कांग्रेस ने कहा, सीबीआई अब कंप्रोमाइज ब्यूरो आॅफ इंवेस्टीगेशन हो गई है, जांचकर्ताओं की जांच के लिए कोर्ट जाएंगे. भाजपा बोली, व्यापमं मामले में कांग्रेस के आरोप राजनीति से प्रेरित.
नई दिल्ली: सीबीआई द्वारा व्यापमं घोटाले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को क्लीन चिट दिए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के तहत सीबीआई जांच एजेंसी ‘कम्प्रोमाइज ब्यूरो आॅफ इंवेस्टीगेशन’ यानी समझौता जांच ब्यूरो बन गई है. कांग्रेस ने कहा कि वह व्यापमं मामले में सुनवाई अदालत में निजी याचिका दायर कर जांचकर्ता की जांच करवाने का अनुरोध करेगी.
बहुचर्चित व्यापमं मामले में सीबीआई ने मंगलवार को एक विशेष अदालत में अपना आरोपपत्र दाखिल किया और वस्तुत: इस आरोप खारिज कर दिया कि एक आरोपी से जब्त कंप्यूटर हार्डडिस्क में छेड़छाड़ की गई है जिसमें कथित तौर पर सीएम अक्षरों का जिक्र था.
सीबीआई के इस कदम से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी राहत मिली जो अगले साल विधानसभा चुनाव का सामना करेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, सीबीआई के पास बहुत से नाम थे और उसने व्यापमं पर अब जो कुछ कहा है उससे उसका नाम अब कंप्रोमाइज ब्यूरो आॅफ इंवेस्टीगेशन हो गया है.
कांग्रेस भंडाफोड़ करने वालों का साथ देगी
सिब्बल के साथ पार्टी के नेता विवेक तनखा तथा वरिष्ठ वकील एवं राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले में भंडाफोड़ करने वालों का साथ देगी और जांचकर्ताओं की जांच करवाएगी.
उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में जांच एजेंसी एकपक्षीय ढंग से काम कर रही है और कानून का उल्लंघन कर रही है. आप इस बात को सोच सकते हैं कि ऐसे में लोकतंत्र का क्या होगा.
सिब्बल ने आरोप लगाया कि भंडाफोड़ करने वाला एक व्यक्ति ने अदालत में हलफनामा देकर यह दावा किया था कि एक आईटी विशेषज्ञ ने हार्ड डिस्क को खोला. इससे पहले इस हार्ड डिस्क की विषय सामग्री को एक पेनड्राइव में लिया गया. इसे एक स्वतंत्र प्रयोगशाला में भेजा गया. इस प्रयोगशाला की रिपोर्ट को एजेंसी ने संज्ञान में नहीं लिया.
सहायता के लिए कई वकील सामने आएंगे
पार्टी ने यह भी मांग की कि हार्ड डिस्क को परीक्षण के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के पास भेजा जाना चाहिए. कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख तनखा ने कहा कि इस मामले में भंडाफोड़ करने वाले की सहायता के लिए कई वकील सामने आएंगे.
तुलसी ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा मामला नहीं देखा जिसमें 50 से अधिक गवाह मर गए. उन्होंने आरोप लगाया, पिंजरे में बंद काले तोते की अब गर्दन भी मरोड़ दी गई है.
सिब्बल ने कहा, हम सुनवाई अदालत में एक निजी शिकायत करेंगे और अदालत से फिर से जांच करवाने को कहेंगे. आरोप लगाने वाला ही अब आरोपी बन जाएगा. आरोपपत्र दाखिल करने वाले के विरुद्ध आरोपपत्र दायर किया जाएगा.
भाजपा ने कहा, आरोप आधारहीन
व्यापमं मामले में सीबीआई के आरोपपत्र के आलोक में कांग्रेस की आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए भाजपा ने कहा कि व्यापमं मामले में सीबीआई के आरोपपत्र और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का आरोप पूरी तरह से आधारहीन और राजनीति रूप से प्रेरित है. झूठ को नये सिरे से पेश करके उसे कोई राजनीतिक लाभ प्राप्त नहीं होगा.
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्ह राव ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने पिछले वर्ष भी फर्जी रिपोर्ट और विशेष जांच टीम के समक्ष दिग्विजय सिंह की ओर से पेश फर्जी एक्सेल शीट के आधार पर ऐसे ही आरोप लगाए थे. अब प्रतिष्ठित फोरेंसिक लैब में व्यापक फोरेंसिक जांच के बाद जबलपुर उच्च न्यायालय ने इस वर्ष अप्रैल में व्यवस्था दी कि जो एक्सेल शीट पेश किया गया है, उसके साथ छेड़छाड़ की गई और यह फर्जी है.
एकमात्र व्हिसिलब्लोअर शिवराज सिंह चौहान
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी अपने झूठ को नये रूप में पेश कर रही है और उसे यह गलतफहमी हो गई है कि इस सब से उसे राजनीति लाभ प्राप्त होगा. व्यापमं मामले में एकमात्र व्हिसिलब्लोअर और भंडाफोड़ करने वाले शिवराज सिंह चौहान हैं जिन्होंने इस मामले के सामने आने के तत्काल बाद अगस्त 2013 में विशेष कार्य बल का गठन किया.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जबलपुर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की और उसने अदालत में खुद कहा कि व्यापमं मामले की जांच के लिए सीबीआई एकमात्र विश्वसनीय जांच एजेंसी है. अब उन्हें लग रहा है कि सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में जो आरोप पत्र प्राप्त किया, वह उनके लिए राजनीतिक रूप से उद्देश्यों को प्राप्त करने वाला नहीं है. कांग्रेस जांच के परिणाम के आधार पर सीबीआई में विश्वास का मूल्यांकन कर रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)