित्तीय योग्यता का आकलन किया जाएगा.

बिजनेस स्टैंडर्स के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने 29 नवंबर को धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए वित्तीय बोली खोली थी, जिसे भारत में सबसे बड़ी पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक माना जा रहा है.

धारावी पुनर्विकास परियोजना के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एसवीआर श्रीनिवास ने कहा, ‘हमें तीन बोलियां मिलीं, जिनमें से हमने अडाणी और डीएलएफ की दो वित्तीय बोलियां लीं, क्योंकि नमन समूह तकनीकी बोली में योग्य नहीं था. सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद हम धारावी के पुनर्विकास के लिए एक विशेष प्रयोजन संस्था (एसपीवी) भी बनाएंगे.’

महाराष्ट्र सरकार के अनुसार, इस परियोजना के 17 साल में पूरा होने की उम्मीद है, जबकि पुनर्वास प्रक्रिया को सात साल में पूरा किया जाना है. धारावी पुनर्विकास परियोजना के परिणामस्वरूप कुल मिलाकर एक करोड़ वर्ग फुट से अधिक का निर्माण होने का अनुमान है.

राज्य सरकार ने 2019 के विफल प्रयास के बाद 1 अक्टूबर को धारावी के पुनर्विकास और पुनर्वास के लिए एक वैश्विक निविदा जारी की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)